दिन सोमवार, तारीख 8 जुलाई 2025, समय सुबह 8:20 बजे। तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के सेप्पाक्कम क्रॉसिंग के पास स्कूल की वैन बच्चों को लेकर जा रही थी। उसी समय नेल्लिकुप्पम की ओर जा रही ट्रेन ने वैन को टक्कर मार दी।
वैन में कुल आठ बच्चे सवार थे, जिनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई। वैन सरकारी स्कूल की थी, और बच्चे रोज़ इसी मार्ग से स्कूल जाते थे। वैन का ड्राइवर घायल अवस्था में मिला और उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
घटनास्थल पर मंजर – प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों से
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वैन सीधे क्रॉसिंग पार कर रही थी जबकि ट्रेन काफी पास आ चुकी थी। लोगों ने मौके पर चीख-पुकार सुनी और दौड़कर बच्चों को बचाने की कोशिश की।
वैन का अगला हिस्सा ट्रेन की चपेट में आने से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। कुछ बच्चे बाहर फेंके गए तो कुछ वैन के अंदर ही दब गए। घटना के बाद पूरे गांव में शोक और भय का माहौल छा गया।
Tamil Nadu Train Tragedy
A school van was hit by a train at Semmankuppam near Cuddalore. Two children died, and four others were injured, including the driver. The van was crossing a manned railway gate when it was struck by Train No. 56813.#trainaccident pic.twitter.com/Sk32AYvOfo
— MR . AK (@anandhumanoj666) July 8, 2025
मृतक बच्चों और घायलों की स्थिति
मारे गए तीनों बच्चों की पहचान कर ली गई है, सभी की उम्र 8 से 10 वर्ष के बीच थी। उनके नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं ताकि परिवारों को शांति से अंतिम क्रियाएं करने दी जा सकें।
बाकी पांच घायल बच्चों में दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें कुड्डालोर के गवर्नमेंट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर्स की एक विशेष टीम इलाज में जुटी है।
पीड़ित परिवारों का रो-रो कर बुरा हाल है, और पूरे इलाके में मातम का माहौल बना हुआ है।
सुरक्षा में चूक: क्यों और कैसे हुआ हादसा?
यह क्रॉसिंग ‘मैनुअल’ थी, यानी वहां कोई गेट नहीं था, केवल एक गेटकीपर तैनात होता था जो हाथ से बैरिकेड लगाता था। हादसे के वक्त गेटकीपर ड्यूटी पर नहीं था।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि गेटकीपर समय पर बैरिकेड लगाने में चूक गया, जिससे वैन सीधे पटरी पार करने लगी और हादसा हो गया। यह पहली बार नहीं है, इसी क्रॉसिंग पर पहले भी हादसे हो चुके हैं, मगर इतने बड़े स्तर पर नहीं।
प्रशासन और रेलवे की प्रतिक्रिया
जिला कलेक्टर बलराज ने कहा कि हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और प्रशासन हर संभव सहायता दे रहा है।
रेलवे की ओर से डिविज़नल रेलवे मैनेजर (DRM) ने बयान जारी करते हुए कहा कि संबंधित गेटकीपर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।
रेलवे ने कहा कि भविष्य में इस क्रॉसिंग को पूरी तरह ऑटोमैटिक किया जाएगा, ताकि फिर कभी ऐसा न हो।
मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग की प्रतिक्रियाएं
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने ट्वीट के ज़रिए गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख मुआवज़ा देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। शिक्षा विभाग ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है कि क्या स्कूल प्रशासन की ओर से किसी तरह की लापरवाही हुई।
स्थानीय जन प्रतिक्रिया और शोक की लहर
गांव और आस-पास के इलाके में शोक की लहर है। लोग प्रशासन से नाराज़ हैं कि इतने सालों से मैनुअल क्रॉसिंग को ऑटोमैटिक क्यों नहीं किया गया।
स्कूल के स्टाफ ने कहा कि बच्चे रोज़ इसी रास्ते से जाते थे, मगर आज जो हुआ वह किसी बुरे सपने से कम नहीं।
स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग की है।
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सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
रेलवे विभाग ने तत्काल प्रभाव से क्रॉसिंग पर सुरक्षा बढ़ा दी है। अब वहां 24 घंटे सुरक्षा गार्ड्स रहेंगे, जब तक वहां बैरियर और सिग्नल सिस्टम स्थापित नहीं हो जाता।
स्कूल प्रशासन से भी पूछा गया है कि वैन कैसे बिना सुरक्षा जांच के क्रॉसिंग पर पहुंची। भविष्य में सभी स्कूलों को रूट वेरिफिकेशन और ट्रेनिंग के निर्देश दिए जाएंगे।
पाठकों के लिए संदेश
इस हादसे ने एक बार फिर ये बता दिया कि बच्चों की सुरक्षा सिर्फ सरकार या स्कूल की जिम्मेदारी नहीं है – हम सभी की है।
एक छोटी सी लापरवाही, जैसे समय पर गेट बंद न होना, इतने बड़े नुकसान का कारण बन सकती है।
हमें और आपको नियमों का पालन करना ही होगा ताकि आने वाली पीढ़ियों को हम एक सुरक्षित परिवेश दे सकें।