अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तानी आर्मी चीफ़ असीम मुनीर ने ऐसा बयान दिया जिसने अंतरराष्ट्रीय हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने कहा, “अगर हम डूबेंगे, तो आधी दुनिया को साथ ले डूबेंगे।”
यह कथन सीधे-सीधे पाकिस्तान की न्यूक्लियर क्षमता की ओर इशारा करता है और इसे लेकर विशेषज्ञों, मीडिया और वैश्विक मंचों पर बहस शुरू हो गई है। यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान कई मोर्चों पर दबाव में है—चाहे वह आर्थिक संकट हो, राजनीतिक अस्थिरता हो, या भारत के साथ बढ़ते तनाव।
बयान की पृष्ठभूमि
असीम मुनीर, जो नवंबर 2022 में पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ बने, वर्तमान में अमेरिका दौरे पर थे। आधिकारिक तौर पर उनका दौरा रक्षा और कूटनीतिक संबंध मजबूत करने के लिए था, लेकिन इस विवादित बयान ने कार्यक्रम के फोकस को बदल दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने यह बात एक निजी बैठक में कही, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान के सामने मौजूद सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करना था। लेकिन उनका यह कथन मीडिया में आने के बाद अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में छा गया।
‘We are a nuclear nation. If we think we are going down, we’ll take half the world down with us’: Pakistan Army Chief Asim Munir’s Nuclear Threat From U.S Soil@srinjoyc1 and Siddhartha Talya share details. pic.twitter.com/AjfQuUZTla
— TIMES NOW (@TimesNow) August 11, 2025
न्यूक्लियर धमकी – क्या कहा गया?
असीम मुनीर ने अपने बयान में साफ कहा कि अगर पाकिस्तान को अस्तित्व का खतरा हुआ तो वह चुप नहीं बैठेगा। उनका इशारा यह था कि पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा।
“हम डूबेंगे तो आधी दुनिया को साथ ले डूबेंगे” – यह केवल एक राजनीतिक बयान नहीं बल्कि एक स्ट्रैटेजिक मैसेज भी है, जो यह दिखाता है कि पाकिस्तान किसी भी तरह का खतरा महसूस होने पर चरम कदम उठा सकता है।
भारत-पाक रिश्तों का संदर्भ
भारत और पाकिस्तान के रिश्ते दशकों से तनावपूर्ण रहे हैं। हाल के दिनों में सीमा पर झड़पें, आतंकवाद से जुड़े आरोप, और राजनीतिक बयानबाजी ने माहौल और बिगाड़ा है।
पाकिस्तानी नेताओं द्वारा पहले भी भारत को न्यूक्लियर हथियारों की धमकी दी गई है, लेकिन असीम मुनीर का यह बयान सीधे अमेरिका में जाकर देने से और भी संवेदनशील हो गया है।
इससे पहले, पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर कई बार आक्रामक रुख अपनाया है, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास का अंतर और गहरा हुआ है।
इंटरनेशनल रिएक्शन और एक्सपर्ट की राय
अमेरिका के थिंक टैंक विशेषज्ञों ने इस बयान को “बेहद खतरनाक” और “गैर-जिम्मेदाराना” बताया। उनका कहना है कि ऐसे बयान अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों को कमजोर करते हैं।
यूरोपीय यूनियन के कुछ कूटनीतिक अधिकारियों ने चिंता जताई कि न्यूक्लियर हथियारों पर इस तरह की बयानबाजी वैश्विक तनाव को बढ़ा सकती है।
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भी इस तरह के बयान सुर्खियों में रहे हैं, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्रंप टैरिफ पर दिया गया जवाब।
न्यूयॉर्क टाइम्स के एक विश्लेषण में कहा गया कि पाकिस्तान का यह रुख उसकी आंतरिक कमजोरी को दर्शाता है, और यह बयान घरेलू राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भी हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र से जुड़े विशेषज्ञों ने सलाह दी कि ऐसे मामलों में डायलॉग और डिप्लोमेसी ही समाधान है, न कि धमकी की भाषा।
If Asim Munir dares to touch our dam then Indian Navy will make sure Karachi gets sunk in ocean water forever. pic.twitter.com/VYxpwjgpgG
— Λvenger 🇮🇳 𝕏 (@TheAvenger82) August 10, 2025
न्यूक्लियर डिटेरेन्स की पॉलिसी
पाकिस्तान की आधिकारिक नीति में ‘नो फर्स्ट यूज़’ का प्रावधान नहीं है, यानी वह पहले न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल कर सकता है।
इसके विपरीत, भारत की नीति ‘नो फर्स्ट यूज़’ है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसे एक जिम्मेदार न्यूक्लियर स्टेट के रूप में पेश करती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बयानों से न्यूक्लियर डिटेरेन्स का संतुलन बिगड़ सकता है।
पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति और इस बयान का राजनीतिक पहलू
पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं से जूझ रहा है।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि असीम मुनीर का यह बयान घरेलू जनता को यह संदेश देने के लिए था कि सेना देश की रक्षा के लिए हर हद तक जा सकती है।
इसके अलावा, यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर ध्यान खींचने का भी प्रयास हो सकता है।
इंडिया की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं
भारत की ओर से इस बयान पर आधिकारिक तौर पर कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
कूटनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि भारत इस मामले को सीधे प्रतिक्रिया देने की बजाय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएगा।
भविष्य में दोनों देशों के बीच वार्ता के रास्ते और कठिन हो सकते हैं।
क्यों यह बयान चिंता का कारण है
असीम मुनीर का यह न्यूक्लियर धमकी भरा बयान केवल भारत-पाक रिश्तों में तनाव नहीं बढ़ाता, बल्कि वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी खतरा है।
जब न्यूक्लियर हथियारों से लैस देश इस तरह की भाषा इस्तेमाल करते हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह समय है कि वह ऐसे मामलों में जिम्मेदार डिप्लोमेसी और संवाद को प्राथमिकता दे।