5 अगस्त, 2025 को पंजाब के मोहाली जिले के फेज़ 9 इंडस्ट्रियल एरिया में एक ऑक्सीजन प्लांट में भयंकर धमाका हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाके की आवाज़ इतनी ज़ोरदार थी कि वह दूर-दूर तक सुनी गई। धमाके के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई और लोग घरों से बाहर निकल आए।
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घटना कैसे और कब घटी?
यह धमाका उस समय हुआ जब प्लांट में ऑक्सीजन सिलिंडर भरने का काम चल रहा था। दोपहर करीब 2:30 बजे एक सिलिंडर में अचानक विस्फोट हुआ, जिससे पूरी यूनिट हिल गई। धमाके की वजह से प्लांट में आग लग गई और काले धुएं के गुबार आसमान में फैल गए। अभी तक विस्फोट के कारणों की पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन शुरुआती जांच में सिलिंडर में प्रेशर अधिक होने की आशंका जताई जा रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी
घटना की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग की चार गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं। साथ ही, स्थानीय पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने मोर्चा संभालते हुए घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में पहुँचाया। आग पर काबू पाने के लिए कई घंटों तक मशक्कत करनी पड़ी। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों ने मौके पर पहुँचकर हालात का जायज़ा लिया।
मृतकों और घायलों की स्थिति
इस दर्दनाक हादसे में दो लोगों की मौत हो गई जिनकी पहचान सतीश कुमार (35 वर्ष) और रामपाल (32 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों उसी प्लांट में कर्मचारी थे। इसके अलावा 6 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद PGIMER चंडीगढ़ रेफर किया गया है।
#पंजाब में #मोहाली के इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री में सिलेंडर ब्लास्ट हो गया, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई है। जबकि,कई लोगों के घायल होने की सूचना है,हादसे के बाद इलाके में अफरातफरी मची हुई है। धमाका इतना तेज था कि आसपास के घरों की दीवारें तक हिल गईं #Mohali #Paunjab pic.twitter.com/TW2Uzh8drX
— Sahil Rukhaya (@Sahilrukhaya7) August 6, 2025
चश्मदीदों ने बताया – ‘जैसे बम फटा हो’
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह धमाका इतना भयानक था कि कुछ पल के लिए सब कुछ थम सा गया। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया कि “ऐसा लग रहा था जैसे कहीं बम विस्फोट हुआ हो। पूरी ज़मीन कांप गई और लोगों में दहशत फैल गई।” सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें धुएं के गुबार और अफरा-तफरी का माहौल साफ देखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की प्रतिक्रिया
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।
प्रशासन की कार्यवाही और FIR दर्ज
पुलिस ने प्लांट मालिक और प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। प्लांट की कार्यप्रणाली और सुरक्षा उपायों की गहन जांच की जा रही है। इस हादसे के बाद प्रशासन की ओर से सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
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प्लांट की पृष्ठभूमि और सुरक्षा में खामियाँ
जिस प्लांट में यह धमाका हुआ, वह एक निजी स्वामित्व वाली ऑक्सीजन यूनिट है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि वहाँ सुरक्षा से जुड़े जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया था। प्लांट का निरीक्षण पिछले एक वर्ष से नहीं हुआ था और सिलिंडर की टेस्टिंग रिपोर्ट अधूरी पाई गई। इसके पहले भी इस प्लांट को सुरक्षा उल्लंघन को लेकर नोटिस भेजा गया था।
सरकार की नई दिशा और योजना
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि पंजाब में सभी ऑक्सीजन व गैस प्लांट्स का सुरक्षा ऑडिट कराया जाएगा। जो प्लांट्स सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। साथ ही, राज्य भर में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित रूप से सुरक्षा प्रशिक्षण देने की योजना बनाई जा रही है।
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्लांट में समय पर निरीक्षण होता और सुरक्षा मानकों का पालन होता तो यह हादसा रोका जा सकता था। विशेषज्ञों का मानना है कि सिलिंडर जैसे विस्फोटक पदार्थों के साथ काम करते समय अधिकतम सावधानी और नियमित टेस्टिंग ज़रूरी होती है। यह हादसा केवल एक चूक नहीं, बल्कि एक व्यवस्थागत असफलता को दर्शाता है।
अब भी कई सवाल अनसुलझे
इस हादसे ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:
- क्या यह हादसा मानवीय भूल थी या लापरवाही का नतीजा?
- क्या प्रशासन ने समय पर निगरानी की?
- क्या कंपनी ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को नजरअंदाज़ किया?
इन सवालों के जवाब तो जांच के बाद ही सामने आएंगे, लेकिन इतना ज़रूर है कि यह हादसा भविष्य के लिए चेतावनी है।
एक चेतावनी, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता
मोहाली का यह हादसा न केवल दर्दनाक है बल्कि यह सिस्टम में मौजूद खामियों की पोल भी खोलता है। यह एक बार फिर साबित करता है कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी से बड़े हादसे जन्म लेते हैं। अब यह समय है कि प्रशासन और औद्योगिक क्षेत्र दोनों ही जागरूक होकर ऐसे हादसों को रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।
क्या सोचते हैं आप?
क्या आपको लगता है कि इस हादसे की ज़िम्मेदारी सिर्फ प्लांट मालिक की है या प्रशासन भी उतना ही दोषी है?
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