नवरात्रि का पर्व शक्ति, भक्ति और सात्विकता का प्रतीक है। यह 9 दिनों तक चलने वाला त्योहार देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना का समय होता है। इस दौरान भक्तजन उपवास रखते हैं और माँ को विशेष प्रसाद अर्पित करते हैं। हिंदू धर्म में प्रसाद का विशेष महत्व है, और मिठाइयाँ इसका अभिन्न हिस्सा होती हैं।
हर देवी के लिए अलग-अलग प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है, जो भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्रदान करती है। प्रत्येक दिन देवी के स्वरूप के अनुसार विशेष मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं। इस आर्टिकल में हम 9 ऐसी पारंपरिक मिठाइयों के बारे में जानेंगे, जो देवी को अर्पित करने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं। ये न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि इनका धार्मिक महत्व भी होता है।
घी का हलवा – माँ शैलपुत्री को समर्पित
माँ शैलपुत्री नवरात्रि के पहले दिन पूजी जाती हैं। उनका वाहन वृषभ है और वे त्रिशूल व कमल धारण करती हैं। उन्हें गाय के घी का भोग लगाने का विशेष महत्व है, क्योंकि यह स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करता है। घी से बना सूजी या आटे का हलवा माँ को अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है।
बनाने की विधि:
- एक पैन में घी गरम करें और उसमें सूजी या आटा भूनें।
- जब यह सुनहरा हो जाए, तो इसमें गरम दूध और चीनी मिलाएँ।
- इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएँ।
- हलवा तैयार होने पर इसे देवी माँ को अर्पित करें।
मिश्री या खीर – माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित
माँ ब्रह्मचारिणी तपस्या और संयम की देवी हैं। वे अपने भक्तों को संयम और ज्ञान प्रदान करती हैं। उन्हें मिश्री और खीर का भोग लगाना मानसिक शांति और सुख-समृद्धि प्रदान करता है। दूध और चावल से बनी खीर इस दिन का आदर्श प्रसाद है।
खीर बनाने की विधि:
- दूध को धीमी आंच पर उबालें और उसमें भिगोया हुआ चावल डालें।
- लगातार चलाते हुए इसे गाढ़ा करें और मिश्री मिलाएँ।
- बादाम, काजू और इलायची डालकर इसे और स्वादिष्ट बनाएं।
- इसे ठंडा कर माँ को अर्पित करें।
रसमलाई – माँ चंद्रघंटा को समर्पित
माँ चंद्रघंटा साहस और विजय की देवी हैं। दूध और चावल से बनी रसमलाई देवी को अर्पित करने से बाधाएँ दूर होती हैं और शक्ति प्राप्त होती है।
रसमलाई बनाने की विधि:
- दूध को फाड़कर पनीर तैयार करें और उसे छान लें।
- पनीर को गोल आकार देकर हल्की चाशनी में पकाएँ।
- गाढ़े दूध में इलायची डालकर रसमलाई को उसमें डुबो दें।
मालपुआ – माँ कूष्मांडा को समर्पित
माँ कूष्मांडा ब्रह्मांड की सृजनकर्ता मानी जाती हैं। उन्हें मालपुआ अर्पित करने से समृद्धि और उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मालपुआ आटे, दूध और घी से बना एक पारंपरिक मीठा व्यंजन है।
केले से बनी मिठाई – माँ स्कंदमाता को समर्पित
माँ स्कंदमाता मातृत्व और प्रेम की देवी हैं। उन्हें केले का प्रसाद अर्पित करने से लंबी उम्र, सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। केले की बर्फी या केला शीरा (हलवा) इस दिन का आदर्श प्रसाद है।
शहद वाली मिठाई – माँ कात्यायनी को समर्पित
माँ कात्यायनी दया और संतुलन की देवी हैं। उन्हें शहद से बनी मिठाई अर्पित करने से जीवन में संतुलन और सौहार्द बना रहता है। शहद मिश्रित बेसन के लड्डू इस दिन का उत्तम भोग हैं।
गुड़ के लड्डू – माँ कालरात्रि को समर्पित
माँ कालरात्रि नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने वाली देवी हैं। उन्हें गुड़ से बनी मिठाइयाँ अर्पित करने से जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं। तिल-गुड़ लड्डू या गुड़ की चिक्की इस दिन का प्रमुख प्रसाद है।
नारियल बर्फी – माँ महागौरी को समर्पित
माँ महागौरी शुद्धता और शांति की देवी हैं। उन्हें नारियल से बनी मिठाइयाँ अर्पित करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। नारियल बर्फी इस दिन के लिए सबसे उत्तम प्रसाद है।
तिल के लड्डू – माँ सिद्धिदात्री को समर्पित
माँ सिद्धिदात्री सिद्धियों और सफलता की देवी हैं। उन्हें तिल से बनी मिठाइयाँ अर्पित करने से आध्यात्मिक उन्नति और सफलता प्राप्त होती है। तिल के लड्डू इस दिन का प्रमुख प्रसाद हैं।

निष्कर्ष
नवरात्रि के नौ दिनों में देवी को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ अर्पित करते हैं। प्रत्येक देवी के दिन के अनुसार मिठाइयाँ चढ़ाने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। यदि आप इस नवरात्रि में देवी माँ को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उपरोक्त मिठाइयों को प्रसाद के रूप में चढ़ाकर माँ का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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