भारत और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से चल रहे व्यापारिक संबंधों को एक नई दिशा देते हुए एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान हुआ। इसे भारत की वैश्विक कूटनीति और आर्थिक विकास की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं अस्थिरता से जूझ रही हैं। भारत और ब्रिटेन दोनों इस करार को आर्थिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम मानते हैं। इस दौरे से जुड़ी जानकारी आप यहां पढ़ सकते हैं।
दोनों देशों के नेताओं की मौजूदगी में हुआ करार
लंदन में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान दोनों देशों के नेताओं की उपस्थिति में इस समझौते की घोषणा की गई। भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे “दोनों देशों के रिश्तों का नया अध्याय” बताया।
यह समझौता व्यापार, सेवाएं, निवेश, वीज़ा प्रक्रियाएं, और बौद्धिक संपदा जैसे कई क्षेत्रों को कवर करता है।
An insightful thread, giving a glimpse of the transformative impact of India-UK CETA… https://t.co/q2LXmoHDpP
— Narendra Modi (@narendramodi) July 25, 2025
समझौते के प्रमुख प्रावधान
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के अंतर्गत कई प्रमुख बदलाव देखने को मिलेंगे। ब्रिटेन से आयात होने वाले उत्पादों पर भारत में टैक्स में राहत मिलेगी। वहीं भारत की टेक, फार्मा, और टेक्सटाइल कंपनियों को ब्रिटिश बाज़ार में बेहतर पहुंच मिलेगी।
इसके अलावा, भारतीय पेशेवरों के लिए ब्रिटेन में वर्क वीज़ा और परमिट पाने की प्रक्रिया सरल होगी। यह खासकर छात्रों और स्किल्ड वर्कर्स के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
आर्थिक फायदे: दोनों देशों के लिए लाभदायक सौदा
भारत को इस समझौते से निर्यात बढ़ाने, निवेश आकर्षित करने और विदेशी कंपनियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने जैसे कई फायदे होंगे।
ब्रिटेन को भी एक युवा और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में व्यापार विस्तार का मौका मिलेगा। ब्रेक्ज़िट के बाद ब्रिटेन के लिए यह साझेदारी रणनीतिक रूप से बेहद जरूरी मानी जा रही है।
रणनीतिक और वैश्विक दृष्टिकोण से महत्व
यह समझौता सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है। दोनों देशों ने संकेत दिए हैं कि वे रक्षा, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और डिजिटल क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाना चाहते हैं।
इस साझेदारी को भारत की विदेश नीति की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति और मजबूत होगी।
Concluding a very important UK visit. The outcomes of this visit will benefit our future generations and contribute to shared growth and prosperity. Gratitude to the PM Keir Starmer, the UK Government and people for their warmth. Here are highlights from the visit…… pic.twitter.com/nUaiGh9DNc
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2025
विशेषज्ञों और विपक्ष की प्रतिक्रिया
विशेषज्ञों ने इस समझौते को संतुलित और दीर्घकालिक दृष्टिकोण वाला बताया है। उनका मानना है कि इससे छोटे और मझोले व्यवसायों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा।
भारत में विपक्ष ने फिलहाल इस समझौते पर कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी है। अधिकांश व्यापारिक संगठनों ने इसका स्वागत किया है।
आम लोगों के लिए इसका क्या असर होगा?
इस समझौते का असर आम लोगों तक भी पहुंचेगा। विदेश से आने वाले कई उत्पादों की कीमतें कम हो सकती हैं।
शिक्षा, स्टार्टअप, और स्किल डेवेलपमेंट के क्षेत्र में नए अवसर खुल सकते हैं। IT और टेक्नोलॉजी से जुड़े युवाओं को ब्रिटेन में काम करने के अवसर मिल सकते हैं।
भविष्य की दिशा क्या होगी?
भविष्य में दोनों देश शिक्षा, जलवायु और रक्षा के क्षेत्र में साझा परियोजनाओं पर काम कर सकते हैं। इसमें स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, स्कॉलरशिप, ग्रीन एनर्जी योजनाएं और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं।
निष्कर्ष
भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ यह फ्री ट्रेड समझौता दोनों देशों के संबंधों को एक नई मजबूती देगा। यह समझौता न सिर्फ आर्थिक क्षेत्र में बल्कि कूटनीतिक, सामाजिक और रणनीतिक स्तर पर भी कई नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की विदेश नीति के लिए एक और मील का पत्थर साबित हुई है, जिससे भारत की वैश्विक भूमिका और मजबूत हुई है।




















