भारत और इंग्लैंड के बीच बहुप्रतीक्षित टेस्ट सीरीज की शुरुआत से पहले ही चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। इस बार टीम इंडिया की कप्तानी युवा बल्लेबाज़ शुभमन गिल के कंधों पर है, और उनके हर फैसले पर क्रिकेट जगत की पैनी नज़र टिकी हुई है। लेकिन इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली बात तब सामने आई जब पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर गौतम गंभीर ने एक टीवी शो में गिल को सलाह दी कि वे जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर खिलाड़ी को पहले टेस्ट से बाहर रखने पर विचार करें।
गंभीर का बयान था –
“You’ve got to be very strategic. कभी-कभी आप सबसे बड़े नामों को भी बेंच पर बिठाते हैं, ताकि टीम को संतुलन मिल सके।”
इस टिप्पणी ने ना सिर्फ सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, बल्कि क्रिकेट के जानकारों और फैंस के बीच भी ज़बरदस्त बहस छेड़ दी।
गंभीर की सलाह का मतलब क्या है?
गंभीर का इशारा इस ओर था कि गिल को कप्तान के रूप में भावनाओं से हटकर रणनीतिक फैसले लेने होंगे। उन्होंने NDTV पर बातचीत के दौरान कहा:
“अगर पिच स्पिनरों को मदद कर रही हो और तेज गेंदबाज़ों की भूमिका सीमित हो, तो किसी को हटाना पड़ेगा – भले ही वो जसप्रीत बुमराह ही क्यों न हों।”
इस बयान ने चयन को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। कई लोग इसे नया नजरिया मान रहे हैं, जबकि कुछ क्रिकेट प्रेमियों ने इसे अनुचित सुझाव बताया।
‘You’ve got to be very strategic’
Shubman Gill, Gautam Gambhir told to drop Jasprit Bumrah from IND vs ENG 1st Test👇https://t.co/NUosYL5PHA
— Mint (@livemint) June 16, 2025
शुभमन गिल पर कप्तानी का दबाव
शुभमन गिल को टेस्ट कप्तानी संभालना कोई आसान जिम्मेदारी नहीं। इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ पहली ही सीरीज में कप्तानी करना, और उसमें भी टीम चयन को लेकर बड़े-बड़े नामों के बीच फैसला लेना – यह किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं।
गिल के सामने बड़ी चुनौती होगी:
- सीनियर खिलाड़ियों को बेंच पर बैठाना या मौका देना
- मैच कंडीशन के अनुसार टीम का संतुलन तय करना
- बाहर और अंदर दोनों तरफ से दबाव झेलना
और इन सभी के बीच गंभीर की सलाह उनके लिए और अधिक सोचने वाली बात बन गई है।
जसप्रीत बुमराह का रिकॉर्ड और मौजूदा फॉर्म
अब सवाल यह उठता है कि क्या वाकई बुमराह को बाहर करना एक रणनीतिक फैसला हो सकता है?
बुमराह के नाम टेस्ट क्रिकेट में 133 विकेट हैं, और वह भारत के प्रमुख गेंदबाजों में गिने जाते हैं। हाल ही के सीजन में उन्होंने वनडे वर्ल्ड कप में भी दमदार प्रदर्शन किया है।
हालांकि, उनके फिटनेस और workload management को लेकर अक्सर चर्चाएं होती रही हैं। टीम इंडिया के लिए उनका फिट रहना लंबी अवधि में बेहद जरूरी है।
- पिछली बार इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में बुमराह ने 18 विकेट लिए थे
- बुमराह अब तक भारत के सबसे ‘x-factor’ गेंदबाजों में से माने जाते हैं
- अगर पिच धीमी हो, तो बुमराह की गति की भूमिका सीमित हो सकती है
सोशल मीडिया पर फैंस का गुस्सा और प्रतिक्रियाएं
गंभीर के इस बयान ने ट्विटर, इंस्टाग्राम, और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर भूचाल ला दिया है। फैंस ने बुमराह को ड्रॉप करने के सुझाव पर नाराजगी जताई है:
- एक यूज़र ने लिखा: “गंभीर खुद कप्तान होते तो क्या बुमराह को बाहर करते?”
- दूसरे ने कहा: “बुमराह हमारी टीम का रीढ़ हैं, बाहर करने की सोच भी नहीं सकते।”
वहीं, कुछ लोगों ने गंभीर की रणनीति को समझदारी भरा बताया। उनका मानना है कि कभी-कभी बड़े नामों को आराम देकर युवा खिलाड़ियों को मौका देना भी ज़रूरी होता है।
चयन नीति: रणनीति बनाम भावना
अब सवाल सिर्फ बुमराह को खेलने या बाहर रखने का नहीं है, बल्कि सेलेक्शन फिलॉसफी का है। क्या चयन भावना से होगा या रणनीति से?
विशेषज्ञ मानते हैं:
- अगर पिच में स्पिन मददगार है, तो अतिरिक्त स्पिनर को मौका मिल सकता है
- बुमराह की जगह किसी जैसे मुकेश कुमार को शामिल करना एक विकल्प हो सकता है
- लेकिन क्या यह प्रयोग पहले टेस्ट जैसे अहम मुकाबले में किया जाना चाहिए?
गंभीर की रणनीतियाँ अक्सर बहस का विषय रही हैं, जैसा हाल ही में नेट प्रैक्टिस के दौरान यशस्वी जायसवाल के साथ उनकी तीखी बातचीत में भी देखने को मिला। उस पूरी घटना की रिपोर्ट यहाँ पढ़ें, जो बताती है कि गंभीर अपनी बात खुलकर और बिना झिझक रखते हैं — चाहे वो ड्रेसिंग रूम हो या मीडिया।
इंग्लैंड की रणनीति: भारतीय टीम की कमज़ोरी पर नजर
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैकुलम इस समय ‘बैज़बॉल’ नीति के तहत खेलने की तैयारी कर रहे हैं। अगर भारत अपनी बॉलिंग यूनिट से किसी अहम खिलाड़ी को हटाता है, तो इसका फायदा मेहमान टीम को मिल सकता है।
इसलिए टीम इंडिया को ऐसा कोई निर्णय लेने से पहले गहराई से विचार करना होगा।
कप्तानी में संतुलन और साहस दोनों जरूरी
शुभमन गिल के लिए यह टेस्ट सीरीज सिर्फ क्रिकेट नहीं बल्कि नेतृत्व की परीक्षा है। उन्हें यह तय करना होगा कि:
- बुमराह जैसे खिलाड़ी को आराम देना समझदारी होगी या नहीं
- गंभीर की सलाह को कहाँ तक अपनाया जाए
- टीम को संतुलन देना ज़रूरी है, लेकिन बिना मैच विनर को खोए
गंभीर की सलाह में भले ही रणनीति हो, लेकिन उसका अमल कप्तान की परख, मैच की परिस्थिति, और टीम की दीर्घकालिक योजना पर निर्भर करेगा।