डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के व्यापारिक हितों को सर्वोपरि रखते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति में बड़ा बदलाव लेकर आए हैं। इस बार उनके निशाने पर भारत रहा, जिसके निर्यात पर 25% टैरिफ पहले की तरह लागू रखा गया है। वहीं पाकिस्तान और बांग्लादेश को राहत देते हुए टैरिफ दरों में कमी की गई है।
यह फैसला 2024 में घोषित ट्रंप की ‘Reciprocal Tariff’ नीति का ही हिस्सा है, जिसके तहत अमेरिका उन देशों पर उतनी ही शुल्क दरें लगाता है जितनी वे अमेरिका के उत्पादों पर लगाते हैं।
भारत पर 25% टैरिफ बरकरार: संकेत क्या हैं?
ट्रंप ने भारत पर टैरिफ की दरों को जस का तस रखा है, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि अमेरिका अब भारत की व्यापारिक नीतियों से संतुष्ट नहीं है।
मुख्य बात: भारत पर 25% टैरिफ पहले की तरह लागू रहेगा।
भारत की रूस से सस्ते तेल की खरीद और कुछ अन्य व्यापारिक फैसलों को अमेरिका ने बराबरी की नजर से नहीं देखा है। ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि जब तक भारत अपनी नीतियों में “अमेरिकी हित” को ध्यान में नहीं रखता, तब तक टैरिफ में कोई राहत नहीं मिलेगी।
इससे यह सवाल उठता है कि क्या यह निर्णय अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में दूरी बढ़ा सकता है? साथ ही भारत को क्या नया रणनीतिक जवाब देना चाहिए?
पाकिस्तान और बांग्लादेश को मिली राहत
जहां भारत पर कोई राहत नहीं दी गई, वहीं पाकिस्तान और बांग्लादेश को ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ में बड़ी राहत दी है।
मुख्य बात: पाकिस्तान का टैरिफ 31% से घटकर 19% और बांग्लादेश का टैरिफ 30% से घटकर 20% किया गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह राहत अमेरिका के रणनीतिक उद्देश्यों को दर्शाती है, जहां वह दक्षिण एशियाई देशों के साथ व्यापार को फिर से बैलेंस करना चाहता है। विशेष रूप से टेक्सटाइल, प्लास्टिक और कृषि उत्पादों पर ये राहत लागू की गई है, जिससे दोनों देशों के निर्यात को गति मिल सकती है।
Trump chicha is back with the danda.
25% tariff on India.
Penalty for buying Russian oil.
Called our trade barriers “obnoxious.”Giftnifty down ~150 points pic.twitter.com/Qsst3vskMp
— Pankaj Maddesiya (@iamPank4j) July 30, 2025
‘Reciprocal Tariff’ नीति क्या है?
ट्रंप की इस नीति के अनुसार, अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश के उत्पादों पर उतनी ही दरें लागू करेगा। यह नीति ‘एक आंख के बदले एक आंख’ की व्यापारिक व्याख्या मानी जा रही है।
इस नीति से अमेरिका को जहां अपने व्यापार घाटे को कम करने की उम्मीद है, वहीं कई विकासशील देशों के लिए यह नीति चिंता का विषय बन चुकी है। भारत भी उन्हीं में से एक है, क्योंकि उसकी निर्यात पर निर्भरता बढ़ रही है।
रूस से सस्ते तेल की खरीद और उसका संबंध
ट्रंप प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की रूस से सस्ते तेल की खरीद अमेरिका के लिए चिंता का विषय है।
मुख्य बात: रूस से सस्ते तेल की खरीद को अमेरिका भारत के “स्ट्रैटेजिक स्वार्थ” के रूप में देखता है।
ट्रंप ने साफ किया कि अमेरिका को तब तक व्यापार में बराबरी नहीं मिलेगी, जब तक भारत जैसी अर्थव्यवस्थाएं अपने हितों को अमेरिका से ऊपर रखती रहेंगी। यह बयान भारत को लेकर अमेरिकी असहजता को दर्शाता है।
भारत-अमेरिका व्यापार घाटा और उसका विश्लेषण
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार घाटा लंबे समय से विवाद का कारण रहा है। 2024 के अंत तक भारत का अमेरिकी बाजार के साथ व्यापार घाटा लगभग $30 बिलियन तक पहुंच गया था।
अमेरिका का मानना है कि भारतीय सरकार अपने बाजार को पूरी तरह से अमेरिकी उत्पादों के लिए नहीं खोल रही है, जिसके चलते “असंतुलन” उत्पन्न हो रहा है।
ट्रंप के अनुसार, “असमान व्यापार व्यवस्था को अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
घरेलू राजनीति का असर: चुनावी साल में ट्रंप का दांव
यह निर्णय सिर्फ अंतरराष्ट्रीय संबंधों का नहीं, बल्कि घरेलू राजनीति का भी हिस्सा है।
2025 अमेरिका में चुनावी साल है, और ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनने की होड़ में हैं। ऐसे में व्यापार के मुद्दे को जनता के सामने लाकर वे अमेरिकी वोटरों को यह दिखाना चाहते हैं कि वे देश के आर्थिक हितों की रक्षा कर रहे हैं।
यह फैसला उनके ट्रेड सपोर्टर बेस को मजबूत कर सकता है, जो हमेशा से “प्रोटेक्शनिज्म” का समर्थन करते आए हैं।
Trump’s public Rhetoric echoes Nixon’s private tone,
but alas there’s NO Indira Gandhi at the helm.Modi SURRENDERED to Trump again without putting any voice of dissent,
Abki baar….
India will be hit by 25% tariff from 1st August https://t.co/WvwyUeHc5n pic.twitter.com/rcLWXWfSpx— Harmeet KKaur (@HarmeetKKaur) July 30, 2025
बाजार पर प्रभाव और शेयर मार्केट की हलचल
डोनाल्ड ट्रंप के इस निर्णय के बाद भारत के शेयर बाजारों में भी हलचल देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट के संकेत सामने आए हैं। पूरा विश्लेषण पढ़ें: ट्रंप के 25% टैरिफ फैसले से बाजार में हड़कंप
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही नीति जारी रही तो एक्सपोर्ट कंपनियों के मुनाफे पर सीधा असर पड़ेगा।
निष्कर्ष – भारत के लिए आगे का रास्ता क्या है?
भारत के सामने अब दो विकल्प हैं: या तो वह अमेरिका की नीतियों के अनुरूप खुद को ढाले, या फिर अपने व्यापारिक विकल्पों को और विविध बनाकर अमेरिका पर निर्भरता कम करे।
मुख्य बात: भारत को अमेरिका के साथ संतुलन बनाकर, रणनीतिक साझेदारियों को और मजबूत करना होगा।
जहां एक ओर ट्रंप की टैरिफ नीति भारत के लिए एक चुनौती है, वहीं यह एक अवसर भी है — अपने व्यापारिक ढांचे को और सशक्त करने का।
✅ समापन टिप्पणी
डोनाल्ड ट्रंप की यह नई नीति आने वाले दिनों में वैश्विक व्यापार पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। भारत को अपने फैसलों में स्पष्टता और रणनीति दोनों की जरूरत है, ताकि वह अमेरिका जैसे महाशक्तिशाली सहयोगी के साथ संतुलन बना सके।