अप्रैल के महीने में ही देशभर में गर्मी ने अपने तेवर दिखा दिए हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, कई राज्यों में तापमान सामान्य से 4–6 डिग्री अधिक दर्ज किया गया है। राजधानी दिल्ली से लेकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा तक लू जैसे हालात बन चुके हैं। लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा और जल संकट जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
किन राज्यों में सबसे अधिक असर?
देश के कई हिस्सों में तापमान 42°C से ऊपर पहुंच चुका है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, नीचे दिए गए राज्य सबसे अधिक प्रभावित हैं:
- राजस्थान: बाड़मेर और फलोदी में 44°C पार
- दिल्ली: 42.1°C दर्ज, येलो अलर्ट जारी
- उत्तर प्रदेश: प्रयागराज, झांसी में 43°C के आसपास तापमान
- बिहार और झारखंड: लगातार तीसरे दिन लू की स्थिति
- ओडिशा: अंगुल, झारसुगुड़ा जैसे शहरों में हीटवेव जारी
IMD ने इन राज्यों के लिए ‘येलो’ और ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है।
Day temperature likely rise further in Maharastra in next 72hrs;Almost full country in grip of heat wave:Orange alert due HW in Vidarbha,East -UP,Bihar,Gangetic WB , Odisha form 23-25April.Near HW(hot,humid)wx likely in Pune,Mumbai.Avoid moving out between 11am to 4pm.B hydrated. pic.twitter.com/7FJXsVXURx
— Anupam Kashyapi Never B Upset (@anupamkashyapi) April 22, 2025
दिल्ली-NCR का हाल: क्या कहती है रिपोर्ट?
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में तापमान 42.1°C तक पहुंच चुका है। 28 अप्रैल को मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया, जिसका अर्थ है कि नागरिकों को एहतियात बरतने की सख्त ज़रूरत है।
दिल्ली के मयूर विहार, रोहिणी, द्वारका और नोएडा में दोपहर के समय सड़कें सुनसान दिखीं। लोग ज़्यादा से ज़्यादा समय घर के अंदर बिताना पसंद कर रहे हैं।
IMD का कहना है:
“29 अप्रैल से मौसम थोड़ा बदल सकता है, दिल्ली-एनसीआर में आंधी और हल्की बारिश की संभावना है।”
राहत की उम्मीद: मौसम विभाग की भविष्यवाणी
मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनों में कुछ राज्यों को हल्की बारिश और आंधी से राहत मिल सकती है।
- 29 से 30 अप्रैल: दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में गरज के साथ बारिश
- 1–2 मई: पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में आंशिक राहत
- गुजरात और महाराष्ट्र: फिलहाल हीटवेव जारी रहने की संभावना
यह राहत कितनी स्थायी होगी, यह आने वाले सप्ताह में साफ़ होगा।
जलवायु परिवर्तन और भविष्य की तैयारी
हीटवेव जैसी घटनाएं अब हर साल पहले से ज्यादा तीव्र और लंबी होती जा रही हैं, जो इस बात की चेतावनी हैं कि जलवायु परिवर्तन का असर अब साफ़ तौर पर दिखाई देने लगा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर ग्लोबल वॉर्मिंग को नियंत्रित नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में गर्मी का यह स्तर सामान्य हो जाएगा।
इसलिए अब ज़रूरत है कि:
- शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने के प्रयास किए जाएं
- घरों और दफ्तरों को इस तरह डिज़ाइन किया जाए कि वे गर्मी को कम करें
- वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जाए
- सरकारें और नागरिक मिलकर लंबी अवधि की नीतियाँ अपनाएं
हीटवेव को केवल मौसम से जुड़ी घटना न मानकर हमें इसे पर्यावरण चेतावनी के रूप में लेना चाहिए और स्थायी समाधान की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।
🚨 Extreme Heat waves across India and Pakistan, with some areas nearing 50°C this weekend. People are being told to stay indoors unless necessary.
The India Met Dept. warns this year may be even hotter than the last. The warming planet is threatening habitability in this region. pic.twitter.com/HYShhDe1bY— Peter Dynes (@PGDynes) April 11, 2025
स्वास्थ्य पर असर और जरूरी सावधानियाँ
हीटवेव का सीधा असर मानव शरीर पर पड़ता है। विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों को अधिक खतरा होता है।
लू से बचाव के उपाय:
- दिन के 12 बजे से 4 बजे तक बाहर जाने से बचें
- पानी, नींबू पानी, छाछ और फलों का सेवन करें
- टाइट और डार्क कपड़े पहनने से बचें
- छाते और सनग्लास का इस्तेमाल करें
- लू लगने पर तुरंत ठंडी जगह जाएं, ORS लें, डॉक्टर से संपर्क करें
सरकार की ओर से अस्पतालों को अलर्ट किया गया है कि हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्थाएं करें।
जल संकट और बिजली की मांग में उछाल
गर्मी के कारण पानी और बिजली की खपत चरम पर पहुंच चुकी है।
- दिल्ली जल बोर्ड को कई कॉलोनियों से टैंकर की मांग मिल रही है
- AC और कूलर की भारी खपत से बिजली ट्रिपिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं
- कई इलाकों में बिजली कटौती की शिकायतें भी आई हैं
प्रशासनिक हलचल:
“जल संकट से निपटने के लिए अतिरिक्त टैंकर और ट्यूबवेल की व्यवस्था की जा रही है।” — दिल्ली प्रशासन
सरकारी प्रयास: जनता को सुरक्षित रखने की पहल
सरकार और स्थानीय निकायों द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जैसे:
- स्कूलों में गर्मी की छुट्टियाँ जल्दी घोषित करना
- हाउसिंग सोसायटीज़ में जल संरक्षण के लिए दिशा-निर्देश
- सरकारी वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप पर मौसम अपडेट उपलब्ध कराना
- हीट एक्शन प्लान के तहत जागरूकता अभियान चलाना
निष्कर्ष: आगे की राह क्या हो सकती है?
हीटवेव अब सिर्फ मौसम की खबर नहीं रही, बल्कि जीवनशैली पर सीधा असर डालने वाला विषय बन चुकी है। हमें न केवल सरकारी निर्देशों का पालन करना चाहिए बल्कि समाज के कमजोर वर्गों जैसे मजदूरों, वृद्धों, और बच्चों के लिए सहयोग करना चाहिए।
इस भीषण गर्मी में हमारा संयम, सतर्कता और एक-दूसरे के प्रति संवेदनशीलता ही सबसे बड़ी राहत बन सकती है।
क्या आपके शहर में भी तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला गया है? नीचे कमेंट करके बताइए आपने इससे बचने के लिए क्या उपाय अपनाए हैं। आपकी राय अन्य पाठकों की मदद कर सकती है।