ईरान और इज़राइल के बीच लंबे समय से जारी तनाव रविवार को उस समय और अधिक गहरा गया जब ईरान ने ताज़ा मिसाइल हमले किए।
इन हमलों में 3 नागरिकों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
ईरान ने आधिकारिक रूप से इन हमलों की पुष्टि की है, जबकि इज़राइली रक्षा बलों ने भी हवाई हमलों का जवाब देने के लिए ऑपरेशन तेज़ कर दिए हैं। यह हमला उस वक्त हुआ जब दुनिया पहले से ही दोनों देशों के बीच संघर्ष को लेकर चिंतित है।
पुराना संघर्ष, नई चिंगारी
ईरान और इज़राइल के बीच वैचारिक और सामरिक मतभेद दशकों पुराने हैं।
1979 की ईरानी क्रांति के बाद से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी, और तब से लेकर अब तक यह तनाव कई बार हिंसक रूप ले चुका है।
हाल के वर्षों में सीरिया, लेबनान और गाजा पट्टी जैसे इलाकों में दोनों के हितों की टकराहट ने हालात और जटिल बना दिए हैं।
⚠️ Iran launches new wave of missile attacks on Israel
~ 3 people were killed and 102 injured
~ Missiles caused significant destruction in Tel Aviv
~ An oil refinery in Haifa was also struck causing major damage 🇮🇱/🇮🇷 🔥 pic.twitter.com/F8PCvfBSCt— Tannie تاني 🇵🇸 (@putin_76) June 16, 2025
कैसे हुआ हमला? पूरी टाइमलाइन
रविवार तड़के ईरान ने अपनी मिसाइल प्रणाली के जरिए इज़राइल के उत्तरी और केंद्रीय हिस्सों को निशाना बनाया।
खासकर तेल अवीव, हाइफ़ा और नेगेव इलाकों में अलर्ट जारी किया गया। तेल अवीव और हाइफ़ा के इलाकों में मिसाइलों की तीव्र बौछार हुई, जिससे व्यापक नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
इस हमले की पृष्ठभूमि में हाल ही में सामने आया वो घटनाक्रम भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जब IAEA ने इज़राइल-ईरान न्यूक्लियर साइट पर हुए संदिग्ध हमले की पुष्टि की थी, जिसमें आंतरिक रेडियोधर्मी रिसाव तो पाया गया था, लेकिन बाहरी रूप से कोई बड़ा खतरा नहीं बताया गया। पूरी रिपोर्ट यहाँ पढ़ें।
आधिकारिक और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
इज़राइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इसे “सीधी युद्ध की घोषणा” करार देते हुए कहा कि उनका देश इसका माकूल जवाब देगा।
वहीं, ईरान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह “इज़राइली आक्रामकता” का प्रतिशोध है।
अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने गहरी चिंता जताई है और कहा है कि अगर यह संघर्ष नहीं थमा तो पूरे मध्य-पूर्व को इसका गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
“UN ने तत्काल संघर्षविराम और वार्ता की जरूरत बताई है।”
आम नागरिकों की मुश्किलें बढ़ीं
इज़राइली शहरों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं, और जनता को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
घायलों को तेल अवीव, येरुशलम और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत नाजुक बताई जा रही है।
“हाइफ़ा के एक अस्पताल में एक ही परिवार के चार सदस्य घायल अवस्था में भर्ती हैं।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया और ज़मीनी रिपोर्ट्स
X (पूर्व ट्विटर) और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस हमले के वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
लोगों में डर और गुस्सा साफ देखा जा सकता है। कई लोग सरकार से तुरंत समाधान की मांग कर रहे हैं।
“लाइव कैमरों में मिसाइल के उड़ते हुए वीडियो और रिहायशी इलाकों में विस्फोट के नज़ारे वायरल हो रहे हैं।”
क्या यह युद्ध लंबा चलेगा? विशेषज्ञों की राय
रक्षा विश्लेषकों के अनुसार यह संघर्ष जल्द थमने की संभावना नहीं है।
इज़राइल और ईरान दोनों की सेना हाई अलर्ट पर है और सीमा पर सैन्य गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकता है, जिसमें लेबनान का हिज़बुल्लाह या ग़ज़ा की हमास भी शामिल हो सकते हैं।
“डिफेंस एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर कूटनीति विफल हुई, तो यह टकराव पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है।”
आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण
यह साफ है कि ईरान और इज़राइल के बीच हालिया संघर्ष सिर्फ एक सीमित जवाबी हमला नहीं है, बल्कि यह एक बड़े टकराव की शुरुआत हो सकती है।
आम नागरिकों की सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हाथ में है।
“विश्व समुदाय को जल्द हस्तक्षेप करना होगा वरना हालात बेकाबू हो सकते हैं।”