हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग सिर्फ एक व्यायाम नहीं, बल्कि भारत की उस प्राचीन परंपरा का प्रतीक है जो तन, मन और आत्मा को संतुलित करती है। यह दिन वैश्विक स्तर पर इस बात की याद दिलाता है कि कैसे भारत ने पूरी दुनिया को एक ऐसा साधन दिया है जो शारीरिक और मानसिक रूप से मनुष्य को स्वस्थ बनाता है।
साल 2014 में जब इस दिवस की शुरुआत हुई थी, तब से अब तक हर वर्ष एक थीम के साथ यह मनाया जाता है। 2025 की थीम — “योग फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी” — इस बात पर बल देती है कि योग न केवल व्यक्ति के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए कल्याणकारी है।
विशाखापत्तनम से प्रधानमंत्री ने दी नई ऊर्जा
इस वर्ष का मुख्य कार्यक्रम विशाखापत्तनम के समुद्र किनारे भव्य रूप में आयोजित किया गया। तड़के सुबह से ही योग प्रेमी हजारों की संख्या में वहां एकत्र होने लगे। आयोजकों ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किए थे।
सुबह 6:30 बजे, जैसे ही प्रधानमंत्री वहां पहुंचे, पूरा वातावरण एक सकारात्मक ऊर्जा से भर गया। उन्होंने योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास करते हुए एक प्रेरणादायक भाषण भी दिया।
🔹 प्रधानमंत्री के तीन योग मंत्र:
- स्वास्थ्य: योग से न केवल शरीर मजबूत होता है, बल्कि बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है।
- संतुलन: जीवन की आपाधापी में योग व्यक्ति को मानसिक संतुलन बनाए रखने की शक्ति देता है।
- सद्भाव: योग एक ऐसी भावना को जन्म देता है जिसमें व्यक्ति नकारात्मकता से दूर होकर सबके साथ जुड़ने लगता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है और इसके अभ्यास को जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए।
Yoga isn’t just an exercise. It is a way of life. Wonderful to join this year’s Yoga Day celebrations in Visakhapatnam. https://t.co/ReTJ0Ju2sN
— Narendra Modi (@narendramodi) June 21, 2025
🌿 योग शिविर और बड़े स्तर पर आयोजन
इस आयोजन में 35,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिनमें युवा, बुजुर्ग, छात्र, सैनिक, पुलिसकर्मी और स्थानीय नागरिक शामिल थे। कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के योग आसनों का अभ्यास किया गया, जिनमें ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन, प्राणायाम और ध्यान प्रमुख थे।
विशेष रूप से महिलाओं और बुजुर्गों की उत्साहजनक भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि योग उम्र और सीमाओं से परे एक सार्वभौमिक साधन है।
🙏 योग गुरु और संस्थाओं की भागीदारी
योग दिवस के इस विशाल आयोजन में कई योग गुरु और संस्थानों ने भी भागीदारी की।
- योग शिक्षा और प्रसार में योगदान देने वाले प्रमुख संस्थानों द्वारा स्वतंत्र योग शिविर लगाए गए।
- आध्यात्मिक गुरुओं ने योग के महत्व पर चर्चा की और समाज को प्रेरित किया कि जीवनशैली में योग को अपनाया जाए।
- इन शिविरों में बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक को सरल और प्रभावशाली योग सिखाया गया।
🎯 थीम 2025: ‘Yoga for Self and Society’ का गहरा संदेश
2025 की थीम — “Yoga for Self and Society” — यह बताती है कि योग का प्रभाव केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है। जब व्यक्ति शांत और संतुलित रहता है, तो समाज भी बेहतर बनता है।
🔸 इस थीम का व्यापक प्रभाव:
- योग व्यक्ति को आत्म-नियंत्रण और धैर्य सिखाता है।
- मानसिक तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं में राहत देता है।
- समाज में सकारात्मकता और सहयोग की भावना का प्रसार करता है।
- युवाओं में जीवन के प्रति अनुशासन और उद्देश्य की भावना जागृत करता है।
📱 सोशल मीडिया पर योग दिवस की गूंज
इस वर्ष का योग दिवस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी छाया रहा।
- हजारों लोगों ने #YogaDay2025 और #YogaForSociety जैसे हैशटैग के साथ अपनी योग करते हुए तस्वीरें और वीडियो साझा किए।
- सरकारी विभागों, नेताओं, खिलाड़ियों और फिल्मी हस्तियों ने भी अपने-अपने तरीके से योग दिवस की शुभकामनाएं दीं।
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर विशेष योग सत्र लाइव प्रसारित किए गए, जिनसे लाखों लोग लाभान्वित हुए।
🌍 दुनिया भर में भारत के योग संदेश का प्रभाव
आज जब पूरी दुनिया स्वास्थ्य संकट, मानसिक तनाव और असंतुलन जैसी समस्याओं से जूझ रही है, ऐसे समय में योग एक समाधान बनकर उभरा है। विश्व के अनेक देशों में भारतीय दूतावासों और समुदायों द्वारा योग कार्यक्रम आयोजित किए गए।
यूरोप, अमेरिका, एशिया और अफ्रीका में हजारों लोगों ने सामूहिक योग कर भारत के इस उपहार को स्वीकार किया। योग के प्रति यह वैश्विक झुकाव दर्शाता है कि भारत की यह प्राचीन विद्या आज भी कितनी प्रासंगिक और प्रभावशाली है।
💬 आपने आज योग किया?
यदि नहीं, तो आज से ही शुरुआत करें। और अगर किया, तो नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं कि आपने कौन-सा आसन सबसे ज़्यादा पसंद किया।
क्या आपने अपने परिवार या दोस्तों को योग के लिए प्रेरित किया?
हम जानना चाहेंगे!
योग को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं
योग दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि एक संकल्प है – खुद को स्वस्थ रखने और समाज को संतुलित बनाने का।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने आज फिर एक बार यह सिद्ध किया है कि योग हमारे संस्कारों की नींव है और इसे पूरी दुनिया तक पहुँचाना हमारी जिम्मेदारी।