एक समय था जब शाम होते ही टेलीविज़न स्क्रीन पर “क्योंकि सास भी कभी बहू थी” की ट्यून बजते ही घरों में सन्नाटा छा जाता था। उस दौर की यादें आज भी करोड़ों लोगों के दिल में ताज़ा हैं। अब वही शो फिर से लौट रहा है, एक नई प्रस्तुति के साथ। शो के टीज़र ने दर्शकों के दिलों में पुरानी भावनाएं फिर से जीवित कर दी हैं।
सोशल मीडिया पर जब से इसका टीज़र आया है, लोग ‘तुलसी’ को फिर से पर्दे पर देखकर भावुक हो गए हैं। 2000 के दशक की उस इमोशनल जर्नी को याद करते हुए लोग कह रहे हैं – “यह सिर्फ सीरियल नहीं, एक एहसास है।”
स्मृति ईरानी का दमदार रिटर्न
राजनीति में बड़ी जिम्मेदारियों को निभा रहीं स्मृति ईरानी अब एक बार फिर उसी किरदार में लौट रही हैं जिसने उन्हें पहचान दिलाई थी – ‘तुलसी’। स्क्रीन पर उनका लुक और हावभाव देखकर यही लगा कि उन्होंने अभिनय से कभी दूरी बनाई ही नहीं।
इस बार भी वही आत्मविश्वास, वही संयमित आवाज़ और वही आंखों में गंभीरता – सब कुछ वैसा ही है। दर्शक कह रहे हैं कि स्मृति ने अभिनय को नहीं छोड़ा था, वो सिर्फ इंतज़ार कर रही थीं उस एक मौके का, जहां वो फिर से ‘तुलसी’ बनकर सबका दिल जीत सकें।
टीज़र ने रच दी उम्मीदों की नई कहानी
जैसे ही टीज़र सामने आया, उसमें दिखी वो जानी-पहचानी आवाज़, और वही पारिवारिक माहौल – एक पल को लगा जैसे वक्त फिर से पीछे लौट गया हो। धीमे बैकग्राउंड म्यूज़िक में ‘तुलसी’ की झलक और उनके डायलॉग्स ने दर्शकों की आंखें नम कर दीं।
टीज़र में नयापन भी दिखा और पुरानी आत्मा भी बरकरार रही। सेट डिज़ाइन से लेकर कैमरा एंगल तक, सब कुछ ऐसा था कि लगा जैसे 2000 की टेलीविज़न मेमोरी फिर से ताज़ा हो गई हो।
#SmritiIrani is back on ITV as the iconic Tulsi in #KyukiSaasBhiKabhiBahuThi Part 2. This will be just a finite show with 200 episodes & it will replace #JaaduTeriNazar. All the best @smritiirani, this time try to be kind towards the crew, eran good karma pic.twitter.com/ATQBLBB20N
— Lady Khabri (@KhabriBossLady) July 7, 2025
सोशल मीडिया पर भावनाओं की बाढ़
टीज़र आते ही सोशल मीडिया पर बाढ़ सी आ गई। फैंस ने पुरानी तस्वीरें शेयर करना शुरू कर दिया, मीम्स बनाए गए, और कमेंट्स की भरमार हो गई। “बचपन लौट आया”, “अब टीवी देखने का मन कर रहा है”, “तुलसी का रिटर्न = गोल्डन एरा की वापसी” – इस तरह की प्रतिक्रियाएं हर तरफ देखने को मिलीं।
एक यूज़र ने लिखा, “आज भी मेरी मम्मी ने आंखों में आंसू ले आए जब उन्होंने तुलसी को देखा।” दूसरे ने कमेंट किया, “अब समझ आया असली एक्टिंग किसे कहते हैं।” सिर्फ पुरानी पीढ़ी ही नहीं, युवा वर्ग भी इस वापसी से रोमांचित दिखा।
क्या नया दर्शक भी शो से जुड़ पाएगा?
