तीसरे टेस्ट में भारत के तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वो क्यों टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद हथियार हैं। लेकिन, इंग्लैंड की निचली क्रम की बल्लेबाज़ी ने जिस तरह भारतीय आक्रमण का मुकाबला किया, उसने मैच की दिशा पलट दी। अब पूरा भार भारतीय बल्लेबाज़ों पर आ गया है, जो इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में टीम को मज़बूती दिला सकते हैं।
तीसरे टेस्ट की शुरुआत: उम्मीदें और रणनीति
तीसरे टेस्ट का आगाज़ काफी रोचक अंदाज़ में हुआ। भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी चुनी, और शुरुआत से ही इरादे साफ़ थे – इंग्लैंड को जल्द समेटना। जसप्रीत बुमराह ने पहली ही स्पेल में बल्लेबाज़ों को परेशानी में डाला। परिस्थितियाँ गेंदबाज़ों के अनुकूल थीं और बुमराह ने इसका पूरा फ़ायदा उठाया।
Bumrah need to strike more
Tail end is fighting
8th wicket partnership cross 30+ run#ENGvIND pic.twitter.com/jwxE2rX62L— JAY (@jaycibby) July 11, 2025
बुमराह की धारदार गेंदबाज़ी और ‘आवाज़ आया है’ पल
बुमराह ने अपनी लाइन और लेंथ से इंग्लिश बल्लेबाज़ों को बाँध दिया। उनकी स्पीड, स्विंग और सटीकता ने एक के बाद एक विकेट गिराए। सबसे दिलचस्प क्षण तब आया जब उन्होंने DRS के जरिए एक विकेट लिया। ऑन-फील्ड अंपायर ने नॉट आउट दिया था, लेकिन बुमराह ने विश्वास के साथ कप्तान से रिव्यू लेने को कहा, क्योंकि उन्होंने स्टंप्स के पास से “आवाज़” सुनी थी। यह DRS सफल रहा और बुमराह को लगातार दो गेंदों पर विकेट मिल गया।
यह वह पल था जिसने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। लॉर्ड्स की गूंजती आवाज़ों के बीच बुमराह की सूझबूझ और एकाग्रता ने एक नया उदाहरण पेश किया।
इंग्लिश टेल ने खेल पलटा: दबाव में भारत
हालाँकि बुमराह और सिराज ने टॉप ऑर्डर को सस्ते में पवेलियन भेज दिया था, लेकिन इंग्लैंड की टेल ने चुपचाप रन जोड़ना शुरू किया। क्रिस वोक्स और मार्क वुड ने धैर्यपूर्वक खेलते हुए भारत को थका दिया। छोटे-छोटे पार्टनरशिप ने इंग्लैंड को 250 के पार पहुँचा दिया। यह स्कोर भारतीय टीम की उम्मीदों से कहीं अधिक था।
इसी बीच सोशल मीडिया पर भी चर्चाएँ तेज़ थीं कि बुमराह की मेहनत पर इंग्लिश टेल ने पानी फेर दिया। भारत की रणनीति पर भी सवाल उठने लगे कि क्या गेंदबाज़ों को पर्याप्त सपोर्ट मिला?
Abt 34 times Bumrah made English batters play fall shots yesterday n had only one wicket. Today it changed in terms of results. High quality bowling from BOOM BOOM.
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) July 11, 2025
अब ज़िम्मेदारी बल्लेबाज़ों पर: क्या देंगे जवाब?
इंग्लैंड की पारी समाप्त होने के बाद सबकी निगाहें भारत की बल्लेबाज़ी पर थीं। रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे बल्लेबाज़ों से उम्मीदें थीं कि वे मजबूत शुरुआत देंगे। लेकिन शुरुआती विकेट गिरने से टीम पर दबाव बन गया।
बुमराह का प्रदर्शन जितना शानदार था, उतनी ही ज़रूरत अब बल्लेबाज़ों को संयम और तकनीक से खेलने की है। इंग्लैंड की गेंदबाज़ी में वोक्स और ब्रॉड जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं जो मौके का फायदा उठाना जानते हैं।
इस पूरे परिदृश्य में विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों की भूमिका अहम होगी। यदि भारत को मैच में वापसी करनी है, तो शीर्ष क्रम को जिम्मेदारी दिखानी होगी।
रणनीति की समीक्षा: कहाँ रह गई चूक?
क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि भारत ने इंग्लैंड की निचली क्रम की ताकत को हल्के में ले लिया। लगातार एक जैसी लेंथ डालने और फील्ड प्लेसमेंट में बदलाव न करने से इंग्लिश बल्लेबाज़ों को सेट होने का समय मिल गया। बुमराह की धारदार स्पेल के बावजूद, उन्हें दूसरे छोर से वैसा समर्थन नहीं मिला।
DRS का मामला भी रणनीति का हिस्सा बन गया। कुछ फैसलों पर खिलाड़ियों का भरोसा कम था, जबकि बुमराह जैसे खिलाड़ियों ने सही समय पर रिव्यू लेकर विकेट भी निकाले।
WTC और सीरीज में भारत की स्थिति
यह टेस्ट न केवल सीरीज के लिहाज़ से, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के नज़रिए से भी अहम है। अगर भारत यह टेस्ट हारता है, तो WTC के फाइनल की राह और कठिन हो सकती है। हर मैच अब फाइनल जैसा है और जीत के लिए हर खिलाड़ी को योगदान देना होगा।
इस संदर्भ में देखना होगा कि अगले टेस्ट के लिए टीम क्या बदलाव करती है। क्या गेंदबाज़ी में रोटेशन होगा? क्या बल्लेबाज़ी क्रम में कोई फेरबदल किया जाएगा?
गौतम गंभीर का नज़रिया और टीम के प्रति समर्थन
बल्लेबाज़ों पर सवाल उठते ही गौतम गंभीर जैसे पूर्व खिलाड़ी टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए सामने आए। हाल ही में उन्होंने BCCI की फैमिली ट्रैवल पॉलिसी का समर्थन करते हुए कहा कि खिलाड़ी छुट्टी पर नहीं हैं, बल्कि वह अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह दृष्टिकोण टीम के प्रति एक सकारात्मक समर्थन का संकेत है, जो मुश्किल परिस्थितियों में आत्मबल बढ़ाता है।
मैच का निष्कर्ष: बुमराह अकेले काफी नहीं
यह बात स्पष्ट है कि एक खिलाड़ी के भरोसे मैच नहीं जीते जा सकते। बुमराह ने एक बार फिर साबित किया कि वह टेस्ट क्रिकेट के बेहतरीन गेंदबाज़ों में से एक हैं, लेकिन जीत के लिए गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी दोनों विभागों को संतुलन दिखाना होगा।
यह प्रदर्शन दर्शाता है कि भारत के पास प्रतिभा है, लेकिन योजना और निष्पादन में एकरूपता की ज़रूरत है। फील्डिंग से लेकर रणनीति तक, हर क्षेत्र में सुधार की गुंजाइश है।
आपकी राय क्या है?
क्या आपको लगता है कि बुमराह का यह स्पेल मैच जिताने के लिए काफी था? या फिर इंग्लिश टेल की रन साझेदारी से मैच दूर खिसक गया?
👇 नीचे कमेंट करके हमें बताएं कि आप भारत की बल्लेबाज़ी से क्या उम्मीद करते हैं और इस मैच में टीम की रणनीति कैसी होनी चाहिए थी।