सतिश शाह ने कुछ महीने पहले किडनी ट्रांसप्लांट करवा लिया था। उनकी किडनी की खराब हालत के कारण यह कदम उठाना जरूरी हो गया था। यह ट्रांसप्लांट उनकी जिंदगी में नए स्वस्थ दिनों की शुरुआत था, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सका। किडनी की बीमारी से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए किडनी ट्रांसप्लांट एक महत्वपूर्ण उपचार विकल्प है। इस लेख में हम जानेंगे कि किडनी ट्रांसप्लांट क्या है, इसके क्या लाभ और खतरे हैं, और डायलिसिस की तुलना इसे किस हद तक सुरक्षित विकल्प मान सकते हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट क्या है?
किडनी ट्रांसप्लांट एक ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें मरीज की खराब किडनी की जगह एक स्वस्थ किडनी प्रत्यारोपित की जाती है। यह किडनी किसी जीवित दाता या मृत्युशिल दाता से ली जा सकती है। जिन लोगों की किडनी पूरी तरह से फेल हो जाती है या वे डायलिसिस पर निर्भर रहते हैं, उनके लिए यह जीवन बचाने वाला ऑप्शन होता है। ट्रांसप्लांट के बाद मरीज सामान्य जीवनशैली जी सकते हैं और दवाइयों के उचित सेवन से नई किडनी को स्वीकार करवा सकते हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट के लाभ
इस प्रक्रिया का सबसे बड़ा फायदा है जीवन प्रत्याशा बढ़ना और जीवन गुणवत्ता में सुधार। डायलिसिस की तुलना में ट्रांसप्लांट से मरीजों को ज्यादा स्वतंत्रता मिलती है। वे नियमित काम कर सकते हैं, यात्रा कर सकते हैं, और भोजन में भी ज्यादा आज़ादी पाते हैं। इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और थकान कम होती है।
#WATCH | Maharashtra: The last rites of veteran Bollywood and TV actor Satish Shah, who passed away yesterday, are being performed at Pawan Hans, Vile Parle (West), Mumbai. pic.twitter.com/7HuiT1LK4R
— ANI (@ANI) October 26, 2025
किडनी ट्रांसप्लांट के नुकसान और जोखिम
किसी भी ऑपरेशन की तरह, किडनी ट्रांसप्लांट के जोखिम भी होते हैं। ऑपरेशन से जुड़े संक्रमण, रक्तस्राव, और एनेस्थीसिया के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। मरीजों को जीवन भर इम्यूनो-सप्रेसिव दवाइयां लेनी पड़ती हैं, जो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकती हैं। इसके अलावा, कभी-कभी शरीर नई किडनी को अस्वीकार भी कर सकता है, जिसे आइलेंस प्रतिक्रिया कहा जाता है।
किडनी ट्रांसप्लांट और डायलिसिस में क्या अंतर है?
किडनी ट्रांसप्लांट और डायलिसिस दोनों ही गुर्दे की कमजोरी या विफलता के लिए मुख्य उपचार विकल्प हैं। ट्रांसप्लांट में मरीज को एक स्वस्थ किडनी प्रत्यारोपित की जाती है, जिससे वे सामान्य जीवन जी सकते हैं और बहुत सारी सीमाओं से छुटकारा मिलता है। डायलिसिस, दूसरी ओर, एक प्रक्रिया है जिसमें मशीन की मदद से रक्त से विषाक्त पदार्थ निकाले जाते हैं। हालांकि डायलिसिस जीवनरक्षक है, लेकिन इसके कारण कई बार थकान, आहार प्रतिबंध, और समय की पाबंदी होती है। ट्रांसप्लांट अधिक स्वतंत्रता और बेहतर जीवन प्रत्याशा प्रदान करता है, जबकि डायलिसिस को अधिक बार अस्पताल जाना पड़ता है और यह थकावट भरा हो सकता है।
कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर है?
किसी भी मरीज के लिए यह फैसला महत्वपूर्ण होता है कि उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट करवाना चाहिए या डायलिसिस पर निर्भर रहना चाहिए। यह निर्णय कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे उम्र, स्वास्थ्य की स्थिति, उपयुक्त दाता की उपलब्धता, और व्यक्तिगत प्राथमिकताएं। विशेषज्ञ सलाह मानना और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना आवश्यक है। ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को जीवनभर दवाइयां लेनी पड़ती हैं और सावधानी रखनी होती है, लेकिन यह बेहतर जीवन प्रत्याशा देता है। डायलिसिस अस्थायी समाधान हो सकता है, खासकर तब जब ट्रांसप्लांट संभव न हो। सही विकल्प चुनने के लिए डॉक्टर से चर्चा करना आवश्यक है।
डायलिसिस: क्या यह विकल्प सुरक्षित है?
डायलिसिस वह प्रक्रिया है जिसमें खराब किडनी की जगह खून को साफ करने के लिए मशीन का प्रयोग किया जाता है। यह दो प्रकार की होती है – हेमोडायलिसिस और पेरिटोनियल डायलिसिस। डायलिसिस मरीज को जीवन देता है, लेकिन इसके साथ कई तरह की सीमाएं भी होती हैं। यह अक्सर थकावट, आहार प्रतिबंध, और समय की पाबंदी लाता है। हालांकि यह ट्रांसप्लांट का विकल्प है, लेकिन इसकी सुरक्षा और जीवन प्रत्याशा ट्रांसप्लांट की तुलना में कम होती है।
सतिश शाह की कहानी से सीख
सतिश शाह ने अपनी पत्नी के इलाज के लिए किडनी ट्रांसप्लांट करवाया, जो अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। यह उनके परिवार और जीवन के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। उनकी कहानी हमें दिखाती है कि सही समय पर सही उपचार चुनना कितना अहम होता है, और परिवार का सहारा कितना महत्वपूर्ण होता है। इनके अनुभव से प्रभावित होकर आप हमारी अमिताभ-अभिषेक बच्चन ने Piyush Pandey के अंतिम संस्कार में भावुक श्रद्धांजलि दी वाली खबर भी पढ़ सकते हैं जो परिवार और सम्मान की भावना को दर्शाती है।
निष्कर्ष
किडनी ट्रांसप्लांट और डायलिसिस दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। जहां ट्रांसप्लांट से बेहतर जीवन संभव होता है, वहीं डायलिसिस एक अस्थायी समाधान की तरह है। सही निर्णय मरीज की स्थिति, उम्र, स्वास्थ्य और परिवार की स्थिति पर निर्भर करता है। विशेषज्ञ सलाह जरूर लें और नियमित जांच कराएं। अपनी सेहत का ख़याल रखिए और सही विकल्प चुनीए।
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