भारत ने अपने कूटनीतिक संबंधों के विस्तार में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए त्रिनिदाद एंड टोबैगो के साथ छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी न केवल व्यापार और तकनीक तक सीमित है, बल्कि सांस्कृतिक, कृषि, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्रों में भी सहयोग की नई संभावनाओं के द्वार खोलती है।
यह समझौते भारत की ग्लोबल साउथ नीति के तहत छोटे लेकिन सामरिक रूप से महत्वपूर्ण देशों से रिश्ते मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस रणनीति का केंद्र बिंदु है — विकासशील देशों के साथ परस्पर लाभकारी सहयोग को बढ़ावा देना।
There is a natural warmth between the people of India and Trinidad & Tobago, which is reflected across sectors. pic.twitter.com/2xNdSZReeC
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2025
किन छह समझौतों पर हस्ताक्षर हुए?
भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच हुए छह अहम समझौते निम्नलिखित क्षेत्रों में हुए हैं:
- डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure)
भारत के डिजिटल इंडिया अभियान के अनुभवों को साझा करते हुए, दोनों देशों ने डिजिटल सेवाओं के विकास में सहयोग का फैसला लिया। - संपदा पंजीकरण और भूमि प्रबंधन प्रणाली
यह समझौता पारदर्शिता बढ़ाने और भूमि विवादों को कम करने की दिशा में मदद करेगा। - समझौता ज्ञापन (MoU) स्वास्थ्य क्षेत्र में
कोविड महामारी के बाद, स्वास्थ्य सुविधाओं में सहयोग को दोनों देशों ने अत्यंत आवश्यक माना। - कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण
भारत अपने तकनीकी ज्ञान और कृषि नवाचारों को साझा करेगा, जिससे द्वीप देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में मदद मिलेगी। - ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग
त्रिनिदाद एंड टोबैगो ऊर्जा उत्पादन में समृद्ध है और भारत इस सेक्टर में निवेश और तकनीकी सहयोग बढ़ाना चाहता है। - राजनयिक अधिकारियों का प्रशिक्षण
दोनों देशों ने विदेश सेवा अधिकारियों के परस्पर प्रशिक्षण को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।
इन सभी समझौतों के जरिए साझेदारी को बहु-आयामी बनाया गया है, जिससे दोनों देशों को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।
The talks with Prime Minister Kamla Persad-Bissessar covered the full range of India-Trinidad & Tobago friendship. We agreed that it is important to add further momentum to our economic partnership and focus on sectors such as disaster management, climate change and defence. pic.twitter.com/Chu0DIcmcz
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2025
तकनीकी, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में नया युग
भारत द्वारा विकसित डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल की दुनिया भर में सराहना हो रही है। इसी मॉडल को त्रिनिदाद एंड टोबैगो में लागू कर ई-गवर्नेंस, डिजिटल बैंकिंग और जन सेवाओं में सुधार की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा, कृषि तकनीक में भारत के अनुभवों को साझा करना, स्थानीय किसानों को नई संभावनाओं से जोड़ने में सहायक होगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग से दोनों देश मेडिकल रिसर्च, महामारी नियंत्रण और औषधि उत्पादन में साझा रणनीति बना सकते हैं।
पीएम मोदी की रणनीतिक नीति का हिस्सा
यह छह समझौते केवल व्यापार या कूटनीतिक कदम नहीं हैं, बल्कि यह पीएम मोदी की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ विचारधारा और ‘ग्लोबल साउथ’ की साझेदारी को साकार करने की दिशा में भी बड़ी पहल हैं।
भारत त्रिनिदाद एंड टोबैगो जैसे देशों को भरोसेमंद साझेदार मानता है, जहां परस्पर सम्मान और सहयोग की भावना सर्वोपरि है। इससे भारत की वैश्विक छवि एक सहयोगी और ज़िम्मेदार शक्ति के रूप में और मजबूत होती है।
सांस्कृतिक सहयोग और भारतीय डायस्पोरा का महत्त्व
त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी है। वहां की संस्कृति, त्योहार और संगीत में भारतीय तत्व आज भी जीवंत हैं। इस साझेदारी के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शिक्षण संस्थानों और युवा आदान-प्रदान कार्यक्रमों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
उदाहरण के लिए, हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी को त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भव्य भोजपुरी चौताल स्वागत मिला था, जिसने भारतीय संस्कृति की गहराई को वैश्विक मंच पर एक बार फिर दर्शाया।
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त्रिनिदाद के प्रधानमंत्री की प्रतिक्रियाएं
त्रिनिदाद एंड टोबैगो के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समझौते केवल दस्तावेज नहीं हैं, बल्कि विश्वास, साझेदारी और साझा भविष्य की दिशा में ठोस कदम हैं। उन्होंने भारत को एक विश्वसनीय मित्र बताते हुए कहा कि यह सहयोग उनके देश के नागरिकों के लिए नए अवसर लेकर आएगा।
उनका कहना था कि भारत जैसे विशाल लोकतंत्र के साथ सहयोग उन्हें वैश्विक मंच पर अधिक मजबूती देगा, विशेषकर तकनीकी और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में।
भारत की ‘ग्लोबल साउथ’ नीति में योगदान
भारत पिछले कुछ वर्षों से वैश्विक दक्षिण यानी विकासशील देशों के समूह में अपनी नेतृत्वकारी भूमिका को आगे बढ़ा रहा है। यह समझौते उसी नीति का हिस्सा हैं, जहां छोटे देशों के साथ समानता, पारस्परिक लाभ और सहयोग की भावना से संबंध बनाए जा रहे हैं।
यह पहल केवल भारत की विदेश नीति की जीत नहीं, बल्कि एक नया वैश्विक संतुलन बनाने की दिशा में भारत का योगदान है।
एक साझेदारी जो भविष्य तय करेगी
भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच हुए छह समझौते सिर्फ समझौतों तक सीमित नहीं हैं। यह एक गहरे और दीर्घकालिक रिश्ते की आधारशिला हैं, जहां विकास, सम्मान और संस्कृति तीनों को साथ लेकर चला जा रहा है।
जैसे-जैसे ये पहल ज़मीन पर उतरेंगी, दोनों देशों के नागरिकों को नई सुविधाएं, तकनीक, व्यापार और सांस्कृतिक जुड़ाव का लाभ मिलेगा। यह भविष्य की साझेदारी की शुरुआत है — सशक्त, समावेशी और दूरदर्शी।