उत्तर प्रदेश की धरती ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में प्रदेश के पहले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह परियोजना न सिर्फ़ यूपी बल्कि पूरे भारत को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में नई उड़ान देगी।
भारत ने 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है और यह कदम उस दिशा में एक बड़ा योगदान माना जा रहा है। योगी सरकार का दावा है कि यह प्रोजेक्ट आने वाले वर्षों में गोरखपुर की पहचान बदल देगा और इसे ऊर्जा हब के रूप में स्थापित करेगा।
ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की अहमियत
यह ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट महज़ एक ऊर्जा परियोजना नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा का नया अध्याय है।
- इससे उद्योगों को वैकल्पिक और स्वच्छ ईंधन मिलेगा।
- प्रदेश को पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करनी पड़ेगी।
- गोरखपुर को इसलिए चुना गया क्योंकि यहाँ पहले से कई औद्योगिक इकाइयाँ मौजूद हैं और यह क्षेत्र योगी आदित्यनाथ का संसदीय क्षेत्र भी है, जिससे राजनीतिक और आर्थिक दोनों स्तर पर अहमियत बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री ने उद्घाटन के दौरान कहा कि यह प्रोजेक्ट यूपी को “ऊर्जा आत्मनिर्भरता” की दिशा में आगे बढ़ाने वाला है।
जनपद गोरखपुर में आज ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन एवं सम्मिश्रण सुविधा का शुभारंभ किया।
यह प्लांट रिसर्च के साथ ही हमारी युवा शक्ति को इनोवेशन के साथ जोड़कर उनके लिए प्रगति के नए मार्ग प्रशस्त करेगा।
Torrent Group को शुभकामनाएं एवं जनपद वासियों को हार्दिक बधाई! pic.twitter.com/npRNn6EzQM
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 17, 2025
प्लांट की तकनीकी जानकारी
इस ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट में Electrolysis Process के ज़रिए पानी से हाइड्रोजन तैयार किया जाएगा। यह तकनीक पूरी तरह पर्यावरण-मित्र है।
- उत्पादन क्षमता: प्रतिवर्ष हजारों टन ग्रीन हाइड्रोजन बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
- ऊर्जा आपूर्ति: इसका इस्तेमाल भारी उद्योगों, परिवहन, और रसायनिक उद्योगों में किया जा सकेगा।
- तकनीकी महत्व: यह प्लांट भारत के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट होगा, जिसे आगे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकेगा।
पर्यावरणीय लाभ
ग्रीन हाइड्रोजन का सबसे बड़ा लाभ इसका पर्यावरणीय असर है।
- पारंपरिक कोयला और पेट्रोलियम की तुलना में यह शून्य कार्बन उत्सर्जन करता है।
- इससे यूपी में वायु प्रदूषण में कमी आएगी और वातावरण अधिक स्वच्छ बनेगा।
- यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत की मदद करेगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्रीन एनर्जी का विस्तार भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करेगा।
जनपद गोरखपुर में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन एवं सम्मिश्रण सुविधा के उद्घाटन हेतु आयोजित कार्यक्रम में… https://t.co/4Sn8nPxnMh
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 17, 2025
यूपी में औद्योगिक विकास पर असर
यह प्लांट गोरखपुर को सिर्फ़ धार्मिक और शैक्षणिक केंद्र नहीं बल्कि औद्योगिक ऊर्जा हब बनाने में भी मदद करेगा।
- यहां नए निवेश आकर्षित होंगे।
- हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
- यूपी की छवि एक प्रगतिशील और निवेशक-हितैषी राज्य के रूप में और मजबूत होगी।
यही नहीं, हाल ही में योगी सरकार की उपलब्धियों को लेकर जारी रिपोर्ट में यूपी में सड़क हादसों में आई कमी और अन्य सफलताएं का उल्लेख किया गया था। उसी क्रम में यह ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट भी सरकार की उपलब्धियों की सूची में जुड़ गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर महत्व
भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह वादा किया है कि वह 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन हासिल करेगा।
- यूपी का यह ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट भारत की ग्रीन हाइड्रोजन मिशन 2030 का हिस्सा है।
- यह देश को वैश्विक ग्रीन एनर्जी बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
- भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में यूपी का योगदान महत्वपूर्ण रहेगा।
योगी आदित्यनाथ का विज़न
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कहा:
- ऊर्जा आत्मनिर्भरता ही भविष्य का मार्ग है।
- यूपी को स्वच्छ ऊर्जा का हब बनाना उनका सपना है।
- पहले से चल रहे सोलर प्रोजेक्ट्स, बायो-एनर्जी योजनाओं को भी आगे बढ़ाया जाएगा।
योगी ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य न केवल उद्योगों को ऊर्जा देना है बल्कि आम जनता तक भी स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा पहुंचाना है।
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
इस प्रोजेक्ट को लेकर गोरखपुर के लोगों में गर्व और उत्साह है।
- कई लोगों का मानना है कि अब गोरखपुर की पहचान सिर्फ़ धार्मिक नगरी तक सीमित नहीं रहेगी।
- ऊर्जा विशेषज्ञों ने कहा कि यह प्लांट भारत की ग्रीन एनर्जी क्रांति को और गति देगा।
- निवेशकों का भी मानना है कि यह कदम यूपी को निवेश का हॉटस्पॉट बना सकता है।
भविष्य की योजनाएं
योगी सरकार की योजना है कि अगले कुछ वर्षों में यूपी में और भी ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट्स लगाए जाएं।
- औद्योगिक क्लस्टर्स और ऊर्जा-घनी इकाइयों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- यूपी को भारत का ग्रीन एनर्जी लीडर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
- यह परियोजना भारत के “Hydrogen Energy Mission 2030” को मजबूती देगी।
निष्कर्ष
गोरखपुर का यह ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट उत्तर प्रदेश और भारत की ऊर्जा यात्रा का नया अध्याय है।
योगी आदित्यनाथ की यह पहल न केवल औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन का आधार बनेगी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण का भी मार्ग प्रशस्त करेगी।
यह प्रोजेक्ट यूपी को हरित ऊर्जा की दिशा में आत्मनिर्भर और अग्रणी राज्य बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।