हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार जानलेवा साबित हो रहा है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने प्रदेश के कई जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। अब तक 72 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 30 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं।
जिले जैसे मंडी, कुल्लू, शिमला, किन्नौर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। बारिश के कारण कई मकान ढह गए हैं, सड़कें टूटी हैं, पुल बह गए हैं और बिजली की आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई है।
📢 डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का बयान
हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने मीडिया को जानकारी दी कि, “स्थिति बेहद गंभीर है, अब तक 72 मौतें हो चुकी हैं। हमारी प्राथमिकता रेस्क्यू व राहत कार्य है।”
उन्होंने बताया कि प्रशासन के पास 24×7 निगरानी की व्यवस्था है और राज्य सरकार हर जरूरी संसाधन मुहैया करवा रही है।
🛑 मुख्यमंत्री सुक्खू के राहत प्रयास
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद हालात की निगरानी कर रहे हैं। वह हेलिकॉप्टर और ड्रोन की मदद से जमीनी स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को अस्थाई राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा रहा है। सरकार ने केंद्र से भी सहयोग की मांग की है और NDRF की अतिरिक्त टीमें भेजी जा चुकी हैं।
Himachal is a disaster-zone right now! Massive destruction of infrastructure; at least 74 dead. Heavy rainfall & flash floods have led to high losses. And this isn’t the first time. Climate change & our ‘development’ model in the mountains will make matters worse.
🎥 : AIR News pic.twitter.com/9hnyLMJcMe
— Nidhi Jamwal (@JamwalNidhi) July 6, 2025
🚁 रेस्क्यू और राहत कार्य में तेजी
राज्य सरकार ने NDRF, SDRF और सेना को राहत कार्य में लगाया है। अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
मंडी जिले में फंसे 38 छात्रों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि कई गांवों में अभी भी रास्ते बंद हैं। सरकार राहत सामग्री — जैसे खाने-पीने की चीजें, दवाइयाँ, टेंट — भी पहुँचा रही है।
⛅ मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
IMD का कहना है कि अगले 48 घंटे राज्य के लिए बेहद संवेदनशील हो सकते हैं। लोगों को सलाह दी गई है कि वे नदियों, नालों और भूस्खलन-प्रवण इलाकों से दूर रहें।
🌧️ पड़ोसी राज्यों में भी बिगड़े हालात
🔸 उत्तराखंड में बारिश का कहर
उत्तराखंड के टिहरी, पौड़ी और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी बारिश के कारण चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई है।
कई जगह भूस्खलन से सड़कें बंद हैं। अब तक 8 लोगों की मौत और दर्जनों घायल होने की खबर है।
🔸 पंजाब के सीमावर्ती जिले प्रभावित
पठानकोट और गुरदासपुर जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। कई बस्तियों को खाली कराया गया है।
बाढ़ के कारण धान की फसल को नुकसान हुआ है, जिससे किसान चिंता में हैं।
🔸 हरियाणा के कुछ हिस्से जलमग्न
हरियाणा के यमुनानगर और पंचकूला में जलभराव की स्थिति है। स्कूल बंद कर दिए गए हैं और यातायात प्रभावित हुआ है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें।
🏫 जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त
हिमाचल प्रदेश में स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर बंद कर दिए गए हैं।
नेशनल हाईवे NH-5 और NH-3 जगह-जगह टूट चुके हैं, जिससे संपर्क बाधित है।
पर्यटन पूरी तरह से ठप हो गया है, और हजारों पर्यटक राज्य से निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
📱 सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं तस्वीरें और वीडियो
लोगों ने बाढ़ और भूस्खलन की वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की हैं।
कुछ जगहों पर अफवाहें फैलने लगी हैं, जिससे प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि केवल सरकारी स्रोतों पर ही भरोसा करें।
📣 सरकार की चेतावनी और अपील
सरकार ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
लोगों को ट्रैफिक रूट चेक करके ही यात्रा करने की सलाह दी गई है।
राज्य सरकार ने SMS, TV और मोबाइल ऐप के माध्यम से भी चेतावनी संदेश भेजने शुरू कर दिए हैं।
हाल ही में हिमाचल में भारी बारिश के चलते 43 लोगों की मौत और 37 के लापता होने की खबर भी सामने आई थी। विस्तृत रिपोर्ट पढ़ें: हिमाचल में मानसून बना मौत का कारण – 43 मौतें, 37 लोग लापता
🚨 Himachal Pradesh Monsoon Havoc: Red Alert in
Mandi, Kangra, Sirmaur! 🌧️Cloudbursts cause chaos, 74 dead, 30 missing. 😳
Rescue teams tackle floods & landslides.
Stay safe! 🙏 pic.twitter.com/DzqgYQjXGM— Sourabh (@vellasrv) July 6, 2025
सावधानी ही सुरक्षा है
राज्य सरकार की कोशिशें जारी हैं लेकिन हालात बेहद संवेदनशील बने हुए हैं।
जनता को चाहिए कि वह प्रशासन का सहयोग करे, अफवाहों से दूर रहे और केवल अधिकारिक सूचनाओं पर विश्वास करे।
मौसम की हर अपडेट को गंभीरता से लें, ताकि जान-माल का नुकसान न हो।