सीमा पर फिर भड़का तनाव
खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम ज़िले में पाकिस्तान सुरक्षा बलों और अफगान तालिबान के बीच भीषण झड़प की खबर सामने आई है।
सीमा के पास हुई इस गोलीबारी में कई जवानों के हताहत होने की सूचना है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह झड़प उस समय हुई जब दोनों पक्षों के बीच सीमा चिन्हांकन को लेकर विवाद बढ़ गया।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं।
सीमा पार से आतंकवादी घुसपैठ और सीमा पार हमलों को लेकर दोनों देशों के बीच खींचतान लंबे समय से जारी है।
ड्यूरंड लाइन, जो 1893 में ब्रिटिश शासन के समय तय की गई थी, आज भी दोनों देशों के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बनी हुई है।
सीमा पर झड़प का पूरा विवरण
सूत्रों के मु
Afghan Taliban launches coordinated attacks on Pakistani border posts from Paktia, Khost, Jalalabad, Helmand
Afghan troopers have reportedly captured several Pakistani checkpoints in Khost’s Zazi Maidan district
Sources also claim Paki soldiers were killed,
Fuck Pakistan 🖕 pic.twitter.com/ShMGU9Q7p8
— Sumit (@SumitHansd) October 11, 2025
ताबिक, झड़प रविवार देर रात उस समय शुरू हुई जब पाकिस्तानी चौकी पर संदिग्ध गतिविधि देखी गई।
पाक सुरक्षा बलों ने चेतावनी देने के बाद गोलीबारी की, जिसके जवाब में अफगान तालिबान के लड़ाकों ने भी भारी फायरिंग की।
दोनों तरफ से मोर्टार शेलिंग और मशीन गनों का उपयोग हुआ, जिससे सीमा क्षेत्र में दहशत फैल गई।
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, कई घंटों तक लगातार गोलीबारी जारी रही।
इस दौरान सीमा से सटे गांवों में रहने वाले लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया।
कुर्रम जिला प्रशासन ने लोगों को सुरक्षा कारणों से घरों में रहने की सलाह दी है।
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया कि सुरक्षा बलों ने अफगान पक्ष की ओर से हुई गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया।
पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि झड़प में कई तालिबान लड़ाके मारे गए, जबकि दो पाक सैनिक शहीद हुए हैं।
हालांकि इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है।
पाकिस्तानी सेना ने कहा कि वह अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी बाहरी हमले का सख्ती से जवाब दिया जाएगा।
सेना ने क्षेत्र में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है ताकि किसी नई गतिविधि को रोका जा सके।
अफगान तालिबान का रुख और प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, अफगान तालिबान प्रशासन ने भी पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि उसकी सेना ने सीमा पार फायरिंग की शुरुआत की।
तालिबान ने कहा कि यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का उल्लंघन है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
अफगान सीमा सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता पर रखा गया है।
तालिबान प्रशासन ने यह भी कहा कि वे पाकिस्तान के साथ संवाद के माध्यम से विवाद सुलझाने के पक्षधर हैं,
लेकिन किसी भी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
सीमा विवाद की पृष्ठभूमि
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा विवाद दशकों पुराना है।
दोनों देशों के बीच खींची गई ड्यूरंड लाइन (Durand Line) को अफगानिस्तान कभी आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं देता।
तालिबान शासन आने के बाद भी इस सीमा को लेकर कई बार तनावपूर्ण स्थितियाँ बनी हैं।
पिछले एक वर्ष में ही खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में कई बार ऐसी झड़पें हो चुकी हैं।
दोनों देशों के बीच यह मुद्दा केवल सुरक्षा का नहीं, बल्कि राजनीतिक संवेदनशीलता से भी जुड़ा हुआ है।
कई बार सीमा पार से आतंकी गतिविधियों के चलते पाकिस्तान ने अफगान सरकार को जिम्मेदार ठहराया है,
जबकि अफगानिस्तान इसे सीमा उल्लंघन और उकसावे की कार्रवाई बताता रहा है।
स्थानीय नागरिकों पर प्रभाव
सीमा पर हुई इस हिंसा से स्थानीय आबादी में भारी डर का माहौल है।
कुर्रम ज़िले के गांवों में रहने वाले लोग लगातार सीमा पार फायरिंग से परेशान हैं।
कई परिवारों ने अस्थायी रूप से अपने घर खाली कर दिए हैं।
स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों और बाजारों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्देश दिया है।
रेड क्रिसेंट और राहत एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर सहायता पहुंचाई जा सके।
तनाव बढ़ने के कारण: विशेषज्ञों की राय
कई
Breaking
Fresh border flare-up between Pakistan and the Afghan Taliban regime.Reportedly PaK drones seen hovering over Kabul
Heavy exchanges reported in Zazai Maidan, Shourko, and Khyber sectors.
Chances of casualties on both sides as visuals show drones and heavy shelling near… pic.twitter.com/5JwiELL5hu— Manish Kumar ad 🇮🇳 (@ma427906099) October 14, 2025
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस झड़प की जड़ में सीमा पार आतंकवादी ठिकानों को लेकर असहमति है।
पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान प्रशासन ऐसे गुटों को शरण देता है जो पाकिस्तान में हमले करते हैं।
वहीं तालिबान इसे राजनीतिक दुष्प्रचार बताते हैं।
पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान ने अपनी सीमा बाड़ (border fencing) को मज़बूत किया है,
जिसका तालिबान ने कई बार विरोध किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दोनों पक्ष जल्द संवाद की दिशा में नहीं बढ़े,
तो सीमा पर तनाव और गहराता जाएगा।
क्षेत्रीय शांति पर असर
यह झड़प केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक सीमित नहीं है।
इसका असर पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता पर पड़ सकता है।
भारत, चीन और ईरान जैसे पड़ोसी देश इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर नज़र रखे हुए हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर सीमा पर यह स्थिति बनी रहती है,
तो व्यापार, मानवाधिकार और शरणार्थी संकट जैसे मुद्दों पर असर पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
मध्य पूर्व में भी जारी तनाव
सीमा संघर्षों का यह दौर केवल दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं है।
हाल ही में मध्य पूर्व में भी संघर्षविराम की कोशिशें जारी हैं।
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इज़राइल-हमास संघर्षविराम लाइव अपडेट्स
जहां हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति वार्ता की नई पहलें देखी गई हैं।
संवाद ही समाधान का रास्ता
खैबर पख्तूनख्वा में हुई यह झड़प इस बात की याद दिलाती है कि सीमा विवादों का समाधान केवल संवाद से ही संभव है।
दोनों देशों को अब आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से ऊपर उठकर बातचीत का रास्ता अपनाना होगा।
यदि पाकिस्तान और अफगानिस्तान आपसी भरोसे और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करते हैं,
तो न केवल सीमा क्षेत्र में स्थिरता लौट सकती है, बल्कि क्षेत्रीय शांति की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकता है।