जम्मू-कश्मीर के पहुंच से दूर पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर से क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद पर वैश्विक चर्चा छेड़ दी है। इस हमले में सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया, जिसमें कई जवान घायल हुए। हमले के पीछे पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकी संगठनों का हाथ होने की आशंका जताई गई है।
भारत में इस हमले को लेकर गुस्सा और चिंता दोनों देखने को मिली। कई लोगों ने सख्त जवाब की मांग की, वहीं कुछ विशेषज्ञों ने संयम की बात कही। इसी बीच, अमेरिकी सीनेटर JD Vance ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया जिसमें उन्होंने भारत को जवाब देने का अधिकार तो बताया, लेकिन साथ ही “क्षेत्रीय युद्ध से बचने” की सलाह भी दी।
👉 पढ़ें: उमर अब्दुल्ला ने हमले के बाद क्या कहा
JD Vance कौन हैं और उनका महत्व क्या है?
JD Vance अमेरिका के ओहायो राज्य से रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर हैं। वे 2022 में सीनेट के लिए चुने गए और तेज़ी से अंतरराष्ट्रीय मामलों पर प्रभावी बयान देने वाले नेता बन गए हैं। Vance अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं और अक्सर विदेश नीति पर उनकी राय को गंभीरता से लिया जाता है।
उनका यह बयान केवल एक सीनेटर की राय नहीं, बल्कि एक प्रभावशाली अमेरिकी दृष्टिकोण का हिस्सा माना जा सकता है। उनके विचार, खासकर भारत जैसे रणनीतिक साझेदार देश को लेकर, अमेरिका की व्यापक नीति को संकेत कर सकते हैं।
इसलिए उनका “avoid regional war” वाला बयान सिर्फ सावधानी नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश माना जा सकता है।
JD Vance का पूरा बयान और उसका विश्लेषण
JD Vance ने कहा कि भारत को आतंक के खिलाफ जवाब देने का अधिकार है, लेकिन इस प्रक्रिया में क्षेत्रीय युद्ध से बचना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा,
“India has every right to defend itself against terrorism. But we hope its response to the Pahalgam attack avoids escalating into a regional war.”
इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की भूमिका पर भी टिप्पणी की:
“The US hopes Pakistan will cooperate with India to eliminate terrorist threats and ensure regional peace.”
इस बयान के दो मुख्य पहलू हैं:
- भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन
- सावधानीपूर्वक कार्रवाई की सलाह
Vance ने स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत को रोक नहीं रहा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता की चिंता जता रहा है। उनका यह भी कहना था कि पाकिस्तान को इस बार आतंक के खिलाफ ईमानदारी से सहयोग करना चाहिए।
🚨🚨 JD VANCE was in India when Terr0rists attacked in Pahalgam. He knew everything what happened but he is advising India not to do anything
Will Vishwaguru react now?pic.twitter.com/ZCcKhnDhLp
— Surbhi (@SurrbhiM) May 2, 2025
भारत की प्रतिक्रिया और स्थिति
भारत सरकार की ओर से अब तक कोई सीधा जवाब नहीं आया है JD Vance के बयान पर। हालांकि विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय दोनों आतंकी घटनाओं पर गंभीर विचार कर रहे हैं।
भारतीय मीडिया और जनता ने Vance के बयान को मिला-जुला रिस्पॉन्स दिया है। कुछ लोगों ने इसे “कूटनीतिक सलाह” माना, तो कुछ ने “भारत की संप्रभुता में दखल” करार दिया।
भारत का रिकॉर्ड आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रहा है। 2016 में उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में पुलवामा के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक इसके उदाहरण हैं।
इसलिए ये सवाल खड़ा होता है कि क्या इस बार भी भारत इसी तरह का कदम उठाएगा? और क्या JD Vance का बयान ऐसे किसी संभावित कदम को प्रभावित करेगा?
क्या अमेरिका भारत पर दबाव बना रहा है?
JD Vance का बयान सीधे तौर पर अमेरिकी सरकार की आधिकारिक नीति नहीं है, लेकिन ये भी सच है कि अमेरिकी सीनेटरों के विचार कई बार विदेश नीति के संकेत होते हैं।
बाइडन प्रशासन की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई विस्तृत बयान नहीं आया है, लेकिन विदेश विभाग ने इतना ज़रूर कहा है कि “वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।”
इसलिए Vance का बयान एक कूटनीतिक संकेत हो सकता है, जिससे यह पता चलता है कि अमेरिका दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने के पक्ष में है।
क्षेत्रीय स्थिरता बनाम आतंक पर कार्रवाई
भारत और पाकिस्तान के बीच वर्षों से तनाव रहा है, और हर बड़ा आतंकी हमला इस रिश्ते को और खराब करता आया है।
अमेरिकी बयान का उद्देश्य शायद यह है कि भारत जवाब दे, लेकिन ऐसा जवाब जिससे युद्ध जैसी स्थिति ना बने।
लेकिन सवाल यह है कि क्या आतंकवाद को नज़रअंदाज़ करना स्थिरता है? या सटीक जवाब देकर भविष्य के हमलों को रोकना असली स्थिरता है?
भारत की नीति ‘zero tolerance to terrorism’ की रही है, और JD Vance के बयान के बावजूद भारत शायद अपने राष्ट्रीय हित के अनुसार निर्णय लेगा।
निष्कर्ष
JD Vance का बयान एक सजग मित्र की तरह देखा जा सकता है, जो भारत को उसका अधिकार भी याद दिलाता है और चेतावनी भी देता है।
भारत के पास दो रास्ते हैं – एक तरफ संयम और कूटनीति, दूसरी ओर सटीक और सीमित जवाब।
संभावना है कि भारत कोई भी कदम बहुत सोच-समझकर उठाएगा, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय राजनीति और घरेलू सुरक्षा दोनों ही आज बहुत संवेदनशील दौर में हैं।
अमेरिका और भारत दोनों आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं, और JD Vance के इस बयान को एक संतुलित, लेकिन सावधान दृष्टिकोण के रूप में देखा जाना चाहिए।