भीषण गर्मी और हीटवेव से जूझती दिल्ली-एनसीआर में आखिरकार मौसम ने राहत की करवट ली है। रविवार रात से ही आसमान में बादल मंडरा रहे हैं और सोमवार सुबह से तेज़ हवाओं के साथ हल्की बूँदाबाँदी शुरू हो चुकी है। मौसम विभाग ने दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत पूरे एनसीआर क्षेत्र के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
गर्मी से बेहाल लोगों के लिए यह खबर सुकून लेकर आई है, लेकिन इसके साथ-साथ कुछ तैयारियों की जरूरत भी है। येलो अलर्ट का मतलब होता है संभावित खराब मौसम जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अलर्ट करना है कि वे सतर्क रहें और आवश्यक सावधानियां अपनाएं।
किन क्षेत्रों में येलो अलर्ट और क्या है इसका असर
मौसम विभाग के मुताबिक येलो अलर्ट खासकर दिल्ली, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लिए जारी किया गया है। इन शहरों में अगले 24 से 36 घंटों के दौरान तेज़ बारिश के साथ गरज-चमक और तेज़ हवाओं का सामना हो सकता है।
नोएडा और गाज़ियाबाद में भी आंशिक चेतावनी दी गई है, हालांकि वहां हालात थोड़े बेहतर रहने की उम्मीद है। इस समय दिल्ली के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है, वहीं बाहरी इलाकों में अधिक तेज़ बारिश हो सकती है।
I guess we are expecting too much. Monsoon is already early in north India. Its just 22 June today and normal onset date for Delhi NCR and Haryana are 28 June to 30 June. So nothing to worry about. Full monsoon ahead of us. #DelhiNCR #Delhi pic.twitter.com/OoM3ow11OC
— 🔴All India Weather (@pkusrain) June 22, 2025
आज का मौसम अपडेट: कैसा रहेगा दिनभर का हाल?
सुबह के समय हल्की ठंडी हवाएं चल रही हैं और आसमान बादलों से घिरा हुआ है। तापमान में भी 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि दोपहर बाद से लेकर शाम के समय तक तेज़ बारिश के साथ गरज और बिजली गिरने की भी आशंका है।
दिल्ली के सिविक सेंटर, आईटीओ, द्वारका, पंजाबी बाग और करोल बाग जैसे क्षेत्रों में अधिक जलभराव की संभावना जताई गई है। कार्यालय जाने वाले लोगों और विद्यार्थियों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
मानसून कब पहुंचेगा दिल्ली में? जानिए संभावित तारीख
फिलहाल दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अच्छी प्रगति दिखाई है। हालांकि दिल्ली और आसपास के इलाकों में इसकी एंट्री सामान्य से थोड़ा देरी से मानी जा रही है।
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 26 जून से 30 जून के बीच मानसून दिल्ली पहुंच सकता है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों ही दिशाओं से नमी बढ़ रही है, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दिल्ली को भी मानसूनी बारिश की सौगात मिल जाएगी।
पिछले वर्षों की तुलना में, इस बार मानसून की चाल थोड़ी धीमी रही है, लेकिन जैसे-जैसे हवा में नमी बढ़ रही है, संभावना जताई जा रही है कि जुलाई की शुरुआत तक एनसीआर क्षेत्र में झमाझम बारिश होगी।
सैटेलाइट इमेज से क्या मिल रहे संकेत?
सैटेलाइट से प्राप्त हालिया चित्रों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के ऊपर घने बादलों का जाल छा चुका है। इन बादलों की दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर की ओर है, जो मानसून की आम चाल को दर्शाता है।
बादलों की गति तेज़ है और हवाओं की दिशा में लगातार परिवर्तन देखा जा रहा है। इसका मतलब है कि बारिश सिर्फ एक-दो दिन नहीं, बल्कि अगले हफ्ते तक रुक-रुक कर जारी रह सकती है।
बारिश का सबसे ज्यादा प्रभाव दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच रहने की संभावना है। इसलिए नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वे इस अवधि में अनावश्यक यात्रा से बचें।
तेज़ बारिश का असर: क्या तैयारी करें नागरिक?
भारी बारिश के कारण जलभराव, ट्रैफिक जाम और पेड़ गिरने जैसी घटनाएं आम हो सकती हैं। दिल्ली नगर निगम और गुरुग्राम प्रशासन ने दावा किया है कि ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किया गया है, लेकिन बीते अनुभवों के अनुसार, कुछ क्षेत्रों में परेशानी आ सकती है।
लोगों को चाहिए कि वे घर से निकलने से पहले मौसम की अपडेट जांच लें, छाता साथ रखें और वाहन धीरे चलाएं। बिजली से जुड़े उपकरणों से दूरी बनाए रखें और कोशिश करें कि ज्यादा देर तक बाहर न रहें।
स्कूलों और दफ्तरों को भी अलर्ट किया गया है कि वे जरूरत पड़ने पर वर्क फ्रॉम होम या ऑनलाइन क्लास का विकल्प दें।
आज का दिन सावधानी से बिताएं
दिल्ली-एनसीआर के लिए बारिश राहत तो लेकर आई है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं। मौसम विभाग की चेतावनी को नज़रअंदाज़ न करें। येलो अलर्ट का मतलब खतरा नहीं, बल्कि सतर्कता है।
घर से निकलने से पहले मौसम की जानकारी ज़रूर लें और संभव हो तो यात्रा टाल दें। मानसून करीब है और उसके पूरी तरह सक्रिय होने पर मौसम में और बदलाव आएगा।
दिल्ली में मौसम का यह बदलाव कितना प्रभावशाली होगा, यह समय बताएगा लेकिन फिलहाल सतर्कता ही सुरक्षा है।