भारतीय क्रिकेट टीम में जब भी कोई नया चेहरा डेब्यू करता है, फैंस की नज़र उस खिलाड़ी के हर मूवमेंट पर होती है। लेकिन जब गेंदबाज़ी की बात आती है, और वो भी तेज़ गेंदबाज़ी की, तो उम्मीदें दोगुनी हो जाती हैं। अंशुल कांबोज, एक ऐसा ही नाम है जिसने अपने पहले ही मैच में शानदार गेंदबाज़ी कर सबका ध्यान खींचा है।
कांबोज की बॉलिंग लेंथ, सीम मूवमेंट और फील्ड प्लेसमेंट की समझ बता रही थी कि वो सिर्फ एक डेब्यूटेंट नहीं, बल्कि एक सोच-समझकर टीम में शामिल किया गया खिलाड़ी हैं। उनके पहले स्पैल ने ही विपक्षी बल्लेबाज़ों को बैकफुट पर डाल दिया।
अश्विन की बड़ी टिप्पणी – “ऐसा 30-40 टेस्ट खेल चुके गेंदबाज़ भी नहीं कर पाए”
टीम इंडिया के अनुभवी स्पिनर ने कांबोज की तारीफ करते हुए कहा,
“ऐसी स्किल्स तो कई बार 30-40 टेस्ट खेलने वालों में भी नहीं दिखती।”
अश्विन के अनुसार, कांबोज में वो स्वाभाविक कौशल है जो बहुत ही कम गेंदबाज़ों में देखा जाता है। ये कोई तुक्का नहीं था — उनकी गेंदबाज़ी में संतुलन, आत्मविश्वास और कंट्रोल सभी कुछ साफ झलक रहा था।
उनकी बॉलिंग वैरायटी, लाइन लेंथ का परफेक्शन और माइंड गेम ने एक अनुभवी गेंदबाज़ की याद दिला दी। यह एक सामान्य तारीफ नहीं, बल्कि टीम इंडिया की गेंदबाज़ी को लेकर गंभीर संकेत है कि अब उसे एक और भरोसेमंद विकल्प मिल गया है।
ज़हीर और बुमराह जैसी झलक – क्या कांबोज अगली बड़ी खोज हैं?
बड़ी तुलना करने के लिए बड़ी परफॉर्मेंस ज़रूरी होती है। लेकिन कांबोज के पहले ही प्रदर्शन में ज़हीर खान जैसी नैचुरल सीम मूवमेंट और बुमराह जैसी शांत आक्रामकता नजर आई।
उनकी रन-अप लंबी नहीं थी, लेकिन गति, स्विंग और बैकस्पिन इतनी सटीक थी कि बल्लेबाज़ उनकी गेंदों को ठीक से पढ़ ही नहीं पा रहे थे। यही वह गुण है जो बुमराह और ज़हीर जैसे गेंदबाज़ों को खास बनाता है – और अब यही बात कांबोज में देखी गई।
कांबोज की वैरायटी और एंगल उन्हें सिर्फ एक सीम-बॉलर नहीं बनाते, बल्कि ऐसे गेंदबाज़ के रूप में पेश करते हैं जो विपक्षी टीम को मानसिक दबाव में डाल सकता है।
“With Bumrah and Siraj there, if you are bringing in Anshul Kamboj into the playing XI, I’m telling you, it’s a serious bowling attack.”
“The most appreciable thing about Anshul Kamboj is that he understands the plan. I have seen so many bowlers who, even after playing 30–40… pic.twitter.com/BNqfpoAtqg
— Cricket.com (@weRcricket) July 22, 2025
कांबोज का टीम इंडिया में योगदान – भविष्य की प्लानिंग शुरू?
