शाहरुख का पुराना वीडियो फिर चर्चा में
हाल ही में बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हुआ है, जिसमें वह नेशनल अवॉर्ड को लेकर अपनी नाराज़गी जाहिर करते नजर आते हैं। इस वीडियो में SRK कहते हैं कि 2004 में आई उनकी फिल्म ‘Swades’ के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिलना चाहिए था, जो उस वक्त सैफ अली खान को ‘Hum Tum’ के लिए मिला था।
यह बयान एक बार फिर से उस दौर की बहस को ताज़ा कर देता है जब Swades जैसी गंभीर फिल्म को नज़रअंदाज़ कर हल्की-फुल्की कॉमेडी को पुरस्कृत किया गया।
‘Swades’ बनाम ‘Hum Tum’: 2004 के नेशनल अवॉर्ड का विवाद
2004 में रिलीज़ हुई दो विपरीत शैली की फिल्में – आशुतोष गोवारिकर निर्देशित ‘Swades’ और कुणाल कोहली की ‘Hum Tum’ – उस साल नेशनल अवॉर्ड की दौड़ में थीं। एक तरफ Swades ने समाज, विज्ञान और देशभक्ति को जोड़ने वाला भावनात्मक संदेश दिया, वहीं Hum Tum एक शहरी रोमांटिक कॉमेडी थी।
जब सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार सैफ अली खान को ‘Hum Tum’ के लिए मिला, तो कई लोग हैरान रह गए। इंडस्ट्री और दर्शकों का एक बड़ा वर्ग मानता था कि शाहरुख की ‘Swades’ में परफॉर्मेंस कहीं ज्यादा गहराई और वजनदार थी।
शाहरुख की बात: ‘मुझे नेशनल अवॉर्ड मिलना चाहिए था’
वायरल इंटरव्यू में शाहरुख खान ने कहा:
“I really felt I should have got the National Award for Swades. Saif got it for Hum Tum. I was like, ‘He got a National Award for that?’”
इस बयान में ईर्ष्या नहीं, बल्कि खुद के काम पर भरोसा और एक सच्चे कलाकार की ईमानदारी दिखाई देती है। SRK ने Swades में एक ऐसे NRI का किरदार निभाया था जो अपने गांव लौटकर समाज के लिए बदलाव लाना चाहता है – यह भूमिका उनके करियर की सबसे गंभीर और प्रेरणादायक भूमिकाओं में से एक मानी जाती है।
Throwback to the time SRK publicly said that he should have won the National Award in 2005 for Swades than Saif for Hum Tum.#ShahRukhKhan
NATIONAL AWARD FOR SRK pic.twitter.com/vGxZnuRpkL
— Redditbollywood (@redditbollywood) August 1, 2025
Swades: एक सिनेमाई धरोहर
Swades भले ही उस समय बॉक्स ऑफिस पर बड़ा धमाका न कर पाई हो, लेकिन आज यह cult classic फिल्मों में गिनी जाती है। फिल्म में मोहन भार्गव का किरदार, उसका गांव लौटना, बिजली लाना और शिक्षा की बात करना – ये सब बातें भारतीय समाज के जमीनी मुद्दों को छूती हैं।
शाहरुख ने इस भूमिका को इतनी सादगी और भावनात्मक गहराई से निभाया कि आज भी लोग उस फिल्म को देखकर भावुक हो जाते हैं।
‘Hum Tum’ से तुलना में ‘Swades’ का सामाजिक प्रभाव
जहां Hum Tum एक हल्की-फुल्की, रोमांटिक फिल्म थी, जिसमें सैफ ने एक कार्टूनिस्ट की भूमिका निभाई थी, वहीं Swades में समाजिक मुद्दों की परतें थीं। दोनों फिल्मों का टोन और थीम अलग थे, लेकिन गंभीरता और अभिनय की दृष्टि से Swades का योगदान कहीं अधिक गहन था।
यह बहस आज भी जारी है कि क्या उस वर्ष का पुरस्कार सही व्यक्ति को मिला था?
सोशल मीडिया पर चर्चा और फैन्स का रिएक्शन
SRK के इस बयान के वायरल होते ही फैन्स ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #JusticeForSwades और #SRK Deserved National Award जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
कई लोगों ने लिखा कि Swades एक प्रेरणादायक फिल्म थी जो केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सोच बदलने का जरिया बनी।
The system that skipped Swades but honoured Jawan needs introspection. SRK deserved a National Award for Swades, not Jawan. Period. #ShahRukhKhan #NationalFilmAwards pic.twitter.com/LOWtv24ffR
— Hemant Batra (@hemantbatra0) August 1, 2025
बॉलीवुड में ट्रेंड बदलता दिख रहा है
आज जब ओटीटी और सोशल मीडिया के ज़रिये दर्शकों को नए ज़रिए मिल चुके हैं, तो फिल्में सिर्फ ग्लैमर नहीं बल्कि कंटेंट के दम पर चल रही हैं। इसी तरह की कंटेंट-ड्रिवन अप्रोच हम ‘Laughter Chefs 2’ जैसे शो में भी देख सकते हैं, जहाँ Elvish और Karan जैसे यंग चेहरे भी Chef Sokhi के साथ प्रतिभा दिखा रहे हैं। इस पर हमारी रिपोर्ट यहां पढ़ें।
इससे साफ है कि अब सिर्फ नाम नहीं, परफॉर्मेंस और असल इमोशन की कद्र हो रही है।
क्या अब शाहरुख को मिलना चाहिए यह सम्मान?
वर्तमान में Swades को जितना सराहा जाता है, वह उस समय के अवॉर्ड से कहीं ज्यादा मूल्यवान प्रतीत होता है। मगर यह भी सच है कि एक सच्चे कलाकार को उसका सम्मान समय रहते मिलना चाहिए।
अब जब यह इंटरव्यू फिर से चर्चा में है, तो शायद यह सही समय है कि सिनेमा जगत ऐसे टैलेंट और परफॉर्मेंस को फिर से पहचाने।
सम्मान से ज्यादा ज़रूरी है पहचान
शाहरुख खान ने Swades में जो किरदार निभाया था, वह आज भी करोड़ों लोगों के दिल में बसा है। यह फिल्म समाज, विज्ञान, देशभक्ति और मानवीय मूल्यों का मेल है। और शाहरुख की यह बात भी उतनी ही सच्ची है – “मुझे Swades के लिए National Award मिलना चाहिए था।”
इस पूरे घटनाक्रम से यही सीख मिलती है कि सिनेमा का मूल्यांकन केवल ट्रेंड और हाइप से नहीं, उसके सामाजिक प्रभाव और कला की गहराई से किया जाना चाहिए।