प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने संबोधन के दौरान विपक्षी दलों से एक खास अपील की। उन्होंने कहा कि इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव को सर्वसम्मति से संपन्न कराया जाए और एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन को विपक्ष भी समर्थन दे। मोदी ने अपने भाषण में यह भी जोड़ा कि “यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संदेश होगा जब सभी दल मिलकर इस पद के लिए एक ही नाम पर सहमति जताएँगे।”
प्रधानमंत्री की अपील का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि हाल ही में संसद और सड़क दोनों जगह विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले हैं। ऐसे माहौल में यदि उपराष्ट्रपति का चुनाव सर्वसम्मति से होता है, तो यह भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता को दर्शाएगा।
My heartfelt thanks to our beloved People’s leader our most respected Honourable Prime Minister Shri. @narendramodi Ji , our beloved most respected Honourable Home Minister Shri. @AmitShah Ji, our beloved most respected Honourable Central Minister and @BJP4India President Shri.…
— CP Radhakrishnan (@CPRGuv) August 17, 2025
👉 गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विपक्ष को करारा जवाब दिया था। विशेषकर ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को लेकर किसानों के हितों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा था कि भारत अपने किसानों के हित से कोई समझौता नहीं करेगा। इस संदर्भ में उनका पूरा बयान यहाँ पढ़ा जा सकता है।
सी.पी. राधाकृष्णन कौन हैं?
सी.पी. राधाकृष्णन भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं, जिनका राजनीति और सामाजिक जीवन में लंबा अनुभव रहा है। वे तमिलनाडु से आते हैं और दक्षिण भारत में बीजेपी के संगठन को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही है।
उन्होंने न केवल पार्टी संगठन के स्तर पर योगदान दिया है बल्कि विभिन्न प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ भी संभाली हैं। राधाकृष्णन को साफ-सुथरी छवि और कार्यकुशलता के लिए जाना जाता है। उनके नाम का चयन इस बात का संकेत है कि एनडीए क्षेत्रीय संतुलन और सामाजिक प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता दे रहा है।
In his long years in public life, Thiru CP Radhakrishnan Ji has distinguished himself with his dedication, humility and intellect. During the various positions he has held, he has always focused on community service and empowering the marginalised. He has done extensive work at… pic.twitter.com/WrbKl4LB9S
— Narendra Modi (@narendramodi) August 17, 2025
उपराष्ट्रपति पद का महत्व
भारतीय संविधान में उपराष्ट्रपति का पद बहुत अहम है। वह राज्यसभा के सभापति होते हैं और संसद के सुचारू संचालन में उनकी बड़ी जिम्मेदारी होती है।
भारत के इतिहास में उपराष्ट्रपति का चुनाव कई बार राजनीतिक सहमति और सर्वसम्मति से भी हुआ है। अगर इस बार भी विपक्ष और सत्ता पक्ष एक साथ आते हैं, तो यह भारतीय राजनीति में एक सकारात्मक संकेत होगा।
विपक्ष की भूमिका और प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर फिलहाल कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है। कुछ दलों का मानना है कि सर्वसम्मति की पहल लोकतंत्र में सद्भाव को बढ़ावा देती है, जबकि अन्य दल इसे केवल राजनीतिक रणनीति मानते हैं।
विपक्ष का कहना है कि वे उम्मीदवार की पृष्ठभूमि और नीतियों का अध्ययन करने के बाद ही अंतिम फैसला लेंगे। हालांकि राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कुछ क्षेत्रीय दल इस अपील को मान सकते हैं, जिससे राधाकृष्णन के सर्वसम्मति से चुने जाने की संभावना बढ़ सकती है।
राजनीतिक विश्लेषण: मोदी की रणनीति
विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह अपील केवल एक औपचारिकता नहीं है बल्कि इसके पीछे गहरी रणनीति छिपी है।
- राष्ट्रीय एकता का संदेश – सर्वसम्मति से चुना गया उपराष्ट्रपति यह दिखाएगा कि सरकार और विपक्ष राष्ट्रीय हित के मामलों में एकजुट हैं।
- राजनीतिक समीकरण का परीक्षण – यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से विपक्षी दल इस अपील को मानते हैं और कौन असहमति जताते हैं।
- 2025 की राजनीति की झलक – यह कदम आने वाले विधानसभा चुनावों और 2029 के लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में एनडीए की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
यह भी साफ है कि मोदी की इस पहल से विपक्ष पर दबाव बढ़ेगा। अगर विपक्ष इस प्रस्ताव को ठुकराता है तो उसे जनता के सामने यह बताना होगा कि उन्होंने सर्वसम्मति से चुने जाने वाले पद का विरोध क्यों किया।
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी की अपील को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। ट्विटर और फेसबुक पर कई लोगों ने इसे लोकतंत्र को मजबूत करने वाला कदम बताया, जबकि कुछ यूजर्स ने इसे राजनीतिक चाल कहा।
आम जनता की राय भी बंटी हुई है। कुछ लोगों का मानना है कि विपक्ष को इस अपील को मानकर राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित में कदम बढ़ाना चाहिए। वहीं, दूसरी तरफ कुछ नागरिक इसे केवल चुनावी रणनीति करार दे रहे हैं।
आगे की राह
प्रधानमंत्री मोदी की अपील ने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर उत्सुकता और बढ़ा दी है। अब सबकी नजर विपक्ष के रुख पर है। यदि विपक्ष भी सहमति जताता है, तो राधाकृष्णन का चुनाव लगभग तय माना जाएगा और यह भारतीय राजनीति के लिए एक मिसाल साबित होगा।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष किस तरह का रुख अपनाता है और संसद में इस मुद्दे पर क्या माहौल बनता है। फिलहाल इतना साफ है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस अपील के जरिए राजनीति को एक नई दिशा देने की कोशिश की है।