भारत का एविएशन सेक्टर दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। हर दिन लाखों लोग हवाई यात्रा करते हैं, जिसमें उनकी सुरक्षा सबसे अहम होती है। Directorate General of Civil Aviation (DGCA) की ज़िम्मेदारी होती है कि एयरपोर्ट्स, एयरलाइन्स और ग्राउंड स्टाफ सभी सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करें। ऐसे में अगर DGCA खुद ही सुरक्षा में खामियां उजागर कर दे, तो यह पूरे सिस्टम के लिए गंभीर चिंता का विषय बन जाता है।
🔍 DGCA की रिपोर्ट में क्या-क्या सामने आया?
DGCA ने हाल ही में देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर एक व्यापक ऑडिट किया जिसमें कई गंभीर सुरक्षा खामियां सामने आईं। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (दिल्ली), मुंबई एयरपोर्ट, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े केंद्र इस जांच में शामिल थे।
मुख्य खामियां जो DGCA ने पाई:
- पुराने और घिसे हुए टायर (Worn-out Tyres)
- थ्रस्ट रिवर्सर (Thrust Reverser) का खराब होना
- टैक्सीवे मार्किंग (Taxiway markings) का न होना या धुंधला पड़ जाना
- सुरक्षा डॉक्युमेंट्स में खामियां
- फायर सेफ्टी सिस्टम का अपडेट न होना
इन समस्याओं से यह साफ़ हुआ कि ज़मीन पर सुरक्षा मानकों का पालन पूरी तरह नहीं हो रहा, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
The #DGCA has taken strong exception to several defects at major #airports and #airlines and directed them to rectify the flaws within seven days. @mi6rajesh https://t.co/8KG9E52kcP pic.twitter.com/9SxkYNTPJw
— The Pioneer (@TheDailyPioneer) June 25, 2025
🛫 किन कंपनियों और ऑपरेटरों की लापरवाही सामने आई?
DGCA ने किसी विशेष एयरलाइन का नाम सार्वजनिक नहीं किया, पर रिपोर्ट से साफ़ है कि निजी और सरकारी दोनों तरह के ऑपरेटरों में लापरवाही मिली। कुछ मामलों में ग्राउंड स्टाफ का गैर-प्रशिक्षित होना, तो कुछ में इमरजेंसी सिस्टम का अनुपलब्ध होना पाया गया।
विशेष उदाहरण के तौर पर, मुंबई एयरपोर्ट पर टैक्सीवे की लाइटिंग सिस्टम में गड़बड़ी और दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्यूल ट्रक ऑपरेशंस की ऑडिट में दस्तावेज़ों की कमी देखी गई।
⚠️ DGCA की चेतावनी – सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई तय
DGCA ने सभी ऑपरेटरों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर 30 दिनों के अंदर सुधार नहीं हुआ, तो लाइसेंस निलंबन, जुर्माना और सेवाओं को रोकने जैसे कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही, DGCA अब हर तीन महीने में रैंडम ऑडिट करने की योजना भी बना रही है।
इससे पहले भी, 2022 में DGCA ने एक एयरलाइन का लाइसेंस 15 दिनों के लिए निलंबित किया था क्योंकि उसने नियमित मेंटेनेंस को अनदेखा किया था।
. @DGCAIndia orders ‘spl audit’ of Airlines, MROs, training firms, FTOs, ANSP, airport operators, GHAs etc
To focus on examining Safety Management Systems, operational practices & regulatory adherence across all aviation domains
Hope the known weak links get addressed first🤞 pic.twitter.com/HLprfmYZmW
— Saurabh Sinha (@27saurabhsinha) June 22, 2025
👥 यात्रियों की सुरक्षा पर क्या असर पड़ सकता है?
इन खामियों का सबसे ज़्यादा असर आम यात्रियों की सुरक्षा पर पड़ता है। Runway excursion, gear malfunction, या engine fire जैसी घटनाएं पूरी तरह से रोकी जा सकती हैं, अगर एयरपोर्ट और ऑपरेटर समय पर मेंटेनेंस करें।
हाल ही में Air India को भी सुरक्षा जांच के बाद कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में कटौती करनी पड़ी थी, जो दर्शाता है कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। पूरी रिपोर्ट पढ़ें
मनोवैज्ञानिक रूप से भी, यात्री जब यह सुनते हैं कि उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे एयरपोर्ट पर सुरक्षा में खामियां हैं, तो उनका भरोसा डगमगा जाता है।
🌍 भारत की वैश्विक छवि पर असर
भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक सुरक्षित एविएशन डेस्टिनेशन के रूप में देखा जाता है। पर अगर ऐसे ही सुरक्षा खामियां उजागर होती रहीं, तो ICAO जैसी संस्थाएं भारत की रैंकिंग को प्रभावित कर सकती हैं।
विदेशी पर्यटकों और इन्वेस्टर्स के लिए भी यह एक नकारात्मक संदेश हो सकता है। इसलिए DGCA की रिपोर्ट को सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि एक सुधारात्मक दस्तावेज़ समझा जाना चाहिए।
📚 DGCA की रिपोर्ट से क्या सबक मिलते हैं?
DGCA की इस रिपोर्ट से साफ़ होता है कि इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होने के बावजूद, यदि प्रबंधन में ढील दी गई तो खतरा बना रहेगा।
एयरपोर्ट मैनेजमेंट को चाहिए कि:
- हर तीन महीने में आंतरिक ऑडिट करें
- ट्रेंड स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित करें
- सभी उपकरणों का मेंटेनेंस रजिस्टर अपडेट रखें
🔧 सुधार का रास्ता क्या है?
इस रिपोर्ट को सिर्फ आलोचना का माध्यम नहीं, बल्कि सुधार की दिशा मानना चाहिए। DGCA का यह कदम सुरक्षा मानकों की सख्ती से निगरानी को दर्शाता है, जो लंबे समय में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
तकनीक, प्रशिक्षण और नियमित ऑडिट – ये तीन स्तंभ भारत के एविएशन सेक्टर को और मजबूत कर सकते हैं।
✍️ आपकी राय क्या है?
क्या आप मानते हैं कि DGCA को और कड़े कदम उठाने चाहिए? नीचे कमेंट कर के बताएं।