आज का दिन भारतीय खेल जगत के लिए भावनाओं से भरा रहा। एक तरफ देश ने हॉकी और खेल चिकित्सा के दिग्गज Dr Vece Paes को खो दिया, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय शतरंज टूर्नामेंट्स में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने प्रशंसकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी। चेन्नई मास्टर्स और सेंट लुइस रैपिड एंड ब्लिट्ज में भारतीय ग्रैंडमास्टर्स ने शानदार खेल दिखाया और कड़ी प्रतिस्पर्धा में अपनी जगह मजबूत की।
Dr Vece Paes – जीवन परिचय और योगदान
Dr Vece Paes का जन्म गोवा में हुआ और उन्होंने कम उम्र में ही हॉकी के प्रति अपनी रुचि दिखा दी। वे भारतीय हॉकी टीम के एक अहम सदस्य रहे और 1972 म्यूनिख ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
खेल के साथ-साथ उन्होंने स्पोर्ट्स मेडिसिन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने कई खिलाड़ियों के करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें उनके बेटे, टेनिस स्टार लियेंडर पेस भी शामिल हैं। खेल जगत में उनकी पहचान एक ऐसे मेंटर और गाइड के रूप में रही, जिन्होंने न केवल हॉकी बल्कि अन्य खेलों में भी अपना समय और ज्ञान समर्पित किया।
West Bengal CM Mamata Banerjee says, “Saddened by the demise of Dr Vece Paes, member of the bronze medal winning team at the 1972 Olympic Games. His contribution to hockey and sports medicine will be remembered. My condolences to his family, including Leander, his friends and… pic.twitter.com/r23Vsr2bU1
— ANI (@ANI) August 14, 2025
निधन की खबर और श्रद्धांजलियां
Dr Paes का 80 वर्ष की आयु में निधन हुआ, जिससे खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन की खबर सुनते ही देश-विदेश के खिलाड़ियों, खेल संस्थाओं और प्रशंसकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
कई पूर्व खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया और व्यक्तिगत संदेशों के जरिए उनके योगदान को याद किया। हॉकी फेडरेशन और कई खेल संगठनों ने उन्हें एक प्रेरणास्रोत बताते हुए उनकी स्मृतियों को सलाम किया।
चेन्नई मास्टर्स – भारतीय खिलाड़ियों की मजबूती
चेन्नई में चल रहे इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में कई शीर्ष भारतीय खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। Arjun Erigaisi, D Gukesh, और R Praggnanandhaa ने पहले ही राउंड्स में बेहतरीन प्रदर्शन कर अपनी दावेदारी मजबूत की है।
Arjun Erigaisi ने अपनी तेज रणनीति और सटीक चालों से दर्शकों को प्रभावित किया, वहीं Gukesh ने विश्व के दिग्गज खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दी।
युवा खिलाड़ियों के शानदार खेल के बीच, हाल ही में दुनिया भर में चर्चा में आई 10 वर्षीय Bodhana Sivanandan की उपलब्धि भी शतरंज प्रशंसकों के लिए प्रेरणादायक रही, जिन्होंने ग्रैंडमास्टर को हराकर इतिहास रच दिया। इसका विस्तृत विवरण आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
सेंट लुइस रैपिड एंड ब्लिट्ज – अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय चुनौती
अमेरिका में चल रहे इस टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना दमखम दिखाया है।
D Gukesh और Vidit Gujrathi जैसे खिलाड़ियों ने तेज फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन किया। Gukesh ने अपनी तेज सोच और ब्लिट्ज स्किल से कई महत्वपूर्ण मैच अपने नाम किए, जबकि Vidit ने कुछ करीबी मुकाबलों में जीत हासिल की।
यह टूर्नामेंट न केवल अंक तालिका में सुधार के लिए अहम है, बल्कि आने वाले विश्व शतरंज चैम्पियनशिप के लिए भी एक मजबूत तैयारी का मंच है।
Dr Vece Paes, member of the bronze medal-winning Indian men’s hockey team squad from 1972 Munich Olympics, and father of Indian tennis legend Leander, has passed away at the age of 80.
Details: https://t.co/weIWPl9xe5 pic.twitter.com/1t4wW8p6Pg
— Sportstar (@sportstarweb) August 14, 2025
भारतीय शतरंज का सुनहरा दौर
पिछले कुछ वर्षों में भारत ने शतरंज के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। कई युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर देश का मान बढ़ा रहे हैं।
Gukesh, Praggnanandhaa, Arjun Erigaisi और Vidit जैसे खिलाड़ी लगातार शीर्ष स्थानों पर बने हुए हैं, जबकि Bodhana Sivanandan जैसे युवा सितारे यह दिखा रहे हैं कि भविष्य का शतरंज कितना उज्ज्वल है। उनके प्रेरणादायक सफर को आप इस लेख में देख सकते हैं।
निष्कर्ष
Dr Vece Paes का जीवन और योगदान खेल प्रेमियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने खिलाड़ियों के लिए जो किया, वह आने वाली पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा।
साथ ही, भारतीय शतरंज खिलाड़ियों का मौजूदा प्रदर्शन यह दर्शाता है कि देश खेलों के हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है।