बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन के दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर चल रहा गतिरोध आखिरकार एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को सीधे फोन कर इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास किया। यह कदम उन राजनीतिक तनावों को कम करने की दिशा में महागठबंधन की तरफ से एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है, जिससे चुनावी रणनीतियों को मजबूत बनाने का रास्ता खुलेगा।
महागठबंधन की स्थिति और सीट शेयरिंग की अहमियत
महागठबंधन में कांग्रेस, राजद, वाम दल जैसे कई राजनीतिक दल शामिल हैं, जिन उसके बीच सीटों का बंटवारा विवाद का विषय रहा। कांग्रेस ने लगभग 61 सीटें मांग रखी हैं, जबकि राजद 50 से 55 सीटें देना चाहती है। इस बीच, अन्य सहयोगी दल भी सीट बंटवारे की मांग कर रहे हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। सीट शेयरिंग महज उम्मीदवारों के नामों की बात नहीं, बल्कि ये गठबंधन की मजबूती और चुनाव जीतने की दिशा में निर्णायक है।
महागठबंधन में सीट शेयरिंग संघर्ष की गहराई
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर तनातनी गहराती जा रही है। कांग्रेस, राजद, वाम दलों और अन्य सहयोगी पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कड़ी मशक्कत चल रही है। कांग्रेस ने अपनी मांग लगभग 61 सीटों तक बढ़ाई है, जबकि राजद और अन्य सहयोगी इसे कम करना चाहते हैं। इसके अलावा, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी की नाराजगी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है, लेकिन उनकी पार्टी को 15 सीटें देने का फॉर्मूला भी गठबंधन में शामिल है। यह पूरी प्रक्रिया महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है क्योंकि यह गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मुकाबले अपनी ताकत दिखाना चाहता है।
राहुल गांधी और लालू यादव की फोन बातचीत
राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लालू यादव के साथ फोन पर विस्तार से चर्चा की। इस बातचीत में गठबंधन के छोटे दलों को भी सम्मानजनक सीट देने, सीट बंटवारे में संतुलन बनाने और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने पर फोकस किया गया। यह वार्ता महागठबंधन के लिए डैमेज कंट्रोल का काम कर रही है, ताकि सभी दल मिलकर चुनाव में मजबूती से उतर सकें। इस बातचीत की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक थी।
सहयोगी दलों का रोल और सीट वितरण
वीआईपी, सीपीआई(एमएल) और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी सहित अन्य दल सीटों की मांग को लेकर अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं। गठबंधन में उनका सम्मानजनक स्थान बनाए रखना महागठबंधन की रणनीति का हिस्सा है, ताकि गठबंधन का व्यापक समर्थन बना रहे और वोट बैंक मजबूत हो। वहीं, कुछ सीटों पर कांग्रेस और राजद के बीच टकराव अभी खत्म नहीं हुआ है, जैसे कहलगांव, बैसी, बहादुरगंज, और सहरसा।
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Impt meeting at Congress chief Mallikarjun Kharge residence also attended by LoP LS Rahul Gandhi over Bihar seat sharing. Both leaders also spoke to Lalu Prasad Yadav. pic.twitter.com/H6awXWY5dJ— Anand Singh (@Anand_Journ) October 16, 2025
प्रथम चरण के उम्मीदवार और रणनीतियाँ
कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 48 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें पांच महिलाएं और दो मुस्लिम उम्मीदवार शामिल हैं। भाजपा और जदयू ने भी अपने तय सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। गठबंधन के अंदर सीटों के अंतिम बंटवारे के बाद ही चुनावी तैयारी में पूर्ण गति आएगी।
चुनाव परिणाम पर संभावित प्रभाव
महागठबंधन में सीट शेयरिंग की इस असमंजस को सुलझाने से गठबंधन को चुनावी मैदान में मजबूती मिलेगी। गठबंधन की एकता भाजपा और सहयोगी दलों के सामने एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। इसके बावजूद, कई सीटों पर मतभेद और अन्य चुनौतियां बनी हुई हैं जो चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती हैं।
चुनावी रणनीतियों पर सीट शेयरिंग का प्रभाव
सीट शेयरिंग में विलंब और विवाद महागठबंधन की चुनावी तैयारियों को प्रभावित कर रहा है। कांग्रेस ने पहले चरण के चुनाव के लिए 48 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जबकि राजद ने भी शुरुआती सूची जारी कर दी है। महागठबंधन के प्रभावी प्रदर्शन के लिए सभी दलों के उम्मीदवारों की घोषणा और रणनीति का समय पर समन्वय आवश्यक है। इससे गठबंधन के भीतर तालमेल मजबूत होगा और चुनाव प्रचार में गति आयेगी। यह गठबंधन बिहार की बदलती सियासत में सामाजिक और जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर रणनीतियाँ बना रहा है, ताकि व्यापक वोट बैंक तैयार किया जा सके।
पाठकों से संवाद
बिहार चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग का मसला अब एक नए मोड़ पर है, जहाँ राहुल गांधी और लालू यादव की बातचीत से समाधान की उम्मीद जगी है। इस भागीदारी से गठबंधन की एकता बनी रहेगी और चुनाव लड़ने की रणनीतियाँ ताकतवर होंगी। आपकी क्या राय है? नीचे टिप्पणी करें और साथ ही हमारी इस विशेष रिपोर्ट को भी देखें।