भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच का विवाद किसी से छुपा नहीं है। एक समय पर एक आदर्श जोड़ी माने जाने वाले इन दोनों के रिश्ते में साल 2018 में दरार आई, जब हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा, बेवफाई और मानसिक प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए। मामला कोर्ट तक पहुंचा और लंबे समय तक कानूनी लड़ाई चलती रही।
शमी जहां क्रिकेट मैदान पर देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, वहीं हसीन जहां कानूनी मोर्चे पर लड़ाई लड़ रही थीं। इस पूरे घटनाक्रम में दोनों की बेटी भी प्रभावित हुई, जिसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
कोर्ट का फैसला: हर महीने ₹4 लाख देने का आदेश
हसीन जहां की याचिका पर सुनवाई करते हुए अलीपुर जिला न्यायालय ने मोहम्मद शमी को आदेश दिया कि वह अपनी पत्नी को हर महीने ₹3.5 लाख और बेटी के लिए ₹50,000 का भत्ता दें। कुल मिलाकर यह राशि ₹4 लाख प्रतिमाह तय की गई।
कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि शमी एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं, जिनकी आमदनी लाखों में है, ऐसे में उनकी पत्नी और बेटी को जीवन-निर्वाह के लिए उचित सहयोग मिलना चाहिए।
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इस फैसले के बाद देशभर में चर्चाएं शुरू हो गईं, लेकिन असली प्रतिक्रिया तब आई जब हसीन जहां ने सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखी।
हसीन जहां की प्रतिक्रिया: आत्मविश्वास और संघर्ष की झलक
कोर्ट के फैसले के बाद हसीन जहां ने मीडिया से बातचीत में अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा:
“यह राशि कुछ भी नहीं है, मैं अपनी बेटी के लिए लड़ रही थी।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा था और यह फैसला साबित करता है कि सच की जीत होती है।
हसीन ने कहा:
“मैं न्याय के रास्ते पर हूं और वो अन्याय के रास्ते पर है। वो मुझे बर्बाद करने की कोशिश करता रहा, लेकिन मैं डटी रही।”
उन्होंने खुद को एक संघर्षशील महिला बताया और अपने फैसले को “न्याय की दिशा में एक जीत” करार दिया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह फैसला सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि उन तमाम महिलाओं के लिए है जो घरेलू हिंसा और अन्याय का सामना कर रही हैं।
“₹4 Lakh/p.m. is too little – she needs funds for spa, & Paris trips!” 💅💸
According to her, #Shami‘s lifestyle demands monthly compensation for emotional distress (& designer bags). 😤👜
Who needs love when maintenance cheques are tax-free therapy? 😎 pic.twitter.com/ZQRhgSLlpS— MenToo (@MenTooSave) July 2, 2025
शमी की चुप्पी: क्रिकेट पर फोकस या रणनीति?
कोर्ट के इस फैसले के बाद अब तक मोहम्मद शमी की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। बीसीसीआई या टीम इंडिया की ओर से भी इस विषय में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
ऐसा प्रतीत होता है कि शमी फिलहाल अपने क्रिकेट करियर पर ही ध्यान देना चाहते हैं। वह टीम इंडिया के अहम सदस्य हैं और कई अंतरराष्ट्रीय सीरीज का हिस्सा भी रहे हैं।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सार्वजनिक टिप्पणी न करना एक कानूनी सलाह का हिस्सा हो सकता है ताकि मामला और न उलझे।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: दो हिस्सों में बंटा इंटरनेट
शमी और हसीन जहां के इस केस ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर इस फैसले को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
कुछ यूजर्स ने कहा:
“सेलिब्रिटी होना कानून से ऊपर नहीं बनाता।”
“हसीन जहां ने साहस का उदाहरण पेश किया है।”
वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यह फैसला आर्थिक रूप से अनुचित हो सकता है और इसका असर शमी के करियर पर भी पड़ सकता है।
हालांकि, अधिकांश ने कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि:
“यह फैसला महिलाओं को न्याय दिलाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।”
महिला अधिकार और न्याय की दिशा में एक संदेश
हसीन जहां के इस केस से महिला अधिकारों और न्याय की प्रणाली को लेकर एक नया विमर्श शुरू हुआ है।
जब कोई महिला किसी सेलिब्रिटी के खिलाफ आवाज उठाती है, तो उस पर दोहरा दबाव होता है — समाज का और व्यक्ति विशेष का।
लेकिन हसीन जहां की संघर्षशील छवि ने दिखा दिया कि अगर इरादा मजबूत हो तो न्याय जरूर मिलता है।
“कानून की ताकत क्या होती है, यह दिखाया है।”
यह केस उन हजारों महिलाओं के लिए उदाहरण बन सकता है जो अब तक चुप थीं।
न्याय, गरिमा और समाज को दिया गया संदेश
शमी और हसीन जहां का केस केवल एक पति-पत्नी के विवाद का मामला नहीं है, यह एक ऐसा केस है जो सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और कानून की निष्पक्षता का प्रतीक बन गया है।
इस पूरे मामले में किसी को भी दोषी या निर्दोष ठहराना हमारा काम नहीं है, लेकिन यह कहना उचित होगा कि:
“सच की राह भले लंबी हो, लेकिन मंजिल तक पहुंचाती जरूर है।”
अब देखना होगा कि इस फैसले के बाद शमी की प्रतिक्रिया क्या आती है और क्या वह कोर्ट के आदेश का पालन करते हैं।