विपक्षी गठबंधन ने इस बार उप-राष्ट्रपति पद के लिए पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज सुधर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाकर राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। यह फैसला सिर्फ एक चुनावी रणनीति नहीं, बल्कि एक संदेश है कि विपक्ष अब ऐसे चेहरे को सामने लाना चाहता है जिसकी छवि निष्पक्ष, ईमानदार और जनता से जुड़ी हो।
सुधर्शन रेड्डी का सफर
सुदर्शन रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ और वहीं से उन्होंने अपनी शिक्षा और करियर की शुरुआत की। कड़ी मेहनत और ईमानदारी ने उन्हें न्यायपालिका के ऊँचे पद तक पहुँचाया। सुप्रीम कोर्ट में जज रहते हुए उन्होंने कई अहम फैसले दिए, जिनमें पारदर्शिता और जनहित हमेशा केंद्र में रहा।
Former SC Judge B. Sudershan Reddy named CHINDI candidate for V-P post!
But was his judicial record bit biased toward CONgress?
In 2011, his Nandini Sundar ruling struck down Chhattisgarh’s Salwa Judum militia, used by BJP State govt to fight Naxals. Did this weaken BJP’s… pic.twitter.com/IjxYsx5cvo
— BhikuMhatre (@MumbaichaDon) August 19, 2025
न्यायपालिका में सख्त छवि
रेड्डी ने अपने कार्यकाल में बार-बार यह साबित किया कि न्यायपालिका केवल कागज़ी फैसलों की संस्था नहीं है, बल्कि यह जनता के विश्वास की रक्षा करने का सबसे बड़ा स्तंभ है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी टिप्पणियाँ और फैसले उन्हें अन्य न्यायाधीशों से अलग बनाते हैं।
यूपीए सरकार को घेरने वाली टिप्पणी
उनके कार्यकाल का सबसे चर्चित पहलू तब सामने आया जब उन्होंने एक घोटाले के मुद्दे पर यूपीए सरकार को कठोर शब्दों में घेरा था। उन्होंने साफ कहा था कि “लोकतंत्र तभी सुरक्षित रहेगा जब सत्ता में बैठे लोग जवाबदेही निभाएँ।” यह बयान उस समय के राजनीतिक माहौल में बेहद असरदार साबित हुआ और उनकी पहचान और भी मजबूत हो गई।
विपक्ष का यह चुनाव क्यों?
विपक्ष ने उन्हें चुनकर यह दिखाने की कोशिश की है कि वह सत्ता की राजनीति से ऊपर उठकर ईमानदार छवि वाले उम्मीदवार को सामने लाना चाहता है। इससे न सिर्फ जनता के बीच भरोसा बढ़ेगा बल्कि सत्ता पक्ष पर भी नैतिक दबाव बनेगा।
आंध्र प्रदेश का राजनीतिक महत्व
रेड्डी आंध्र प्रदेश से आते हैं। इस वजह से विपक्ष का यह फैसला दक्षिण भारत की राजनीति को भी सीधे प्रभावित करता है। आंध्र प्रदेश का वोट बैंक और क्षेत्रीय संतुलन विपक्ष के लिए अहम है और यही वजह है कि इस राज्य से उम्मीदवार चुना गया।
सत्ता और विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष के इस फैसले पर सरकार और सत्ता पक्ष ने भी नजरें टिका दी हैं। सत्ता पक्ष से जुड़े नेताओं ने संकेत दिया है कि उनकी रणनीति पहले से तैयार है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री की अपील वाला मुद्दा भी चर्चा में आया जब उन्होंने उप-राष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन को समर्थन देने की अपील की थी। यह दिखाता है कि सत्ता और विपक्ष दोनों ओर से यह चुनाव अब केवल औपचारिकता नहीं रहा, बल्कि गंभीर राजनीतिक जंग बन चुका है।
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर लोग रेड्डी की उम्मीदवारी को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई लोग उनकी ईमानदार छवि की तारीफ कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे विपक्ष की राजनीतिक चाल बता रहे हैं। ट्विटर और अन्य प्लेटफॉर्म पर इस विषय पर लगातार ट्रेंड देखने को मिल रहा है।
भविष्य की राजनीति पर असर
अगर सुधर्शन रेड्डी उप-राष्ट्रपति बनते हैं, तो संसद की कार्यवाही में उनकी निष्पक्ष भूमिका बेहद अहम होगी। यह न केवल विपक्ष को मजबूती देगा बल्कि देश की राजनीति में एक नई पारदर्शिता की उम्मीद भी जगाएगा।
निष्कर्ष
विपक्ष ने सुधर्शन रेड्डी को आगे लाकर एक स्पष्ट संदेश दिया है—“हम सत्ता से नहीं, ईमानदारी से राजनीति करना चाहते हैं।” आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस फैसले को कितना समर्थन देती है और क्या यह रणनीति विपक्ष के लिए लाभकारी साबित होगी।
आपका क्या मानना है? क्या विपक्ष का यह कदम सही दिशा में है? अपनी राय हमें कमेंट में ज़रूर बताइए।