प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लंदन पहुंचे, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। यह दौरा केवल एक औपचारिक राजनयिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत-UK संबंधों को एक नए युग में ले जाने वाला कदम माना जा रहा है।
PM मोदी के आगमन से पहले ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया और वैश्विक विश्लेषकों की नजरें इस यात्रा पर टिकी थीं, क्योंकि इस दौरे में बहुप्रतीक्षित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक, सुरक्षा और रणनीतिक संबंधों की गहराई को समझने के लिए यह दौरा अहम है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले जब 4-दिन के UK और मालदीव दौरे पर रवाना हुए थे, तभी से इस यात्रा को ऐतिहासिक माना जा रहा था।
Landed in London.
This visit will go a long way in advancing the economic partnership between our nations. The focus will be on furthering prosperity, growth and boosting job creation for our people.
A strong India-UK friendship is essential for global progress. pic.twitter.com/HWoXAE9dyp
— Narendra Modi (@narendramodi) July 23, 2025
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: क्या है इसका असर?
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) एक लंबे समय से बातचीत में था। अब जब यह समझौता अंतिम चरण में है, तो दोनों देशों को इससे अर्थव्यवस्था, रोजगार और निवेश के क्षेत्र में कई फायदे होने की उम्मीद है।
FTA के माध्यम से व्यापार में करों की कटौती, निर्यात में वृद्धि और व्यापारिक प्रक्रियाओं में सरलता लाई जाएगी। भारत की ओर से टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स और फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री को लाभ होगा, वहीं ब्रिटेन की ओर से शिक्षा, फाइनेंस और टेक्नोलॉजी सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता ‘विन-विन’ स्थिति प्रदान कर सकता है, जिससे दोनों देशों को वैश्विक अर्थव्यवस्था में अधिक मजबूती मिलेगी।
ब्रिटिश पीएम की प्रतिक्रिया और तैयारियां
ब्रिटेन के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री केयर स्टारमर ने मोदी की इस यात्रा को “सदी के सबसे अहम डिप्लोमैटिक अवसरों में से एक” बताया है। लंदन में भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारियां एक बड़े स्तर पर की गई थीं।
PM मोदी और केयर स्टारमर के बीच बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें सिर्फ व्यापार ही नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन, रक्षा साझेदारी और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई।
इस मुलाकात से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देश मजबूत रणनीतिक साझेदार बनने की दिशा में गंभीर हैं।
भारतीय समुदाय से संवाद: एक भावनात्मक जुड़ाव
लंदन में प्रधानमंत्री मोदी का अगला बड़ा कार्यक्रम था भारतीय प्रवासी समुदाय से संवाद। हजारों की संख्या में भारतीय मूल के लोग PM मोदी से मिलने पहुंचे, जिनमें से कई ने इसे “जीवन का सबसे गौरवपूर्ण पल” बताया।
PM मोदी ने प्रवासी भारतीयों को भारत के विकास की कहानी का अहम भागीदार बताया, और कहा कि भारत की तरक्की में उनकी भूमिका अमूल्य है।
उन्होंने कहा, “आप सभी भारत के सच्चे ब्रांड एंबेसडर हैं।” यह बयान सुनते ही पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। इस इमोशनल जुड़ाव ने भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ को और मजबूत किया।
Touched by the warm welcome from the Indian community in the UK. Their affection and passion towards India’s progress is truly heartening. pic.twitter.com/YRdLcNTWSS
— Narendra Modi (@narendramodi) July 23, 2025
रक्षा, सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी
भारत और ब्रिटेन दोनों ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी रणनीतियाँ और रक्षा उपकरणों की साझा निर्माण योजनाएं इस दौरे के दौरान चर्चा का हिस्सा रहीं।
ब्रिटिश कंपनियों और भारतीय रक्षा उद्यमों के बीच साझेदारी के नए दरवाज़े खुल सकते हैं, जिससे भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बल मिलेगा।
इसके अलावा, जलवायु सुरक्षा, ग्रीन टेक्नोलॉजी और समुद्री सहयोग जैसे विषय भी चर्चा में शामिल रहे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और भारत में राजनीतिक हलचल
जैसे ही मोदी की लंदन यात्रा पर मीडिया कवरेज बढ़ी, भारत में विपक्ष ने इस दौरे को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के प्रावधानों को पारदर्शिता के साथ जनता के सामने लाया जाना चाहिए।
हालांकि बीजेपी नेताओं ने इन आरोपों को “राजनीतिक स्टंट” बताते हुए खारिज किया। उनका कहना है कि यह यात्रा भारत की वैश्विक साख को मजबूत करने के लिए है, ना कि चुनावी स्टंट के लिए।
इस तरह के मतभेद भारतीय राजनीति में आम हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे यात्रा की गरिमा प्रभावित नहीं हुई।
मीडिया कवरेज और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
बीबीसी, गार्जियन, न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउसों ने पीएम मोदी की यात्रा को खास महत्व दिया। अधिकतर रिपोर्ट्स में यह दौरा “व्यापक रूप से सफल और रणनीतिक” बताया गया।
भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा भारत की विदेश नीति में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है। ब्रिटिश थिंक टैंक्स ने इसे भारत-UK संबंधों में “टर्निंग पॉइंट” करार दिया है।
आर्थिक विश्लेषकों के मुताबिक, इस समझौते से भारत की GDP में अगले 5 सालों में 1.5% की बढ़त हो सकती है, जो कि एक बड़ा आंकड़ा है।
भारत-UK संबंधों का नया युग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा सिर्फ एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि भारत और यूनाइटेड किंगडम के संबंधों को एक नई ऊंचाई तक ले जाने की शुरुआत है।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, रक्षा साझेदारी और प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद जैसे पहलुओं ने इस दौरे को ऐतिहासिक बना दिया है। यह यात्रा आने वाले समय में दोनों देशों के बीच सहयोग, विश्वास और निवेश के लिए मजबूत नींव साबित हो सकती है।
आखिर में, यह कहा जा सकता है कि यह दौरा केवल सीमाओं के आर-पार व्यापार का नहीं, बल्कि दो लोकतांत्रिक देशों के दिलों को जोड़ने का प्रतीक भी है।