हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर, नक्सलवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार की नीतियों को स्पष्ट किया। उनका यह बयान न केवल राजनीतिक रूप से तीखा था बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी कई अहम जानकारियाँ भी सामने आईं।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा – “हम आतंकवादियों को आंखों के बीच गोली मारते हैं।” यह बयान मोदी सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। आइए, इस पूरे मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।
आतंकवाद पर सरकार की नीति
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी घटनाओं में भारी कमी आई है। उन्होंने बताया कि:
- 2004-2014 के बीच 7,217 आतंकवादी घटनाएँ हुई थीं, जबकि 2014-2024 में यह संख्या घटकर 2,282 रह गई।
- आतंकवाद से होने वाली मौतों में 70% की कमी आई है।
- सुरक्षा बलों की शहादत में 50% की गिरावट आई है।
उन्होंने यह भी कहा कि आतंकी संगठनों और उनके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। सरकार ने कई आतंकी गुटों पर बैन लगाया और आतंकवादियों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों से हटाने का फैसला लिया।
“हम आतंकवादियों को देखते ही शूट करते हैं। आतंकवाद और उसके समर्थकों के लिए इस देश में कोई जगह नहीं है।” – अमित शाह
#WATCH | Replying to the discussion on the workings of MHA in Rajya Sabha, HM Amit Shah says, “..I say it in this House with responsibility that naxalism in this country will be eliminated by 21st March 2026…” pic.twitter.com/aGGHdzKB7o
— ANI (@ANI) March 21, 2025
जम्मू-कश्मीर और अनुच्छेद 370
अमित शाह ने अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की स्थिति और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुए बदलावों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि:
- 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आतंकवादी घटनाएँ कम हुई हैं।
- पहले प्रत्येक त्यौहार पर हमले का डर रहता था, लेकिन अब स्थिति सुधर गई है।
- पथराव और हड़तालों की घटनाएँ लगभग खत्म हो चुकी हैं।
- कश्मीर में 40,000 सरकारी नौकरियाँ दी गईं और 18,000 युवाओं को स्वरोजगार मिला।
“कश्मीर में अब ना पत्थरबाजी होती है, ना आतंकी जुलूस निकलते हैं। वहाँ सिर्फ विकास की आवाज़ सुनाई देती है।” – अमित शाह
नक्सलवाद और उत्तर-पूर्व की स्थिति
गृह मंत्री ने नक्सलवाद और उत्तर-पूर्वी राज्यों में उग्रवाद की स्थिति पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि:
- 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।
- 2014 के बाद 73% कम आतंकवादी घटनाएँ हुई हैं।
- बड़े नक्सली नेताओं का सफाया किया गया है और 380 नक्सलियों को मारा गया।
- उत्तर-पूर्व में 10,900 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया और 19 शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
“देश के हर कोने में शांति और विकास हमारा लक्ष्य है। नक्सलवाद का सफाया करके ही दम लेंगे।” – अमित शाह
विपक्ष पर तंज और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
अमित शाह ने अपने भाषण में विपक्ष, खासकर राहुल गांधी पर कटाक्ष किए। उन्होंने कहा:
- “एक नेता कश्मीर गया, बर्फ में होली खेली और कहा कि वहाँ उसे आतंकवादी दिखे। अरे भई, अगर आपकी नजर में ही आतंकवादी हैं, तो सपनों में भी आएँगे।”
- उन्होंने यह भी कहा कि कुछ पार्टियाँ आतंकवाद और नक्सलवाद को सिर्फ राजनीतिक समस्या मानती हैं।
“काला चश्मा पहनकर विकास नहीं दिखेगा। आतंकवाद पर हमारी सरकार का रुख साफ है – जीरो टॉलरेंस!” – अमित शाह
राष्ट्रीय सुरक्षा और सरकारी कदम
अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की।
- ड्रोन और साइबर आतंकवाद से निपटने के लिए नए कानून बनाए जा रहे हैं।
- एनआईए को अधिक शक्तियाँ दी गई हैं ताकि आतंकवादियों की फंडिंग रोकी जा सके।
- 2024 में 57 लोगों को आतंकवादी घोषित किया गया और 23 संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया।
- ड्रग्स और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है।
“आतंकवाद, ड्रग्स और अलगाववाद के लिए इस देश में कोई जगह नहीं। हम अपनी सीमाओं को हर हाल में सुरक्षित रखेंगे।” – अमित शाह
जनता की प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया पर चर्चा
अमित शाह के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा हुई। ट्विटर पर #AmitShah, #TerrorismFreeIndia जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
निष्कर्ष
अमित शाह ने राज्यसभा में अपने भाषण से स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकवाद और नक्सलवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की सख्त नीति के चलते आतंकवादी घटनाएँ कम हुई हैं और आने वाले समय में देश पूरी तरह आतंकवाद-मुक्त हो जाएगा।
उनका यह बयान राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे सरकार की सख्त आतंकवाद विरोधी नीति पर और मुहर लगती है। अब देखना होगा कि सरकार इस दिशा में आगे क्या कदम उठाती है।
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