सवाल उठता है कि क्या आज की युवा पीढ़ी, जो वेब सीरीज़ और फास्ट-पेस्ड कंटेंट की दीवानी है, वो भी इस तरह के भावनात्मक और पारिवारिक शो से जुड़ पाएगी? शो के मेकर्स ने संकेत दिया है कि रीबूट संस्करण को इस तरह से बनाया गया है कि नई और पुरानी दोनों पीढ़ियां उससे कनेक्ट कर सकें।
कहानी में आधुनिक सामाजिक परिवेश को ध्यान में रखा गया है, लेकिन मूल भावना वही पारिवारिक है जो इसे खास बनाती है। स्क्रिप्ट का रिफाइन टोन और कैरेक्टर डेप्थ नए दर्शकों को जोड़ने में मददगार हो सकती है।
टेलीविज़न इंडस्ट्री में बदलाव का संकेत
इस सीरियल की वापसी को केवल एक शो की वापसी मानना गलत होगा। यह एक ट्रेंड की वापसी है, जिसमें पुरानी कहानियां, मूल्य और भावनाएं फिर से स्क्रीन पर लौट रही हैं। टीवी इंडस्ट्री में एक अरसे से हाई-ड्रामा और ग्लैमर हावी था, परंतु अब ‘भावना प्रधान’ कंटेंट फिर से अपनी जगह बनाने लगा है।
अगर यह शो सफल रहा, तो हो सकता है कि अन्य क्लासिक शोज़ भी फिर से नई प्रस्तुतियों के साथ सामने आएं। इससे दर्शकों को न केवल नया देखने को मिलेगा, बल्कि उन्हें अपने अतीत से जुड़ने का मौका भी मिलेगा।
तुलसी बनाम अनुपमा: नई बहस की शुरुआत
रीबूट के बाद सोशल मीडिया पर एक और चर्चा शुरू हो गई है – तुलसी बनाम अनुपमा। मौजूदा टीवी क्वीन अनुपमा की तुलना अब फिर से ‘तुलसी’ से की जाने लगी है। दर्शक दोनों किरदारों में समानता और भिन्नता को लेकर विचार रख रहे हैं।
कुछ यूज़र्स मानते हैं कि तुलसी की सरलता और गहराई आज भी अनुपमा जैसे किरदारों से आगे है, तो कुछ का मानना है कि अनुपमा ने आज के दौर की नारी को दिखाया है। हालांकि दोनों की अपनी जगह है, लेकिन तुलसी का रिटर्न निश्चित रूप से टीवी पर चर्चा का नया दौर शुरू कर रहा है।
एक युग की वापसी, एक उम्मीद की शुरुआत
इस शो की वापसी ने सिर्फ एक कहानी को नहीं, बल्कि एक युग को वापस लाया है। जिस तरह से दर्शकों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है, वह यह दर्शाता है कि आज भी भावनाओं की ताकत से बड़ी कोई स्क्रिप्ट नहीं होती। टेक्नोलॉजी, ट्रेंड्स और टेंपो भले बदल गया हो, लेकिन इंसान के अंदर की भावनाएं अब भी वैसी ही हैं।
तुलसी का रिटर्न केवल एक किरदार की वापसी नहीं, बल्कि उस भरोसे की वापसी है जो दर्शकों को टीवी से जोड़ता था। अब देखना यह है कि क्या यह रीबूट उतनी ही गहराई से जुड़ पाएगा, जितना उसका मूल संस्करण जुड़ा था।
निष्कर्ष
स्मृति ईरानी की वापसी ने यह साबित कर दिया कि अगर कहानी सच्ची हो और किरदार दिल से निभाए जाएं, तो समय चाहे जितना भी बीत जाए, वो जुड़ाव खत्म नहीं होता। टेलीविज़न के इस नए अध्याय में दर्शकों को भावनाएं, मूल्य और यादों का संगम देखने को मिलेगा।
टीवी पर अब फिर से वो दौर लौटता दिख रहा है, जब एक किरदार पूरे घर को जोड़ देता था। और इस बार वह किरदार कोई और नहीं, बल्कि ‘तुलसी’ ही है।