उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासन में कुछ ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपनी कार्यशैली और निडर फैसलों से अलग पहचान बनाई है। इन्हीं में से एक IAS अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी निष्पक्षता और ईमानदारी से जनता के बीच मजबूत छवि बनाई। खास बात यह है कि यह वही अफसर हैं, जिन्होंने आज़म खान जैसे बड़े नेता से सीधे टकराव मोल लिया था और प्रशासनिक स्तर पर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए थे।
आज उनकी चर्चा इसलिए है क्योंकि केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल एक साल और बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे यह साफ हो गया है कि उनका अनुभव और कार्यशैली अभी भी यूपी सरकार के लिए बेहद अहम है।
डेपुटेशन विस्तार की घोषणा
केंद्र ने हाल ही में आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि इस IAS अफसर को यूपी में एक साल और सेवा देने का मौका मिलेगा। राज्य सरकार ने भी केंद्र से इस विस्तार की मांग की थी ताकि प्रशासनिक स्थिरता बनी रहे।
डेपुटेशन विस्तार का यह कदम न केवल प्रशासनिक स्तर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि नियमों के पालन और निडर कार्यशैली को सरकार प्राथमिकता देती है।
Aunjaneya Kumar Singh, Sikkim-cadre IAS officer who took on SP leader Azam Khan has been given an extension of a year in his inter cadre deputation. He has already served for a decade in UP. pic.twitter.com/hKbcmeoGkt
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) August 26, 2025
IAS अधिकारी और आज़म खान के बीच विवाद
यह IAS अधिकारी उस समय सुर्खियों में आए जब उन्होंने आज़म खान से जुड़े कई मामलों पर सख्त कदम उठाए।
- भूमि विवादों और कब्ज़ों पर कार्रवाई
- अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्ती
- नियमों के उल्लंघन पर बिना दबाव फैसले लेना
इन कदमों से जहां जनता का भरोसा बढ़ा, वहीं राजनीतिक हलकों में यह अधिकारी चर्चा का विषय बन गए। इसी तरह हाल ही में दिल्ली की राजनीति में भी प्रशासनिक कदमों पर बहस छिड़ी, जब ED छापे: सौरभ भारद्वाज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राजधानी में घिरे — इस तरह की खबरें बताती हैं कि पारदर्शिता और जवाबदेही हर राज्य के लिए कितनी अहम है।
यूपी में कार्यकाल की उपलब्धियां
अपने लंबे समय के कार्यकाल के दौरान अफसर ने कई जिलों में काम किया और उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं।
- कानून व्यवस्था सुधार: जिलों में अपराध नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना।
- भ्रष्टाचार पर नियंत्रण: शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई और जवाबदेही सुनिश्चित करना।
- अवैध कब्ज़ों पर सख्ती: भूमि और संपत्ति मामलों में पारदर्शिता लाना।
- प्रशासनिक सुधार: सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू करना।
इनकी वजह से जनता ने उन्हें एक ईमानदार और साहसी अधिकारी के रूप में देखा। ठीक वैसे ही जैसे खेल जगत में हाल ही में चेतश्वर पुजारा रिटायरमेंट पर शशि थरूर का भावुक संदेश चर्चा में रहा, उसी तरह यह खबर भी लोगों के बीच गहरी दिलचस्पी का विषय बन गई है।
केंद्र और राज्य सरकार का दृष्टिकोण
राज्य सरकार का मानना है कि ऐसे अफसर की मौजूदगी से प्रशासनिक स्तर पर पारदर्शिता और अनुशासन बना रहता है। केंद्र ने भी इस बात से सहमति जताई और विस्तार को मंजूरी दी।
यह कदम साफ संकेत देता है कि केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें उन अफसरों को प्राथमिकता देती हैं जो दबाव से मुक्त होकर काम करते हैं।
पूर्व में ट्रांसफर और कैडर की स्थिति
मूल रूप से यह अफसर सikkim कैडर से संबंधित हैं। लेकिन यूपी में उनकी सेवाओं की ज़रूरत को देखते हुए बार-बार उन्हें यहां बनाए रखने की मांग उठी। पहले उन्हें वापस भेजने की संभावना बनी थी, लेकिन लगातार बढ़ती ज़रूरतों और उनके कामकाज को देखते हुए उन्हें यूपी में ही रोक लिया गया।
अब जबकि एक साल का और विस्तार मिल गया है, तो यह साफ है कि यूपी सरकार उन्हें अपने प्रशासनिक तंत्र में बनाए रखना चाहती है।
राजनीतिक और प्रशासनिक संदेश
इस फैसले के कई मायने हैं।
- राजनीतिक दृष्टि से: यह संदेश जाता है कि सत्ताधारी सरकार प्रशासनिक ईमानदारी को महत्व देती है।
- प्रशासनिक दृष्टि से: यह फैसला अन्य अफसरों के लिए भी प्रेरणा है कि यदि वे निडर होकर काम करें तो उन्हें सहयोग मिलेगा।
- विपक्ष की राय: हालांकि विपक्ष इस पर अपने अंदाज़ में टिप्पणी करता है, लेकिन व्यापक तौर पर इसे प्रशासनिक मजबूती का कदम माना जा रहा है।
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
जनता इस फैसले को लेकर संतुष्ट दिख रही है। सोशल मीडिया पर लोग अफसर की कार्यशैली की तारीफ कर रहे हैं।
- कई यूजर्स ने लिखा कि ऐसे अफसर जनता के लिए उदाहरण हैं।
- कुछ लोगों ने कहा कि अगर हर अधिकारी इसी तरह नियमों के तहत काम करे तो प्रशासन की तस्वीर बदल सकती है।
- युवाओं में भी उनकी ईमानदारी और निडरता को लेकर चर्चा हो रही है।
विस्तार का महत्व और आगे की चुनौतियां
IAS अधिकारी का कार्यकाल बढ़ना यूपी सरकार और प्रशासन दोनों के लिए अहम है। अब उनके सामने कई चुनौतियां होंगी—
- प्रशासनिक पारदर्शिता बनाए रखना
- कानून व्यवस्था को और मज़बूत करना
- जनता का भरोसा कायम रखना
यह फैसला निश्चित तौर पर आने वाले समय में यूपी के प्रशासन को मज़बूती देगा।
आपके अनुसार, क्या ऐसे ईमानदार और निडर अफसरों को लंबे समय तक राज्य प्रशासन में काम करने का मौका मिलना चाहिए?
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