मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में पंजाब के लुधियाना में एक विशेष इंटरएक्टिव इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था – पंजाब के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करना। इस प्रयास में उन्हें भारी सफलता मिली और उन्हें कुल ₹15,606 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
इस आयोजन में लगभग 70 से अधिक प्रमुख उद्योगपति मौजूद रहे, जिनमें ट्राइडेंट, नाहर ग्रुप, हीरो, अवोन साइकिल्स जैसे प्रसिद्ध नाम शामिल थे।
निवेश प्रस्तावों की विस्तृत जानकारी
इन ₹15,606 करोड़ के निवेश प्रस्तावों में शामिल हैं:
- खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ
- वस्त्र और परिधान निर्माण
- इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो कंपोनेंट्स सेक्टर
- इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स पार्क्स
इन परियोजनाओं से लगभग 1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना जताई जा रही है।
अपार संभावनाओं की भूमि मध्यप्रदेश
Interactive Session on Investment Opportunities in Madhya Pradesh का लुधियाना में सफल आयोजन
💠 ₹15,600 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त
💠 20,000 से अधिक रोजगार के अवसर होंगे सृजित@DrMohanYadav51 @Industryminist1 @minmpmsme @MPIDC… pic.twitter.com/xa79Wxgme7— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) July 7, 2025
मुख्यमंत्री ने क्या कहा – आत्मनिर्भर MP का विजन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा:
“मध्यप्रदेश अब पुराने ढर्रे से बाहर निकल चुका है। यह अब निवेशकों का स्वागत करता है – एक विश्वसनीय और सहयोगी सरकार के साथ।”
उन्होंने निवेशकों को निम्न सुविधाएं बताई:
- 24×7 बिजली की गारंटी
- विकसित औद्योगिक कॉरिडोर
- ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस में बेहतर प्रदर्शन
- One District One Product और MSME Clusters का समर्थन
- कम ब्याज दरों पर उद्योग ऋण योजनाएं
पंजाब के उद्योगपतियों की प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में मौजूद कई बड़े निवेशकों ने MP के प्रशासनिक मॉडल की तारीफ की और कहा कि:
- यहां व्यापार के लिए बेहतर वातावरण है
- सरकारी समर्थन में तेजी और पारदर्शिता है
- श्रमिकों की उपलब्धता और दक्षता संतोषजनक है
- भौगोलिक रूप से मध्यप्रदेश की स्थिति व्यापार के लिए उपयुक्त है
Interactive Session on Investment Opportunities in Madhya Pradesh का लुधियाना में सफल आयोजन
💠 ₹15,600 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त
💠 20,000 से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार– डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री@DrMohanYadav51 @Industryminist1 @minmpmsme @MPIDC @MPTourism… pic.twitter.com/PbHvXhazXJ
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) July 7, 2025
इससे पहले हुए निवेश सम्मेलनों से तुलना
यह पहली बार नहीं है जब मध्यप्रदेश को इतने बड़े पैमाने पर निवेश प्रस्ताव मिले हों। इससे पहले:
- 2023 के इंदौर निवेश सम्मेलन में ₹3 लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव मिले थे
- जिनमें से 60% प्रस्तावों पर कार्य शुरू हो चुका है
- इससे यह उम्मीद लगाई जा रही है कि पंजाब से मिले प्रस्ताव भी तेजी से अमल में लाए जाएंगे
राज्य सरकार की रणनीति – निवेशकों के साथ भरोसे की डोर
राज्य सरकार अब इन निवेश प्रस्तावों को जल्द ही MoU में परिवर्तित करने की तैयारी कर रही है। यह प्रक्रिया अगले 3 से 6 महीनों में पूरी की जाएगी।
- उद्योगों के लिए पूर्वनिर्धारित भूखंड चिन्हित किए जा रहे हैं
- नीति संबंधी स्वीकृतियों में सिंगल विंडो सिस्टम लागू है
- लॉजिस्टिक हब, एक्सप्रेसवे, रेलवे कनेक्टिविटी को और सशक्त किया जा रहा है
पंजाब से विशेष अपील – सांस्कृतिक और औद्योगिक जुड़ाव
पंजाब के उद्योगपतियों को MP में निवेश के लिए आमंत्रित करने की पीछे का कारण केवल आर्थिक नहीं था। मुख्यमंत्री ने बताया कि:
“पंजाब और मध्यप्रदेश के बीच वर्षों से एक सांस्कृतिक और औद्योगिक रिश्ता रहा है। कई पंजाबी उद्योगपति पहले से ही हमारे राज्य में सफलता से व्यापार कर रहे हैं।”
इसलिए सरकार चाहती है कि यह रिश्ता और मजबूत हो।
भारत में राज्यीय प्रतिस्पर्धा का नया चेहरा
इस पूरे आयोजन ने यह भी दिखाया कि अब भारत के राज्य प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग से औद्योगिक प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं।
- राज्य सरकारें अब सीधी बातचीत और विश्वास-आधारित पहल के माध्यम से निवेश ला रही हैं
- केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ राज्यीय रणनीति का समन्वय बेहतर हो रहा है
- निवेश का नक्शा अब दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु तक सीमित नहीं, बल्कि इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे शहरों तक फैल रहा है
ट्रंप की नीति और भारत को राहत: एक संदर्भ
ग्लोबल पॉलिटिक्स के संदर्भ में भारत में निवेश के अवसरों पर चर्चा करते हुए यह बताना जरूरी है कि हाल ही में अमेरिका की नीतियों में भी भारत को राहत मिली है।
यह लेख ज़रूर पढ़ें:
🔗 Trump की नई टैरिफ नीति: ट्रेड डील नहीं, लेकिन चिट्ठियों के ज़रिए भारत को राहत – पर कब तक?
यह अंतरराष्ट्रीय घटनाएं भी भारत में निवेशकों के लिए एक सकारात्मक वातावरण बनाती हैं।
निष्कर्ष
यदि देखा जाए तो MP सरकार की यह कोशिश एक सकारात्मक संकेत है:
- राज्य स्तर पर रणनीतिक निवेश संवाद की नई पहल
- उद्योगों के लिए भरोसेमंद माहौल
- सरकार की तरफ से त्वरित समर्थन और संवाद
अब देखना यह है कि यह प्रस्ताव MoU और फिर वास्तविक उत्पादन इकाइयों में कितनी तेजी से तब्दील होते हैं।