कई बार भारतीय टीम के पास स्किल वाले गेंदबाज़ होते हैं, लेकिन उनमें अनुभव या नियंत्रण की कमी होती है। वहीं कुछ गेंदबाज़ों के पास एक्सपीरियंस होता है लेकिन फिटनेस या निरंतरता की कमी। लेकिन कांबोज दोनों का मिश्रण हैं।
उन्हें न केवल टेस्ट क्रिकेट के लिए उपयुक्त माना जा सकता है, बल्कि सफेद गेंद क्रिकेट में भी वो बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उनकी लाइन लेंथ पर पकड़, गेंद की ग्रिप और विकेट के पीछे सोच यह दर्शाती है कि वो भारत के लिए लंबी रेस का खिलाड़ी हो सकते हैं।
विदेशी पिचों पर, जहां उछाल और सीम मूवमेंट मिलती है, वहां कांबोज जैसे बॉलर भारतीय टीम के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।
अन्य युवा पेसर्स बनाम कांबोज – कहां खड़े हैं वो इस रेस में?
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय टीम ने कई युवा गेंदबाज़ आजमाए — उमरान मलिक, प्रसिद्ध कृष्णा, अर्शदीप सिंह, नवदीप सैनी जैसे नाम चर्चा में रहे। लेकिन सभी में कोई न कोई एक विशेषता थी — गति, स्विंग या लेंथ।
कांबोज में ये सभी चीज़ें एक साथ देखने को मिल रही हैं।
- उमरान जहां रॉ पेस पर निर्भर करते हैं, वहीं कांबोज माइंड गेम के साथ गेंदबाज़ी करते हैं।
- अर्शदीप सीम पर काम करते हैं, लेकिन कांबोज की सीम + लेंथ का कॉम्बिनेशन और बेहतर है।
- प्रसिद्ध जहां बीच के ओवरों में स्ट्रगल करते हैं, कांबोज वहां प्रेशर बना सकते हैं।
कांबोज में “मैच को पढ़ने की समझ”, गेंद को प्लान के हिसाब से डालने की क्षमता और माइंडफुल टेम्परामेंट दिखता है, जो उन्हें अलग बनाता है।
जैसे मैदान पर एक खिलाड़ी की सोच पूरी टीम को दिशा देती है, वैसा ही मामला हाल ही में IND vs PAK के मैच में भी देखा गया, जहां एक प्लेयर की हरकत ने माहौल खराब कर दिया।
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फैंस और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया – सबका चहेता बना कांबोज
कांबोज के डेब्यू के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर तारीफ हुई।
पहले ही ओवर में एक मेडन और दूसरे ओवर में विकेट लेकर उन्होंने एक मजबूत छाप छोड़ी।
ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर
- #AnshulKamboj ट्रेंड करने लगा
- क्रिकेट पंडितों ने उनकी शांत गेंदबाज़ी की तारीफ की
- फैंस ने उन्हें “Mini Bumrah” और “Right-Hand Zaheer” जैसे नाम देने शुरू कर दिए
कांबोज का शांत व्यवहार और धारदार बॉलिंग स्टाइल, दोनों ने फैंस को मंत्रमुग्ध कर दिया है।
क्या कांबोज भारत की गेंदबाज़ी को नई ऊंचाई देंगे?
भारत की तेज़ गेंदबाज़ी यूनिट आज दुनिया की टॉप यूनिट्स में मानी जाती है। लेकिन बुमराह, शमी और सिराज जैसे गेंदबाज़ों के बाद अब टीम को नए जोश और युवा खून की ज़रूरत है।
कांबोज उस कमी को पूरा कर सकते हैं।
उनकी पहली पारी ही बता गई कि
- वो सिर्फ एक ट्राय नहीं, बल्कि प्लान का हिस्सा हैं
- उनके पास स्किल भी है और माइंडसेट भी
- और सबसे ज़रूरी – वो खुद को साबित करने के लिए तैयार भी हैं
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि
क्या टीम मैनेजमेंट उन्हें निरंतर मौके देता है,
या वो भी कई अन्य टैलेंट्स की तरह सिर्फ एक मैच में सीमित रह जाएंगे?
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