हर साल की तरह इस वर्ष भी ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। लेकिन 29 जून 2025 को यह पावन यात्रा एक दिल दहला देने वाली घटना की गवाह बन गई, जब भीड़ में अचानक भगदड़ मच गई। इस हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। रथ यात्रा जैसे भव्य आयोजन में ऐसा दर्दनाक दृश्य लोगों को अंदर तक हिला गया।
क्या हुआ उस दिन? कैसे मची भगदड़?
घटना सुबह लगभग 11 बजे की बताई जा रही है, जब भगवान बलभद्र का रथ खींचा जा रहा था। भीड़ इतनी अधिक थी कि श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिरने लगे। कई लोगों का दम घुटने लगा, कुछ बेहोश हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार:
“हम रथ के पास खड़े थे, अचानक लोगों की धक्का-मुक्की शुरू हुई, पुलिस नजर नहीं आई।”
भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन और सुरक्षा बल असफल नजर आए। भगदड़ के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी फैल गई और कई श्रद्धालु जमीन पर गिरे नजर आए।
3 dead, 10 injured in stampede during Jagannath Rath Yatra near Puri’s Gundicha Temple
Life of a common people is so cheap in our country
Please don’t politicize it and don’t ask any questions to the BJP government. pic.twitter.com/x3BH99ZusB
— 🚨Indian Gems (@IndianGems_) June 29, 2025
कानून मंत्री ने हादसे को बताया ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’, जांच के बाद सख्त कार्रवाई की बात
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने घटना को लेकर गहरा दुख जताया और इसे “बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। उन्होंने स्पष्ट कहा:
“सरकार इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रही है। जांच के बाद किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”
सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक कमिटी गठित की है, जिसे 30 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। यह तय किया गया है कि घटना की प्रत्येक बारीकी की जांच की जाएगी और यदि कोई लापरवाही पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई होगी।
#WATCH | Puri | Odisha Law Minister Prithiviraj Harichandan says, “…Mahaprabhu with his wish gives darshan to his devotees…Tomorrow, the devotees will have the opportunity to offer prayers…I prayed to Mahaprabhu for the well-being of everyone…”
On the Puri Rath Yatra… pic.twitter.com/sDvlT4XEtF
— ANI (@ANI) June 29, 2025
घायलों और चश्मदीदों की आपबीती : “हमें बचाने कोई नहीं आया”
घटनास्थल पर मौजूद कई श्रद्धालुओं ने प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए। एक घायल व्यक्ति ने अस्पताल में कहा:
“जब भगदड़ हुई, हम मदद के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन पुलिस भाग गई। हमें खींचकर बाहर लाने वाले आम लोग थे।”
घायलों का इलाज पुरी जिला अस्पताल और SCB मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ घायलों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। इस बीच स्थानीय नागरिकों ने भी घायलों की मदद में सक्रिय भूमिका निभाई।
जैसे कि इस रिपोर्ट में भी बताया गया है, रथ यात्रा में कई प्रमुख हस्तियां भी शामिल होती हैं, जिससे आयोजन की भव्यता और भी बढ़ जाती है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल : किसकी थी जिम्मेदारी?
रथ यात्रा जैसा आयोजन प्रशासन के लिए एक भीड़ प्रबंधन चुनौती होता है, लेकिन इस बार सुरक्षा में कई खामियां नजर आईं। रिपोर्ट्स के अनुसार:
- प्रशासन द्वारा भीड़ के लिए अलग रूट की व्यवस्था नहीं थी
- कई जगहों पर सीसीटीवी या ड्रोन निगरानी नहीं थी
- सुरक्षा कर्मियों की तैनाती पर्याप्त नहीं थी
एक स्थानीय दुकानदार ने बताया:
“हमें पहले ही अंदेशा था कि इस बार व्यवस्था कमजोर है, लेकिन किसी ने नहीं सुना।”
सोशल मीडिया पर भी प्रशासन की लापरवाही को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। ट्विटर पर #PuriStampede ट्रेंड कर रहा है।
भीड़ नियंत्रण के लिए भविष्य में क्या बदलाव जरूरी हैं?
रथ यात्रा जैसे आयोजनों में सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि:
- भीड़ नियंत्रित करने के लिए AI आधारित सिस्टम और ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी अपनाई जानी चाहिए
- वॉलंटियर्स और प्रशिक्षित जवानों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए
- श्रद्धालुओं के लिए मोबाइल अलर्ट सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए
पिछले वर्षों में भी ऐसे हादसे हुए हैं, लेकिन इस बार प्रशासनिक नाकामी ने स्पष्ट रूप से सामने आकर एक नई चेतावनी दी है।
सरकार की जांच प्रक्रिया : 30 दिन में रिपोर्ट, क्या होगी पारदर्शिता?
ओडिशा सरकार ने हादसे की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है, जिसे 30 दिनों में पूरी रिपोर्ट सौंपनी है। यह समिति प्रशासन, पुलिस, और चश्मदीदों के बयान लेगी।
लेकिन सवाल यह है कि:
- क्या यह रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी?
- क्या दोषियों के नाम सामने आएंगे?
- क्या यह सिर्फ औपचारिकता होगी या कोई बदलाव भी होगा?
सरकार ने अभी तक रिपोर्ट सार्वजनिक करने की बात नहीं कही है, लेकिन जनता की मांग है कि पारदर्शिता बरती जाए।
श्रद्धा के साथ सुरक्षा भी अनिवार्य
पुरी रथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, यह आस्था का महापर्व है। लेकिन हर साल बढ़ती भीड़ और घटती सुरक्षा तैयारियों ने इसे एक खतरनाक आयोजन बना दिया है। यदि सरकार ने इस बार ठोस कदम नहीं उठाए, तो भविष्य में और भी भयावह हादसे हो सकते हैं।
“श्रद्धा की रक्षा तभी संभव है जब सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले।”