प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर भारत की रणनीतिक सोच और नेतृत्व क्षमता को दर्शाया है। रूस के कज़ान शहर में हुए BRICS+ Outreach सम्मेलन में पीएम मोदी ने घोषणा की कि भारत 2026 में BRICS को एक “नए रूप” में ढालने का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत का नेतृत्व “मानवता पहले” के दृष्टिकोण पर आधारित होगा, जिससे बहुपक्षीय व्यवस्था में लोकतांत्रिक मूल्यों और वैश्विक समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
🌍 BRICS की वर्तमान स्थिति और नई चुनौतियाँ
BRICS अब BRICS-11 बन चुका है, जिसमें नए सदस्य देशों को शामिल किया गया है। यह संगठन अब वैश्विक दक्षिण (Global South) के लिए एक प्रमुख मंच बन गया है। लेकिन इसके सामने कई नई चुनौतियाँ भी हैं:
- जलवायु परिवर्तन और आर्थिक असमानता
- खाद्य असुरक्षा और ऊर्जा संसाधनों की पहुंच
- वैश्विक मंचों पर विकासशील देशों की सीमित आवाज़
इन मुद्दों को लेकर BRICS जैसे समूहों की भूमिका अब और भी अहम हो गई है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत इन चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।
Addressed the BRICS Summit Plenary session on ‘Strengthening Multilateralism, Economic-Financial Affairs, and Artificial Intelligence.’ Focused on how to make the BRICS platform even more effective in this increasingly multipolar world. Also gave a few suggestions which are… pic.twitter.com/zRqyEa9q2v
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2025
भारत की 2026 की अध्यक्षता: एक बदलाव की शुरुआत
भारत को BRICS के लिए 2026 की अध्यक्षता मिलना केवल एक सांकेतिक बात नहीं है, यह एक रणनीतिक परिवर्तन की ओर इशारा करता है। पीएम मोदी के अनुसार:
“हम BRICS को ऐसा रूप देंगे जो 21वीं सदी की वैश्विक जरूरतों को प्रतिबिंबित करे।”
इस कथन का मतलब है कि BRICS को केवल एक आर्थिक मंच की बजाय अब वैश्विक नीतियों में असर डालने वाला संगठन बनाया जाएगा। इसके लिए भारत:
- संस्थागत सुधारों की वकालत करेगा
- निर्णय प्रक्रिया को लोकतांत्रिक बनाएगा
- डिजिटल और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगा
Happy to have met President Yamandú Orsi of Uruguay on the sidelines of the BRICS Summit in Brazil. Close ties between our nations are important for the Global South. India is committed to doing everything possible to further deepen relations with Uruguay. In this context, we… pic.twitter.com/32xbV28hTF
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2025
⚒️ मुख्य मुद्दे: क्रिटिकल मिनरल्स, जलवायु परिवर्तन और तकनीकी साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि:
“क्रिटिकल मिनरल्स का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। यह मानवता के हितों के खिलाफ है।”
क्रिटिकल मिनरल्स जैसे तत्व – जो बैटरी, चिप और ग्रीन एनर्जी के लिए जरूरी हैं – उन्हें भू-राजनीतिक हथियार बनाना खतरनाक होगा। भारत इस पर वैश्विक सहमति बनाने की कोशिश करेगा।
साथ ही, भारत जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में:
- ग्रीन टेक्नोलॉजी शेयर करेगा
- सोलर एलायंस जैसे प्रयासों को बढ़ावा देगा
- डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाएगा
🌏 वैश्विक दक्षिण को भारत से उम्मीदें
विकासशील देशों को BRICS से बहुत उम्मीदें हैं, और भारत उनका मुख्य प्रतिनिधि बनकर उभरा है। पीएम मोदी का संदेश साफ था – भारत उनकी आवाज़ बनेगा।
- भारत ने हमेशा दक्षिण-सहयोग (South-South Cooperation) को प्राथमिकता दी है
- हाल ही में G20 की अध्यक्षता में भी भारत ने “Global South” की हिस्सेदारी को प्रमुखता दी थी
- BRICS मंच पर भी भारत उन्हें संसाधनों, तकनीक और नीति से मजबूत बनाएगा
🧭 BRICS का संभावित भविष्य: कैसा होगा नया ढांचा?
2026 में भारत के नेतृत्व में BRICS को जो “नया रूप” मिलेगा, उसके संभावित आयाम ये हो सकते हैं:
- नए सदस्यता नियम: वर्तमान सदस्यता विस्तार की समीक्षा
- संस्थागत पारदर्शिता: निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदारी
- तकनीकी एकीकरण: डिजिटल करेंसी, साझा फिनटेक प्लेटफॉर्म
- सामूहिक रक्षा और रणनीति: सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में संभावनाएँ
भारत का लक्ष्य एक ऐसा BRICS बनाना है जो सिर्फ एक क्लब न रह जाए, बल्कि एक सकारात्मक और प्रभावशाली वैश्विक समूह बन जाए।
The Rio leg of my Brazil visit was very productive. We had extensive deliberations at the BRICS Summit. I compliment President Lula and the Brazilian Government for the work they’ve done through their BRICS Presidency in making this platform even more effective. My bilateral… pic.twitter.com/ZrvQidVTQ4
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2025
🗣️ भारत की वैश्विक नीति का प्रतिबिंब
प्रधानमंत्री मोदी की यह घोषणा केवल कूटनीतिक बयान नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अब विश्व नीति निर्धारण में एक अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है।
2026 में भारत की BRICS अध्यक्षता केवल संगठन के लिए बदलाव नहीं लाएगी, बल्कि वैश्विक व्यवस्था के संतुलन को भी नया स्वरूप दे सकती है।
👉 हाल ही में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई मजबूत बयान दिए हैं, जैसा कि डोनाल्ड ट्रंप के बिल साइनिंग पर हुई चर्चा में भी देखा गया था।