भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित पंजाब के गुरदासपुर जिले में बुधवार तड़के एक जोरदार IED धमाके में BSF का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। यह धमाका उस समय हुआ जब सीमा सुरक्षा बल की टीम इलाके में रात के वक्त ‘एरिया डॉमिनेशन’ गश्त कर रही थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए पूरे पंजाब बॉर्डर पर सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया है।
🕐 कब और कैसे हुआ धमाका?
घटना डोरांगला गांव के पास स्थित छत्रा बॉर्डर आउट पोस्ट (BOP) के नजदीक की है। बुधवार की रात करीब 1 बजे BSF की एक टुकड़ी सीमा पर गश्त कर रही थी। यह गश्त नियमित रूप से होती है ताकि इलाके में कोई संदिग्ध गतिविधि न हो और सीमा पार से कोई खतरा न बढ़े।
इस दौरान जवानों को सीमा की बाड़ के आगे खेतों में कुछ संदिग्ध वस्तुएं दिखाई दीं। बारीकी से जांच करने पर वहां तीन IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) पाए गए। इन्हें बारीकी से छिपाया गया था और इनसे जोड़ने वाली तारें भी ज़मीन में गाड़ दी गई थीं।
जैसे ही क्षेत्र को सैनिटाइज़ करने और कॉर्डन करने की कोशिश की जा रही थी, एक IED का छिपा हुआ ट्रिगर अचानक सक्रिय हो गया और धमाका हो गया।
🧑✈️ घायल जवान की स्थिति
इस धमाके में एक कांस्टेबल रैंक का BSF जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे पैर में गंभीर चोटें आई हैं और एक पैर की उंगली भी उड़ गई है। घायल जवान को तुरंत अमृतसर स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार दो अन्य जवानों को हल्की चोटें आई हैं।
A BSF jawan was injured in a rare IED blast near the Punjab border. Alert issued and probe underway.
Story: https://t.co/3X3YPden7M#BSF #PunjabNews #Gurdaspur #IEDBlast #BorderSecurity #BreakingNews #DailySalarEnglish pic.twitter.com/2yt40XiWj7
— Salar News (@EnglishSalar) April 9, 2025
🛑 BSF की त्वरित कार्रवाई: अलर्ट और इलाके की घेराबंदी
धमाके के तुरंत बाद BSF ने इलाके को पूरी तरह सील कर दिया और बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया। सुबह होते ही दस्ते ने बाकी बचे दो IED को डिफ्यूज़ कर दिया और इलाके को ‘क्लियर’ घोषित किया गया।
BSF ने पूरे 553 किलोमीटर लंबे पंजाब बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया है और उस इलाके में खेती पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
📱 सोशल मीडिया पर हड़कंप: लोगों की प्रतिक्रियाएं
घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने गहरी चिंता जताई। कई अफसरों, पत्रकारों और आम नागरिकों ने ट्वीट्स के ज़रिए अपनी राय रखी:
🧵 @kamaljit_TV: “Gurdaspur में IED ब्लास्ट से घायल जवान की बहादुरी को सलाम! Punjab border पर यह नई चुनौती चिंता का विषय है। BSF की तत्परता ने एक बड़ा हादसा टाल दिया।”
🧵 @defence_updates: “IED on Punjab border? First time ever. Time to review security strategy. Farmers and troops deserve safer zones.”
🧵 @local_farmer_pbn: “अब खेत में जाना भी खतरा बन गया है। हमारी सुरक्षा एजेंसियों को और भी ज्यादा सतर्क रहना होगा।”
🧵 @ashok_bsf: “BSF जवानों का हौसला देखकर गर्व होता है। जान पर खेलकर उन्होंने पूरी टुकड़ी को बचाया। #SaluteBSF”
🚩 यह धमाका क्यों है अहम?
BSF अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है जब पंजाब बॉर्डर पर IED का इस्तेमाल हुआ है। अब तक इस क्षेत्र में ड्रोन के जरिए ड्रग्स, हथियार, और नकली नोट भेजे जाने की घटनाएं होती रही हैं, लेकिन IED एक नया और गंभीर खतरा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
“यह न तो सामान्य घटनाक्रम है और न ही कोई शरारत। यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है।”
🧠 IED धमाके की तकनीकी जांच जारी
BSF ने सभी बरामद IED के हिस्सों को कब्जे में लेकर तकनीकी और फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये विस्फोटक किस तकनीक से बनाए गए थे, और क्या इनका कनेक्शन पाकिस्तान की किसी आतंकी साजिश से है।
🔄 गश्त और निगरानी में बदलाव की तैयारी
घटना के बाद BSF अब अपनी गश्ती रणनीति में बदलाव करने की योजना बना रही है। अधिकारी अब ‘घोड़े पर गश्त’, नाइट विज़न ड्रोन और अधिक पैदल गश्त जैसे उपायों पर विचार कर रहे हैं।
गश्त का मुख्य उद्देश्य है –
- BSF के जवानों की सुरक्षा
- दिन में उस मार्ग से गुजरने वाले किसानों की सुरक्षा
- सीमा पार से आने वाले खतरे को समय रहते पहचानना
📍 सीमावर्ती इलाकों में सतर्कता की ज़रूरत
गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारण जैसे जिलों में पहले भी ड्रोन से नशा और हथियार गिराए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। IED धमाका इस तरह की घटनाओं की गंभीरता को और बढ़ाता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर इस तरह के विस्फोटक खेतों में फैलने लगे तो यह न सिर्फ जवानों बल्कि आम किसानों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।
🗣️ निष्कर्ष
BSF जवानों की सूझबूझ और बहादुरी ने इस बार एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया, लेकिन यह साफ है कि सीमावर्ती इलाकों में अब खतरे के स्वरूप बदल रहे हैं। ड्रोन, हथियार और अब IED – यह सिलसिला रुकने वाला नहीं लगता।
इसलिए अब सिर्फ सुरक्षा बलों को ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों और किसानों को भी सतर्क रहने की ज़रूरत है।