मेरठ के दिल दहला देने वाले ब्लू ड्रम मर्डर केस में एक नया मोड़ आया है। मस्कान रस्तोगी, जिसपर अपने पति सौरभ राजपूत की हत्या का आरोप है, जेल में प्रेग्नेंट पाई गई है। इस खुलासे के बाद सौरभ के भाई बबलू राजपूत ने बयान दिया कि अगर बच्चा उनके भाई सौरभ का है, तो वे उसे गोद लेकर पालेंगे। इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर आम जनता के दिलों तक भावनाओं का तूफान ला दिया है।
केस की पृष्ठभूमि
सौरभ राजपूत, एक पूर्व मर्चेंट नेवी ऑफिसर, की 4 मार्च 2025 को उनके ही घर में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी मस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने मिलकर पहले सौरभ को नशीली दवाएं दीं और फिर चाकू से हमला कर उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद, उनके शव के टुकड़े किए गए और उन्हें सीमेंट से भरे एक नीले ड्रम में छिपा दिया गया। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि मस्कान ने यह साजिश नवंबर 2023 से ही रचनी शुरू कर दी थी।
हत्या के बाद की जांच और खुलासे
हत्या के बाद दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। जेल में नियमित मेडिकल चेकअप के दौरान मस्कान की प्रेग्नेंसी का पता चला। जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने बताया कि मस्कान का अब अल्ट्रासाउंड टेस्ट होगा ताकि गर्भ की स्थिति और अवधि का पता चल सके। रिपोर्ट की पुष्टि होने के बाद ही उसे आधिकारिक रूप से जानकारी दी जाएगी। जेल प्रशासन ने यह भी बताया कि मस्कान इस समय सिलाई का काम कर रही है और साहिल कृषि कार्यों में लगा हुआ है। दोनों को ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर की मदद से पुनर्वास कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
“अगर बच्चा सौरभ का है…” – बबलू राजपूत का बयान
सौरभ के भाई बबलू राजपूत का बयान सामने आते ही देशभर में इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गई। बबलू ने कहा, “अगर यह बच्चा मेरे भाई सौरभ का है, तो हम उसे अपना समझकर पालेंगे।” उनका यह मानवीय दृष्टिकोण समाज को सोचने पर मजबूर कर रहा है कि एक मासूम बच्चे का क्या दोष है?
When your spouse starts planning your funeral instead of your anniversary, it’s probably time for a change.
Muskan Rastogi, one of the accused in the Meerut murder case, has been found pregnant during a routine jail check-up. pic.twitter.com/Sr4uyye9o2
— Ajay C (@Ajay65578155) April 8, 2025
कानूनी और सामाजिक पहलू
अगर बच्चे की पैतृकता डीएनए टेस्ट से साबित होती है, तो बबलू राजपूत को कानूनी अभिभावक बनने का अधिकार मिल सकता है। लेकिन यह मामला सिर्फ कानून का नहीं, समाज की सोच का भी है। क्या समाज एक अपराधी की कोख से जन्मे बच्चे को सहजता से अपनाएगा? यह नैतिक और मानवीय दोनों ही स्तरों पर एक चुनौतीपूर्ण प्रश्न है।
सोशल मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया
इस केस ने ट्विटर और फेसबुक पर तूफान खड़ा कर दिया है। कई लोगों ने बबलू की भावुकता की सराहना की, वहीं कुछ ने सवाल भी उठाए कि एक हत्या के आरोपी की कोख से जन्मा बच्चा क्या सामान्य जीवन जी पाएगा?
प्रमुख प्रतिक्रियाएं:
- @JusticeForSaurabh: “बबलू राजपूत का कदम इंसानियत की मिसाल है।”
- @CrimeWatchIndia: “मासूम बच्चा किसी का क्या बिगाड़ सकता है? उसे मौका मिलना चाहिए।”
- @LegalMindset: “DNA रिपोर्ट के बाद ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए।”
मेडिकल दृष्टिकोण
जेल में महिला बंदियों की नियमित स्वास्थ्य जांच होती है। मस्कान की प्रेग्नेंसी भी इसी प्रक्रिया के तहत सामने आई। जेल प्रशासन ने साफ किया है कि अभी तक उन्हें केवल मौखिक जानकारी मिली है, लिखित रिपोर्ट नहीं। अल्ट्रासाउंड के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
भविष्य की संभावनाएँ
यदि डीएनए रिपोर्ट से पुष्टि होती है कि बच्चा सौरभ का है, तो कानूनी प्रक्रिया के तहत बबलू को गोद लेने का अधिकार मिल सकता है। वहीं मस्कान और साहिल के खिलाफ हत्या का केस अपनी राह पर जारी रहेगा। सवाल ये भी है कि अगर बच्चा साहिल का निकला तो क्या होगा? ऐसे में कानूनी और नैतिक दोनों पहलुओं पर नए विवाद खड़े हो सकते हैं।
निष्कर्ष
यह केस सिर्फ एक मर्डर मिस्ट्री नहीं रहा, बल्कि अब यह जीवन, ममता और इंसानियत के पहलुओं से जुड़ चुका है। एक मासूम बच्चे का भविष्य अब डीएनए रिपोर्ट और समाज की सोच पर निर्भर करता है।
👉 आपकी क्या राय है? क्या बबलू राजपूत का कदम इंसानियत की मिसाल है या एक भावनात्मक निर्णय? नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं।