नवरात्रि का नाम आते ही गरबा की धूम हर जगह सुनाई देने लगती है। यह केवल एक नृत्य नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा है। विशेष रूप से गुजरात में इसकी लोकप्रियता देखते ही बनती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रि में गरबा क्यों खेला जाता है? आइए जानते हैं इस परंपरा का महत्व।
गरबा का अर्थ और परिभाषा
‘गरबा’ शब्द संस्कृत के ‘गर्भ’ से आया है, जिसका अर्थ गर्भ दीप होता है। यह नृत्य देवी शक्ति और नारीत्व के सम्मान का प्रतीक माना जाता है। गरबा आमतौर पर समूह में किया जाता है, जहां लोग गोल घेरा बनाकर दीप जलाते हैं और देवी की स्तुति में नृत्य करते हैं। गरबा और डांडिया में यह अंतर है कि गरबा ताली बजाकर किया जाता है, जबकि डांडिया में लकड़ी की छड़ियों का प्रयोग होता है।
It’s a cultural dance festival of Gujarat and now a cultural milestone for India! 🇮🇳✨
Finally ‘Garba of Gujarat’ joins UNESCO’s Representative list of Intangible Cultural Heritage (ICH) of Humanity🤍
Re-sharing some moments from #PYCNavratri 2023🫶🏼 pic.twitter.com/kwwI62bJcE
— Aditi Raval (@aditiraval) December 7, 2023
गरबा का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
गरबा का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। हरिवंश पुराण में ‘दंड रसक’ और ‘ताल रसक’ जैसे नृत्यों का जिक्र किया गया है, जो गरबा के समान माने जाते हैं। साथ ही, सोलंकी और वाघेला राजवंशों के काल में भी गरबा विशेष रूप से प्रचलित था।
गरबा का धार्मिक महत्व
गरबा केवल नृत्य नहीं, बल्कि देवी दुर्गा के प्रति भक्ति का प्रतीक भी है। मान्यता है कि जब देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया, तो इस खुशी में गरबा खेला जाने लगा। गरबा शक्ति साधना का माध्यम भी है और इसे जीवन चक्र का प्रतीक माना जाता है।
गरबा का सांस्कृतिक और सामाजिक पहलू
गुजरात में गरबा एक प्रमुख उत्सव बन चुका है। अब यह न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हो गया है। अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों में भी गरबा बड़े स्तर पर मनाया जाता है।
गरबा करने की विधि और नियम
- इसे गोल घेरे में किया जाता है।
- पारंपरिक गीतों और भजनों के साथ किया जाता है।
- ताली बजाकर या घूम-घूमकर किया जाता है।
- गरबा आयोजन में सजावट और रोशनी का खास ध्यान रखा जाता है।
गरबा की पारंपरिक पोशाक और आभूषण
महिलाएं पारंपरिक चनिया चोली पहनती हैं, जो रंगीन कढ़ाई से सजी होती है। पुरुष कुर्ता-पायजामा और केविया पहनते हैं। आभूषणों में पायल, नथ और चूड़ियों का विशेष महत्व होता है।
गरबा और आधुनिक दौर में बदलाव
आज गरबा में बॉलीवुड गानों का भी प्रभाव देखने को मिलता है। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर गरबा नाइट्स का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ा है।
𝐖𝐎𝐑𝐋𝐃’𝐒 𝐋𝐀𝐑𝐆𝐄𝐒𝐓 𝐆𝐀𝐑𝐁𝐀 🤩
No DJ, no Bollywood songs and 50000+ people celebrating Navratri in traditional way in complete devotion.
📍UnitedWay Garba Mahotsav, Vadodara pic.twitter.com/6k74GgfgFc
— Johns (@JohnyBravo183) October 8, 2024
निष्कर्ष
गरबा केवल एक नृत्य नहीं, बल्कि शक्ति, नारीत्व और भक्ति का प्रतीक भी है। यह हमें एकता और समर्पण की सीख देता है। इस नवरात्रि, गरबा खेलें और माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।
आपके लिए सवाल: आपके लिए गरबा का क्या महत्व है? हमें कमेंट में बताएं!