5 अप्रैल 2025 को श्रीलंका की राजधानी कोलंबो एक ऐतिहासिक पल की गवाह बनी जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भव्य औपचारिक स्वागत के साथ श्रीलंका में आमंत्रित किया गया। श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने खुद एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और परंपरागत नृत्य व संगीत के साथ सांस्कृतिक स्वागत हुआ।
यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत-श्रीलंका के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक ठोस कदम है। खासकर BIMSTEC सम्मेलन के मौके पर इस दौरे की समय-सीमा बताती है कि दक्षिण एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की कूटनीति कितनी सक्रिय और भविष्यद्रष्टा है।
“Modi receives ceremonial welcome in Colombo” केवल एक हेडलाइन नहीं, बल्कि दो देशों के बीच विश्वास, साझेदारी और सांस्कृतिक एकता की कहानी का शीर्षक बन गया है।
A special welcome at 🇱🇰’s majestic Independence Square!
PM @narendramodi was welcomed by President @anuradisanayake with a ceremonial reception at the Independence Square in Colombo.
Bilateral discussions to foster a partnership for a shared future & mutual prosperity of our… pic.twitter.com/CmeqZwsQ3w
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) April 5, 2025
भारत-श्रीलंका संबंधों की पृष्ठभूमि
भारत और श्रीलंका का रिश्ता सिर्फ भौगोलिक नज़दीकी तक सीमित नहीं, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी गहरा है। भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से लेकर तमिल भाषी आबादी और रामायण के किस्सों तक—इन दोनों देशों की सभ्यता एक-दूसरे से जुड़ी हुई है।
राजनीतिक दृष्टि से भी, भारत ने हमेशा श्रीलंका की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया है। आर्थिक संकट के समय भारत द्वारा 4 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता और बुनियादी ज़रूरतों की पूर्ति के लिए भेजी गई मदद को श्रीलंकाई जनता आज भी सराहती है।
ट्वीट्स और लाइव अपडेट्स का विश्लेषण
पीएम मोदी ने कोलंबो पहुंचते ही ट्वीट किया:
“कोलंबो पहुंच कर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। श्रीलंका के भाइयों और बहनों के साथ संवाद करने को उत्सुक हूँ। हमारे संबंधों में नई ऊर्जा भरने का समय है।”
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भी ट्वीट कर मोदी का स्वागत किया और लिखा:
“हमारे प्रिय मित्र प्रधानमंत्री मोदी जी का कोलंबो में स्वागत करते हुए गौरव महसूस हो रहा है।”
ट्विटर पर #ModiInSriLanka और #IndiaSriLankaPartnership जैसे हैशटैग्स ट्रेंड करने लगे। कई भारतीय और श्रीलंकाई नागरिकों ने इस दौरे को “ऐतिहासिक” करार दिया। ट्वीट्स में लोगों ने खासकर रक्षा और डिजिटल समझौते की सराहना की।
Highlights from Colombo…
The community connect and cultural vibrancy were on full display. pic.twitter.com/V1wkwTBrB4
— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2025
मुख्य समझौते और घोषणाएं
इस दौरे का सबसे अहम पहलू रहा कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर। दोनों देशों ने रक्षा, ऊर्जा, डिजिटल कनेक्टिविटी और आर्थिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में गहरी साझेदारी को मजबूत किया।
- रक्षा सहयोग: समुद्री सुरक्षा और संयुक्त नौसेना अभ्यास को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया।
- ऊर्जा समझौता: भारत और श्रीलंका के बीच ग्रिड इंटरकनेक्शन की योजना से दोनों देशों को बिजली आपूर्ति में मदद मिलेगी।
- डिजिटल कनेक्टिविटी: भारतीय UPI प्रणाली को श्रीलंका में लागू करने पर सहमति बनी।
- आर्थिक निवेश: एक नया भारत-श्रीलंका इन्वेस्टमेंट कॉरिडोर प्रस्तावित किया गया, जिसमें बंदरगाह, लॉजिस्टिक्स और आईटी हब शामिल होंगे।
ये सभी समझौते सिर्फ द्विपक्षीय लाभ के नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि के वाहक भी बनेंगे।
The rains were no deterrent for a spectacular welcome by the Indian community in Colombo. I was deeply moved by their warmth and enthusiasm. Grateful to them! pic.twitter.com/O8YUP6Vjxw
— Narendra Modi (@narendramodi) April 4, 2025
भारतीय समुदाय के साथ संवाद
पीएम मोदी ने श्रीलंका में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत और श्रीलंका के बीच “दिलों का रिश्ता” बताते हुए कहा:
“आप जहां भी हैं, भारत हमेशा आपके साथ है।”
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हुए मोदी ने भारतीय संगीत, नृत्य और परंपराओं को साझा सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा बताया। उन्होंने श्रीलंकाई युवाओं को भारत में उच्च शिक्षा और स्कॉलरशिप की सुविधा का लाभ उठाने का आमंत्रण भी दिया।
चुनौतीपूर्ण मुद्दों पर चर्चा
हालांकि दौरा सौहार्दपूर्ण था, लेकिन कुछ जटिल मुद्दों पर भी बातचीत हुई:
- मछुआरा विवाद: भारतीय मछुआरों के श्रीलंकाई जल क्षेत्र में प्रवेश को लेकर विवाद वर्षों पुराना है। इस पर दोनों देशों ने एक संयुक्त कार्यबल बनाने का फैसला किया है।
- श्रीलंका का आर्थिक संकट: भारत ने एक बार फिर भरोसा दिलाया कि वह श्रीलंका की पुनरुद्धार प्रक्रिया में सहयोग जारी रखेगा।
- चीन का प्रभाव: श्रीलंका में चीन की बढ़ती मौजूदगी पर भारत ने परोक्ष रूप से चिंता जताई और रणनीतिक संतुलन बनाए रखने की बात की।
डिप्लोमेसी और रणनीति की व्याख्या
यह दौरा केवल एक शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि “Neighbourhood First” नीति की व्यावहारिक अभिव्यक्ति थी। भारत BIMSTEC के ज़रिए पूरे बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में स्थिरता और समावेशी विकास को बढ़ावा दे रहा है।
PM मोदी की यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करती है, बल्कि क्षेत्रीय नेतृत्व में भारत की भूमिका को भी मज़बूत करती है। श्रीलंका जैसे देश भारत को सिर्फ एक ‘पड़ोसी’ नहीं बल्कि एक ‘भागीदार’ के रूप में देखने लगे हैं।
निष्कर्ष
कोलंबो में पीएम मोदी का स्वागत केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह दो देशों के रिश्तों में बढ़ते विश्वास और साझा भविष्य की बुनियाद थी। आने वाले समय में इन समझौतों और संवाद से न केवल भारत और श्रीलंका के संबंधों में मजबूती आएगी, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में शांति और विकास की नई लहर दौड़ेगी।
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