पंजाब के कपूरथला ज़िले से सामने आई एक बड़ी कार्रवाई ने पूरे प्रदेश को चौंका दिया है। पुलिस ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर रहा था। इस रैकेट के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं।
दिल्ली–पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार पुलिस को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ लोग नकली दस्तावेज़ तैयार कर युवाओं को वीज़ा दिलाने का झांसा दे रहे हैं। इनपुट मिलने के बाद पंजाब और दिल्ली की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर मुख्य आरोपी को धर दबोचा। कार्रवाई के दौरान कई अहम दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ज़ब्त किए गए।
मास्टरमाइंड का बैकग्राउंड
गिरफ्तार व्यक्ति कपूरथला का रहने वाला है और लंबे समय से वीज़ा से जुड़ी अवैध गतिविधियों में शामिल बताया जा रहा है। वह खुद को वैध एजेंट बताकर लोगों का विश्वास जीतता और विदेश में नौकरी दिलाने का दावा करता था। उसकी गतिविधियों का नेटवर्क राज्य के अलग-अलग हिस्सों तक फैला हुआ था।
Acting on secret information, Kapurthala Police busts a major cyber fraud racket in #Phagwara that primarily targeted people in the #USA & #Canada under the guise of providing software solutions, arresting 36 accused on the spot and recovering 40 laptops, 67 mobile phones, and… pic.twitter.com/jeh4Bvt2M8
— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) September 19, 2025
कैसे चलता था फर्जी वीज़ा रैकेट
यह गिरोह सोशल मीडिया और निजी संपर्कों के ज़रिये युवाओं से संपर्क करता। पहले कम फीस दिखाकर भरोसा दिलाया जाता, फिर “तेज़ प्रोसेसिंग” और “पक्के वीज़ा” के नाम पर लाखों रुपये लिए जाते। नकली पासपोर्ट स्टिकर, जाली वीज़ा लेटर और फर्जी मुहरों का इस्तेमाल कर दस्तावेज़ तैयार किए जाते।
पीड़ितों की कहानी
कई युवाओं ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर-गहने तक बेचकर पैसे जुटाए थे। कुछ परिवारों ने ऋण लेकर रकम अदा की। महीनों इंतज़ार करने के बाद जब दस्तावेज़ असली नहीं निकले तो लोगों को धोखे का पता चला। कई पीड़ित अब मानसिक और आर्थिक तनाव से गुजर रहे हैं।
पुलिस की बरामदगी
कार्रवाई के दौरान पुलिस को नकली वीज़ा स्टिकर, पासपोर्ट की फोटोकॉपी, मोबाइल फोन, लैपटॉप और भारी नकदी मिली। सभी बरामद सामग्री को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि आगे की कानूनी कार्रवाई मजबूत की जा सके।
कानूनी धाराएँ
आरोपी पर ठगी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने से जुड़ी धाराएँ लगाई गई हैं। इसके अलावा विदेशी नागरिक अधिनियम के अंतर्गत भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है। दोषी पाए जाने पर आरोपी को लंबी सज़ा और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों की राय
इमिग्रेशन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि विदेश जाने के इच्छुक लोगों को केवल सरकारी मान्यता प्राप्त एजेंसियों पर ही भरोसा करना चाहिए। हर भुगतान की रसीद और लिखित अनुबंध रखना ज़रूरी है। वकीलों के अनुसार इस तरह के मामलों में त्वरित रिपोर्ट और दस्तावेज़ सबूत के रूप में बेहद अहम हैं।
पंजाब में बढ़ते वीज़ा फ्रॉड
पिछले कुछ वर्षों में पंजाब में ऐसे मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बेहतर रोजगार और विदेशी जीवनशैली का सपना देखने वाले युवा अक्सर आसान रास्तों के झांसे में आ जाते हैं। पुलिस का कहना है कि जागरूकता अभियान तेज़ कर इस प्रवृत्ति को कम किया जा सकता है।
आम जनता के लिए चेतावनी
- हमेशा सरकारी या आधिकारिक वेबसाइट पर वीज़ा आवेदन करें।
- किसी भी एजेंट को नकद भुगतान से पहले उसकी वैधता की जांच करें।
- सभी दस्तावेज़ों की प्रतिलिपि और लेन-देन का रिकॉर्ड अपने पास रखें।
संबंधित खबर की कड़ी
हाल ही में पंजाब में हुई एक और चौंकाने वाली घटना ने राज्य में सुरक्षा और विश्वास को लेकर सवाल खड़े किए हैं। यहाँ पढ़ें: 71 वर्षीय अमेरिकी नागरिक की पंजाब में हत्या, एनआरआई से शादी के लिए आई थीं। यह घटना भी दिखाती है कि विदेश से जुड़े वादों में कितनी सावधानी बरतने की जरूरत है।
समापन
कपूरथला में उजागर यह फर्जी वीज़ा रैकेट सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी है। विदेश जाने का सपना देखने वाले युवाओं को चाहिए कि वे किसी भी ऑफर को परखें, वैधता जांचें और लालच में न आएं। आपकी क्या राय है? क्या सरकार को ऐसे मामलों में और सख्त कानून बनाने चाहिए? नीचे कमेंट में अपने विचार साझा करें।