इंग्लैंड और भारत के बीच खेले जा रहे एजबेस्टन टेस्ट ने दर्शकों को एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट की गहराई और रोमांच का एहसास कराया। इस मुकाबले की खास बात रही इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज हैरी ब्रूक की शानदार पारी, जिन्होंने टीम को संकट से उबारते हुए एक लंबी और संयमित इनिंग खेली।
“शतक के लिए भूखा था” – ब्रूक का खुला इमोशनल बयान
मैच के बाद मीडिया से बात करते हुए हैरी ब्रूक ने एक भावुक बयान दिया – “मैं शतक के लिए भूखा था, ऐसा लग रहा था मानो हर गेंद मेरा आखिरी मौका है।” इस कथन ने न सिर्फ क्रिकेट फैंस का ध्यान खींचा, बल्कि यह दिखाया कि मैदान पर खिलाड़ी किस मानसिक दबाव से गुजरते हैं।
उनके अनुसार, यह पारी सिर्फ रन बनाने की नहीं बल्कि खुद को साबित करने की थी। हर शॉट के पीछे आत्मविश्वास से भरी तैयारी और मानसिक दृढ़ता थी।
Harry Brook – 9 Test 100s in just 44 Inngs 😮
This is Least Innings taken by Any player to Score 9 Test Centuries in Last 17 years!#ENGvIND pic.twitter.com/yKCismHuUX
— 𝑺𝒉𝒆𝒃𝒂𝒔 (@Shebas_10dulkar) July 4, 2025
158 रनों की ऐतिहासिक पारी: संयम और स्ट्रोक का अनूठा संतुलन
ब्रूक की पारी तकनीक, मानसिक संतुलन और फोकस की मिसाल रही। उन्होंने 158 रनों की इस पारी के दौरान किसी भी गेंदबाज़ को सेट नहीं होने दिया। शुरुआत में डिफेंसिव अप्रोच अपनाते हुए धीरे-धीरे आक्रामकता की ओर बढ़े।
- पारी की शुरुआत धीमी लेकिन नियंत्रित रही
● ड्राइव और पुल शॉट्स के जरिए दबाव हटाया
● हर 20-30 रन के बाद खेल में नई ऊर्जा दिखाई
मानसिक तैयारी और खुद पर विश्वास का कमाल
ब्रूक ने यह भी स्वीकार किया कि खुद पर अत्यधिक दबाव उन्होंने ही डाला था, जिससे उन्हें अतिरिक्त प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा, “जब आपको खुद पर भरोसा होता है और आप भूख के साथ खेलते हैं, तो मैदान पर आपका रवैया अलग होता है।”
इस तरह की मानसिक तैयारी केवल ब्रूक तक सीमित नहीं है — हाल ही में Shubman Gill ने भी एक मुकाबले के बाद बताया कि कैसे पिता का एक मैसेज उन्हें भावुक कर गया और उन्होंने रन नहीं बल्कि तिहरा शतक मिस करने का अफसोस जताया। उनकी पूरी भावनात्मक प्रतिक्रिया आप इस रिपोर्ट में पढ़ सकते हैं।
ब्रूक और शुभमन दोनों का उदाहरण बताता है कि शीर्ष स्तर के बल्लेबाज़ किस तरह मानसिक रूप से खुद को प्रेरित करते हैं।
150* by Harry Brook as well, his 5th in just 27 matches 🤯 pic.twitter.com/qDWtx14F7V
— TukTuk Academy (@TukTuk_Academy) July 4, 2025
टीम में भूमिका और कप्तान का समर्थन
ब्रूक ने यह भी बताया कि टीम मैनेजमेंट और कप्तान ने उन पर पूरा भरोसा जताया। उन्होंने कहा, “ड्रेसिंग रूम का माहौल सकारात्मक था और मुझे अपनी भूमिका को लेकर कोई भ्रम नहीं था।”
कप्तान का समर्थन किसी भी खिलाड़ी के प्रदर्शन को निखारता है, और ब्रूक ने इसका पूरा फायदा उठाया।
भारतीय गेंदबाज़ों के खिलाफ रणनीति
ब्रूक की इस पारी में खास बात यह रही कि उन्होंने भारतीय गेंदबाज़ों के खिलाफ बेहतरीन समझदारी से खेल दिखाया। खासकर तेज़ गेंदबाज़ों के सामने उन्होंने संयम बरतते हुए पिच की गहराई का सही इस्तेमाल किया।
- इन-स्विंग और आउट-स्विंग गेंदों को सटीक नजरों से परखा
● ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों को छोड़ना उनकी स्ट्रेंथ रही
● बुमराह के खिलाफ सतर्क लेकिन आत्मविश्वासी रवैया रहा
फैंस और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं
ब्रूक की पारी के बाद क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों ने उन्हें भविष्य का बड़ा सितारा बताया। सोशल मीडिया पर उनके लिए तारीफों की बाढ़ आ गई। कुछ यूजर्स ने लिखा, “यह पारी टेस्ट क्रिकेट की आत्मा है।” वहीं कई पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी परिपक्वता की सराहना की।
टेस्ट क्रिकेट में नई उम्मीद की किरण
ब्रूक की पारी ने टेस्ट क्रिकेट को नई ऊर्जा दी है। ऐसे दौर में जब T20 का बोलबाला है, ब्रूक जैसी पारियों की ज़रूरत होती है जो युवाओं को भी इस फॉर्मेट की ओर आकर्षित करें।
यह इनिंग न सिर्फ स्कोरबोर्ड पर रन जोड़ने वाली थी, बल्कि उस जज्बे की मिसाल भी है जो टेस्ट क्रिकेट को जीवंत बनाता है।
आगे क्या? उम्मीदें और संभावनाएं
ब्रूक की यह पारी सिर्फ एक मैच तक सीमित नहीं रहेगी। यह उनकी तकनीक, मनोबल और निरंतरता का प्रमाण है। आने वाले मैचों में उन पर निगाहें होंगी और अब उनसे अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं।
उनकी शैली, अनुशासन और “भूख” उन्हें आधुनिक क्रिकेट का एक भरोसेमंद नाम बना सकती है।
भूख ने इतिहास रच दिया
हैरी ब्रूक की इस पारी ने साबित कर दिया कि अगर खिलाड़ी के भीतर कुछ कर दिखाने की सच्ची भूख हो, तो वह हर परिस्थिति में चमक सकता है। यह सिर्फ एक शतक नहीं था, यह जुझारूपन, धैर्य और टेस्ट क्रिकेट की आत्मा का जश्न था।