नई दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह राजधानी और उसके आसपास के 13 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इनमें आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज का आवास भी शामिल है। यह कार्रवाई अस्पताल निर्माण से जुड़े कथित घोटाले की जांच का हिस्सा है। इस कदम ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है और सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है।
कहाँ-कहाँ हुई छापेमारी
ईडी की टीमें दिल्ली के साउथ और सेंट्रल इलाकों में सक्रिय रहीं। जिन जगहों पर छापेमारी की गई, उनमें सौरभ भारद्वाज का निवास, ठेकेदारों के कार्यालय और कुछ अन्य व्यावसायिक स्थान शामिल बताए जा रहे हैं। जांच एजेंसी ने यहां से वित्तीय दस्तावेज, डिजिटल डेटा और अन्य महत्वपूर्ण रिकॉर्ड जब्त किए हैं। माना जा रहा है कि इन साक्ष्यों के आधार पर एजेंसी आने वाले दिनों में पूछताछ की प्रक्रिया भी शुरू कर सकती है।
मामला क्या है
अस्पताल निर्माण परियोजनाओं में गड़बड़ियों को लेकर यह पूरा मामला खड़ा हुआ। वर्ष 2018-19 में दिल्ली सरकार ने 24 अस्पतालों के निर्माण और अपग्रेडेशन के लिए लगभग 5,590 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। आरोप है कि कई परियोजनाएं अधूरी रह गईं, लागत कई गुना बढ़ी और ठेकेदारों को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाया गया। एंटी-करप्शन ब्रांच द्वारा दर्ज मामले के आधार पर अब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की दिशा में जांच शुरू की है।
सौरभ भारद्वाज के घर ED की रेड मोदी सरकार द्वारा एजेंसीज के दुरुपयोग का एक और मामला है।
मोदी सरकार आम आदमी पार्टी के पीछे पड़ गई है। जिस तरह “आप” को टारगेट किया जा रहा है, ऐसे इतिहास में किसी पार्टी को नहीं किया गया।
“आप” को इसलिए टारगेट किया जा रहा है क्योंकि मोदी सरकार की…
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 26, 2025
AAP की प्रतिक्रिया और राजनीतिक हलचल
आम आदमी पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि यह मामला उस समय का है जब सौरभ भारद्वाज मंत्री भी नहीं थे। उनका तर्क है कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
राजनीति के इस माहौल में हाल ही में पंजाब कैबिनेट में शामिल किए गए नेता AAP MLA संजीव अरोड़ा का उदाहरण भी दिया जा रहा है, जहां पार्टी अपने संगठनात्मक विस्तार को लेकर लगातार सुर्खियों में है।
कानूनी प्रक्रिया – PMLA और आगे की जांच
यह मामला Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत दर्ज है। इस कानून के तहत ईडी को संपत्तियां जब्त करने, बैंक खातों की जांच करने और संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ करने का अधिकार है। छापेमारी के बाद आगे का कदम समन जारी करना, गवाहों से पूछताछ और कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करना होगा। यदि पर्याप्त सबूत मिलते हैं तो मामला आरोपपत्र तक पहुंचेगा।
#WATCH | Delhi | Visuals from AAP leader and former Delhi Minister Saurabh Bharadwaj’s residence in Chirag Delhi, where the Enforcement Directorate (ED) is conducting raids.
ED is raiding AAP leader Saurabh Bharadwaj’s residence and 12 other locations in the hospital… pic.twitter.com/sRPscmudTp
— ANI (@ANI) August 26, 2025
जनता और मीडिया की प्रतिक्रिया
खबर सामने आते ही सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बहस छिड़ गई। कुछ लोग इसे विपक्ष को दबाने का प्रयास मान रहे हैं, तो कुछ इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ जरूरी कार्रवाई बता रहे हैं। विपक्षी दलों ने इस कदम पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की, जबकि AAP समर्थकों ने इसे बदले की राजनीति करार दिया।
आगे की राह
छापेमारी के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि जांच किस दिशा में आगे बढ़ेगी। क्या नए सबूत सामने आएंगे और क्या यह मामला अदालत तक पहुंचेगा? राजनीतिक रूप से यह कार्रवाई AAP के लिए चुनौती बन सकती है, लेकिन यदि आरोप सिद्ध हुए तो यह भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट भी साबित हो सकती है।
आपकी इस मामले पर क्या राय है? नीचे कमेंट में बताएं।