पंजाब में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने हालात को काफी गंभीर बना दिया है। राज्य के बड़े बांधों में पानी का स्तर तेज़ी से बढ़ गया है और कई जगहों पर यह लगभग अपनी अधिकतम क्षमता तक पहुँच चुका है। इस कारण प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और गांवों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
“Punjab dams brimming, authorities on high alert” स्थिति केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि आने वाले दिनों के लिए बड़ा खतरा भी बन सकती है। मौसम विभाग ने भी साफ कहा है कि अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है, जिससे बाढ़ का जोखिम और अधिक बढ़ गया है।
प्रमुख बांधों की स्थिति
पंजाब के बड़े जलाशयों में इन दिनों पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
- भाखड़ा डैम: यह हिमाचल प्रदेश और पंजाब की सीमा पर स्थित है और इसका पानी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तक सप्लाई होता है। फिलहाल इसका जलस्तर काफी बढ़ गया है और फ्लडगेट्स को आंशिक रूप से खोलना पड़ा है।
- पोंग डैम: कांगड़ा में स्थित यह डैम भी अपनी सीमा के करीब पहुँच चुका है।
- रणजीत सागर डैम: यह डैम जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सीमा पर स्थित है और यहां भी पानी खतरे के स्तर के आसपास है।
सबसे अहम बात यह है कि भाखड़ा डैम के फ्लडगेट खोले जाने के बाद आसपास के गांवों में पानी घुसने की संभावना और बढ़ गई है।
नदियों का बढ़ता जलस्तर और प्रभावित क्षेत्र
सतलुज और ब्यास नदी अपने उफान पर हैं। इन दोनों नदियों का जलस्तर सामान्य से कई फीट ऊपर जा चुका है।
- सतलुज किनारे बसे गांवों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
- ब्यास नदी के किनारे भी कई जगहों पर पानी खेतों में घुस चुका है।
- जालंधर, होशियारपुर, रूपनगर और फिरोजपुर जैसे जिले इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
इन परिस्थितियों को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है और कुछ इलाकों में अस्थायी शिविर भी बनाए गए हैं।
Several districts of Punjab are under flood threat. More water may be released in coming days, worsening the crisis. Already, over 20,000 acres of land is submerged and livelihoods badly hit. The government should take urgent action. #PunjabFloods pic.twitter.com/3oqM6QBZdK
— Gurtej singh pannu (@gurtejpannu55) August 17, 2025
प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य
हालात को देखते हुए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं।
- NDRF और SDRF की टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात कर दी गई हैं।
- गांवों में राहत शिविर बनाए गए हैं ताकि लोग सुरक्षित रह सकें।
- हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं जिससे लोग ज़रूरत पड़ने पर तुरंत संपर्क कर सकें।
- स्कूलों और कॉलेजों को भी प्रभावित क्षेत्रों में बंद रखने का आदेश दिया गया है।
प्रशासन की तरफ से साफ कहा गया है कि किसी भी स्थिति में लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।
किसानों और ग्रामीणों की चिंता
भारी बारिश और बाढ़ की आशंका से सबसे ज्यादा प्रभावित किसान और ग्रामीण वर्ग है।
- धान की फसल इन दिनों खेतों में लहलहा रही है, लेकिन अगर पानी और बढ़ गया तो फसल पूरी तरह नष्ट हो सकती है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में पानी घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
- कई किसानों ने बताया कि पिछले साल भी उन्होंने नुकसान झेला था और इस बार हालात और गंभीर हो सकते हैं।
किसान संगठनों ने प्रशासन से मुआवजे और समय पर राहत की मांग की है।
पिछली बाढ़ से तुलना
पंजाब में 2019 और 2023 में भी ऐसी स्थिति देखने को मिली थी जब भारी बारिश और नदियों के उफान से कई गांव जलमग्न हो गए थे। उस समय करोड़ों का नुकसान हुआ था।
लेकिन इस बार हालात और भी अलग हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने साफ संकेत दिया है कि बारिश का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है। इस वजह से खतरा और गहरा सकता है।
विशेषज्ञों के विचार और भविष्य की संभावना
जल विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार के हालात लंबे समय तक चुनौती बने रह सकते हैं।
- अगर बांधों से और ज्यादा पानी छोड़ा जाता है तो कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन जाएगी।
- मौसम विभाग ने अगले 72 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
- विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय ज़रूरी है कि पानी के बहाव को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन हर कदम सतर्कता से उठाए।
स्थानीय लोगों की आवाज़
गांवों के लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं। कई ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने अपने मवेशी और सामान सुरक्षित जगहों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।
एक ग्रामीण ने बताया—“हर साल बारिश आती है, लेकिन इस बार जितना पानी बढ़ा है, उतना पहले कभी नहीं देखा। हमें डर है कि कहीं हमारे घर पूरी तरह जलमग्न न हो जाएँ।”
पाठक सहभागिता
पंजाब इस समय प्राकृतिक आपदा के मुहाने पर खड़ा है। बड़े बांधों का भर जाना और नदियों का उफान प्रशासन और जनता दोनों के लिए गंभीर चुनौती है।
प्रशासन की कोशिशें जारी हैं, लेकिन असली काम तभी होगा जब लोग भी सतर्क रहें और समय पर सरकारी निर्देशों का पालन करें।
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“क्या आपको लगता है कि प्रशासन समय रहते सही कदम उठा रहा है, या और तैयारी की ज़रूरत है? अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में ज़रूर साझा करें।”