अमेरिका और भारत के बीच इस समय व्यापार और कूटनीति के रिश्ते तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 23 अगस्त 2025 को व्हाइट हाउस के पर्सनल ऑफिस डायरेक्टर Sergio Gor को भारत का राजदूत (US Ambassador to India) और दक्षिण व मध्य एशियाई मामलों का विशेष दूत (Special Envoy for South & Central Asia) नामित किया है।
यह फैसला न केवल ट्रंप प्रशासन की रणनीति को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि आने वाले महीनों में अमेरिका-भारत संबंध किस दिशा में बढ़ सकते हैं।
🌍 Sergio Gor का पृष्ठभूमि जीवन
Sergio Gor का जन्म उज़्बेकिस्तान के ताशकंद शहर में हुआ। बाद में उनका परिवार माल्टा चला गया और यहीं से उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे अमेरिका आए और जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की।
राजनीति में उनका सफर रिपब्लिकन पार्टी के साथ शुरू हुआ। उन्होंने Kentucky के सीनेटर Rand Paul के साथ काम किया और धीरे-धीरे रिपब्लिकन सर्कल में अपनी पहचान बनाई। बाद में Donald Trump Jr. के साथ उन्होंने प्रकाशन कार्य भी संभाला और कई किताबें प्रकाशित कीं। यहीं से उनका सीधा जुड़ाव “Make America Great Again” (MAGA) आंदोलन से गहराया।
🤝 ट्रंप और Gor का गहरा रिश्ता
Sergio Gor को ट्रंप का सबसे भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है। 2016 और 2020 के राष्ट्रपति चुनाव अभियानों में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। ट्रंप की किताबों के प्रकाशन से लेकर Super PAC संचालन तक, Gor हर अहम काम में शामिल रहे।
ट्रंप ने उन्हें सार्वजनिक तौर पर “Great Friend” कहकर संबोधित किया है। यही वजह है कि अब राजनयिक अनुभव सीमित होने के बावजूद उन्हें इतना अहम पद सौंपा गया है।
Beyond grateful to @realDonaldTrump for his incredible trust and confidence in nominating me to the be his next U.S. Ambassador to India and Special Envoy for South and Central Asian Affairs! Nothing has made me prouder than to serve the American people through the GREAT work of…
— Sergio Gor (@SergioGor) August 22, 2025
🏛 White House Personnel Director के रूप में Gor
Sergio Gor का व्हाइट हाउस में रोल बेहद प्रभावशाली रहा है। पर्सनल ऑफिस के डायरेक्टर के रूप में उन्होंने लगभग 4,000 नियुक्तियों की प्रक्रिया का नेतृत्व किया। कहा जाता है कि ट्रंप प्रशासन के भीतर नियुक्तियों और मानव संसाधन प्रबंधन में उनकी भूमिका निर्णायक रही।
हालाँकि, यह दौर विवादों से भी भरा रहा। Elon Musk ने उन्हें “snake” तक कह दिया था, क्योंकि Sergio Gor ने उनके एक नामांकन को रोकने में अहम भूमिका निभाई थी। बावजूद इसके, ट्रंप का भरोसा Gor पर बना रहा।
📌 राजदूत और विशेष दूत – नई भूमिका
Sergio Gor को एक साथ दो जिम्मेदारियाँ दी गई हैं:
- भारत में अमेरिकी राजदूत (US Ambassador to India)
- दक्षिण और मध्य एशिया के विशेष दूत (Special Envoy for South & Central Asia)
भारत में अमेरिकी राजदूत का पद लंबे समय से खाली था। Sergio Gor की नियुक्ति अब सीनेट की पुष्टि पर निर्भर करती है। वहीं, विशेष दूत की भूमिका के लिए सीनेट की मंजूरी की ज़रूरत नहीं होती। यह फैसला दिखाता है कि ट्रंप प्रशासन Sergio Gor पर कितनी गहरी आस्था रखता है।
भारत-अमेरिका संबंधों की मौजूदा चुनौतियाँ
यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच कई विवाद सामने आ चुके हैं:
- ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ और 25% अतिरिक्त पेनल्टी लगाई है।
- कारण: भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद और “अमेरिकी हितों की अनदेखी”।
- दोनों देशों के बीच $190 बिलियन का वार्षिक व्यापार दांव पर है।
- टेक और डिफेंस सेक्टर में सहयोग के बावजूद माहौल कड़ा बना हुआ है।
इन हालातों में नया अमेरिकी राजदूत दोनों देशों के बीच संवाद और विश्वास को बहाल करने की अहम कोशिश करेगा।
🗳️ अमेरिका की आंतरिक राजनीति और अंतरराष्ट्रीय असर
ट्रंप की “America First” नीति के तहत Sergio Gor की नियुक्ति को देखा जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि यह राजनयिक अनुभव पर नहीं बल्कि राजनीतिक निष्ठा पर आधारित नियुक्ति है। वहीं समर्थकों का मानना है कि यह कदम अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत बनाएगा क्योंकि Gor सीधे राष्ट्रपति के बेहद करीबी हैं।
हालाँकि, दूसरी तरफ ट्रंप प्रशासन के सलाहकारों की तीखी टिप्पणियाँ भी सामने आई हैं। हाल ही में एक वरिष्ठ सलाहकार ने भारत को “Kremlin Laundromat” तक कह डाला — इस विवाद का पूरा विवरण आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
भारतीय दृष्टिकोण और भविष्य की दिशा
भारत की नज़र से देखें तो Sergio Gor की नियुक्ति एक ज़रूरी कदम है। मौजूदा तनावपूर्ण हालात में अमेरिका का पूर्णकालिक राजदूत नई दिल्ली में होना बेहद ज़रूरी है। भारत के लिए प्राथमिक मुद्दे हैं:
- व्यापार विवाद का समाधान
- टेक्नोलॉजी और रक्षा सहयोग
- इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक साझीदारी
- ऊर्जा और तेल खरीद को लेकर अमेरिका के साथ तालमेल
अगर Sergio Gor इन मुद्दों पर संतुलित रवैया अपनाते हैं तो दोनों देशों के बीच रिश्ते फिर से पटरी पर आ सकते हैं।
✅ निष्कर्ष – भारत-अमेरिका रिश्तों का नया अध्याय
Sergio Gor की नियुक्ति केवल एक राजनयिक फैसला नहीं बल्कि ट्रंप की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा भी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम कर पाएगा या फिर यह विवादों को और गहरा करेगा।
💬 आपकी राय क्या है?
क्या आपको लगता है कि Sergio Gor जैसा ट्रंप का राजनीतिक सहयोगी भारत-अमेरिका संबंधों को बेहतर बना पाएगा?
👇 नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर दें!