एक शांत दोपहर को, जब लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थे, अचानक एक के बाद एक चार बार एयर सायरन बज उठे। यह घटना राजधानी तेल अवीव में घटी, जहां एक घंटे के अंदर ईरान की ओर से मिसाइलें दागी गईं। शहर का माहौल पूरी तरह से भयभीत हो उठा। लोग अपने कामकाज छोड़कर शरणस्थलों की ओर दौड़ पड़े।
इन हमलों ने न केवल लोगों की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर दिया बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट मोड पर ला दिया। आमतौर पर हलचल से भरे रहने वाले इलाके जैसे कि बाजार, स्कूल और सार्वजनिक स्थल तुरंत खाली करवा लिए गए। हवा में बार-बार गूंजता सायरन, जनता के दिलों में डर की गूंज छोड़ गया।
तेल अवीव के लोग कैसे जी रहे हैं इस डर के माहौल में
शहर के नागरिक इस बात को खुलकर स्वीकार कर रहे हैं कि अब हर दिन, हर पल असुरक्षा से भरा लगता है। “हम न तो चैन से खा सकते हैं, न सो सकते हैं,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।
शरणस्थलों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की भीड़ बढ़ गई है। बच्चे बिन बात के डर से सिमटे हुए हैं और बुजुर्गों के चेहरे पर चिंता की लकीरें गहराती जा रही हैं। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और अधिकतर ऑफिसों में घर से काम करने की सलाह दी जा रही है।
लोग अपने फोन पर हर अलर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं — कब सायरन बजेगा, कब कहीं धमाका सुनाई देगा। यह मानसिक थकावट अब धीरे-धीरे हर परिवार की सामान्य ज़िंदगी में हस्तक्षेप कर रही है।
🚨 RAW FOOTAGE: Iranian missiles smash Tel Aviv.- As Israel Runs Out of Missiles
🔥 Direct hits in central Tel Aviv
🏢 Structural damage from precision strikes
WSJ confirms the strategic crisis:
🇮🇱 Israel’s interceptor stockpiles DEPLETEDhttps://t.co/kWm8ZlKnEe pic.twitter.com/qKvcLCqubl— Mark (@Mark4XX) June 22, 2025
ईरान की मिसाइल रणनीति: अचानक हमला या सोची-समझी कार्रवाई?
जिस सटीकता के साथ मिसाइलें दागी गईं, वह इस ओर संकेत करती है कि यह हमला पूर्वनियोजित था। मिसाइलों का समय और दिशा, दोनों बेहद सटीक थे। ऐसा प्रतीत होता है कि इन हमलों के पीछे एक गहन सैन्य योजना काम कर रही थी। वहीं दूसरी ओर, हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उन दावों पर सवाल खड़े किए हैं जिनमें ईरान के परमाणु ठिकानों पर विध्वंस का ज़िक्र था। ये घटनाएं बताती हैं कि जमीनी और कूटनीतिक स्तर पर तस्वीर कहीं अधिक जटिल है।
इज़राइल की त्वरित प्रतिक्रिया
ईरान की ओर से हमले होते ही, इज़राइल ने अपने डिफेंस सिस्टम को पूर्ण सक्रिय कर दिया। सायरन बजते ही Iron Dome प्रणाली ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और कई मिसाइलों को हवा में ही निशाना बनाया।
हवाई क्षेत्र में निगरानी तेज कर दी गई है और कई जगहों पर मिलिट्री ड्रोन तैनात कर दिए गए हैं। शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की मौजूदगी बढ़ा दी गई है और किसी भी प्रकार की और आक्रामकता का सामना करने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
धरातल से रिपोर्ट: ध्वस्त इमारतें और अफरातफरी
कुछ इलाकों में मिसाइलें लक्षित स्थानों तक पहुंचने में सफल रहीं, जिससे वहां इमारतों को नुकसान पहुंचा। कई जगहों पर खिड़कियां टूट गईं, दीवारें दरक गईं और कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।
राहत सेवाएं तुरंत घटनास्थलों पर पहुंचीं। फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में लिया। जहां-जहां विस्फोट हुए, वहां तत्काल रूप से घायलों को निकालकर अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
आम लोगों का संघर्ष और जज़्बा
इस कठिन समय में भी तेल अवीव की जनता ने जो साहस दिखाया, वह काबिले तारीफ है। पड़ोसियों ने एक-दूसरे की मदद की, बच्चों को शांत रखने की कोशिश की और बुजुर्गों का सहारा बने।
सरकारी एजेंसियों ने खाने-पीने के पैकेट्स और दवाइयों की व्यवस्था की, वहीं कुछ स्वयंसेवी संगठनों ने मानसिक स्वास्थ्य सहायता की पहल भी शुरू की है। यह स्पष्ट है कि संकट के इस दौर में मानवीय संवेदनाएं सबसे आगे हैं।
वैश्विक प्रतिक्रियाएं और कूटनीतिक संकेत
इस ताज़ा हमले को लेकर दुनिया भर में चिंता की लहर दौड़ गई है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। पश्चिम एशिया में स्थिरता बनाए रखने के लिए कुछ देशों ने आपसी बातचीत को प्राथमिकता देने की सलाह दी है।
अमेरिका और यूरोप के देशों ने स्थिति पर नजर रखने की बात कही है, लेकिन किसी ने खुलकर पक्ष नहीं लिया है। क्षेत्रीय देश अभी तक चुप हैं, जिससे संकेत मिलता है कि कूटनीतिक कोशिशें पर्दे के पीछे जारी हैं।
निष्कर्ष
तेल अवीव की स्थिति सामान्य नहीं कही जा सकती। जनता मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से तनाव में है। इन हमलों ने स्पष्ट कर दिया है कि यह संघर्ष लंबा खिंच सकता है और आने वाले दिन और भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
सरकार को चाहिए कि वह नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर तनाव कम करने की दिशा में प्रयास करे। साथ ही, आम लोगों को सतर्क रहने और अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी गई है।