वडोदरा शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित गंभीरा नदी पर बना एक पुल देर रात उस समय भरभराकर गिर गया, जब वहां से कई लोग और वाहन गुजर रहे थे। यह हादसा रात करीब साढ़े दस बजे हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक भारी ट्रक पुल से गुजर रहा था, तभी पुल का एक हिस्सा अचानक धंस गया और नीचे नदी में गिर गया। इसके साथ ही ट्रक और कई दुपहिया वाहन नदी में समा गए।
अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि, कई की हालत गंभीर
इस हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। घायल लोगों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है। रेस्क्यू टीम को अब भी नदी में फंसे लोगों की तलाश है, जिससे आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
At least 10 killed in bridge collapse in Vadodara.
It’s a full-blown SYNDICATE RAJ under @Bhupendrapbjp, where funds meant for critical infrastructure are looted, contracts handed to unqualified agencies, and @BJP4India leaders line their pockets.
Result? Innocent lives lost. pic.twitter.com/GsIaS2kTp5
— Chandrima Bhattacharya (@Chandrimaaitc) July 9, 2025
रेस्क्यू ऑपरेशन में लगीं NDRF और SDRF की टीमें
घटना की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं। रेस्क्यू ऑपरेशन रातभर चलता रहा। सुबह होते ही राहत कार्यों में तेजी लाई गई। बचावकर्मी बोट्स और गोताखोरों की मदद से नदी में डूबे वाहनों और शवों की तलाश कर रहे हैं।
“कुछ शव नदी के बहाव में दूर चले गए थे, जिन्हें कई किलोमीटर दूर से बरामद किया गया है।” — बचाव टीम के एक वरिष्ठ सदस्य ने जानकारी दी।
प्रशासन सतर्क, लगातार निगरानी जारी
स्थानीय प्रशासन की ओर से घटना स्थल पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। एंबुलेंस और राहत सामग्री को पर्याप्त मात्रा में तैनात किया गया है। लापता लोगों की जानकारी के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
इस प्रकार की आपदाएं देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार देखी जा रही हैं — हाल ही में हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन और 72 से अधिक मौतों की खबर ने भी चिंताएं बढ़ा दी हैं।
#BridgeCollapse
🔶Bridge over Mahisagar River collapsed at Padra Taluka, Vadodara
🔶#SAR ops conducted by NDRF teams with Vadodara Fire Services & civil admin
🔶5 injured persons shifted to hospital and dead bodies retrieved
🔶Ops called off for the night;to resume in the morning pic.twitter.com/KT6D9rmGSn— NDRF 🇮🇳 (@NDRFHQ) July 9, 2025
पुल की हालत पहले से खराब थी? स्थानीय लोगों ने जताई नाराज़गी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पुल कई वर्षों से खराब स्थिति में था, और बार-बार प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई थी। लेकिन मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति होती रही। हादसे के बाद से लोगों में गुस्सा और दुख दोनों है।
पीड़ित परिवारों का दर्द: “बेटा घर लौट ही रहा था…”
हादसे में अपने परिजनों को खो चुके कई लोग अस्पताल और मौके पर बदहवास देखे गए। एक पीड़ित महिला ने बताया, “मेरा बेटा घर लौट ही रहा था, लेकिन अब उसका शव मिला है। यह प्रशासन की लापरवाही है।”
पुल का इतिहास और तकनीकी स्थिति
गंभीरा नदी पर बना यह पुल करीब 40 साल पुराना बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुल की संरचना में बड़े स्तर पर जंग और दरारें देखी गई थीं। हाल ही में इस पर कोई बड़ा मरम्मत कार्य नहीं हुआ था, जिससे इसकी मजबूती पर सवाल उठते हैं।
प्राथमिक जांच शुरू, जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया तेज़
प्रशासन ने एक तकनीकी जांच समिति गठित की है, जो 48 घंटे के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद यह तय होगा कि हादसे के लिए किस विभाग या अधिकारी को ज़िम्मेदार ठहराया जाए। पुल के निर्माण और रखरखाव से जुड़ी फाइलों को खंगाला जा रहा है।
क्या यह मोरबी हादसे जैसी लापरवाही थी?
हाल ही में गुजरात के ही मोरबी में झूला पुल हादसा हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। वडोदरा की यह घटना भी उसी तरह की लापरवाही का नतीजा मानी जा रही है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुराने पुलों की समय पर जांच और मरम्मत नहीं हो रही?
देश के विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती भूकंपीय गतिविधियों ने भी बुनियादी ढांचे पर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं। कुछ ही दिन पहले दिल्ली-NCR में आए जोरदार भूकंप ने एक बार फिर यह याद दिलाया कि आपदा प्रबंधन और मजबूत निर्माण कितना जरूरी है।
जनता को कैसे रहें सतर्क? क्या करें ऐसे हालात में
- पुल की जर्जर स्थिति देखें तो तुरंत स्थानीय निकाय को सूचित करें
- ट्रैफिक नियमों का पालन करें, भारी वाहन अधिक भार के साथ पुराने पुलों पर न चलाएं
- सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाएं, केवल अधिकृत जानकारी साझा करें
जिम्मेदारी तय करना ज़रूरी है
वडोदरा का यह पुल हादसा एक बार फिर सार्वजनिक संरचनाओं की निगरानी और रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जहां एक ओर लोगों की जान गई है, वहीं दूसरी ओर अब प्रशासन के फैसलों की सच्ची परीक्षा है।
यह देखना होगा कि जांच निष्पक्ष होती है या नहीं, और क्या भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सकेगा।