खेलों की दुनिया में हर जीत की एक कहानी होती है, लेकिन मोहसिन अली का सफर खास है। श्रीनगर की झील से निकलकर उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि जम्मू-कश्मीर को Khelo India का पहला गोल्ड मेडल दिलाया। यह जीत खेल जगत में एक नई ऊर्जा लेकर आई है और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
कौन हैं मोहसिन अली?
17 वर्षीय मोहसिन अली श्रीनगर के रहने वाले एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता मेहनत-मजदूरी करते हैं और परिवार की जिम्मेदारियाँ बड़ी हैं। बचपन से ही मोहसिन का रिश्ता झील और शिकारों से रहा है। स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ वे शिकारों चलाकर परिवार की मदद भी करते रहे।
गरीबी और संघर्ष के बीच से निकला यह सफर बताता है कि हौसला और मेहनत हो तो हर मंजिल आसान हो जाती है।
कैसे शुरू हुआ गोल्ड का सफर
मोहसिन को बचपन से ही नाव चलाने का शौक था। धीरे-धीरे यह शौक खेल में बदल गया। स्थानीय स्तर पर छोटी-छोटी प्रतियोगिताओं से उन्होंने शुरुआत की और फिर लगातार अभ्यास किया।
हर सुबह झील में घंटों अभ्यास करना, मौसम की कठिनाइयों का सामना करना और सीमित साधनों में खुद को तैयार करना – यही उनकी सबसे बड़ी पूंजी रही।
Vishal Kumar of Uttar Pradesh powers his way to the Gold Medal in the Men’s Canoeing (C1) 1000m event at the 1st Khelo India Water Sports Festival, Srinagar.
A performance that will be remembered!#kheloindiawatersports #kheloindia #sportsauthorityofindia #jksportscouncil pic.twitter.com/mzOJIWcg4H
— J&K Sports Council (@JKSportsCouncil) August 21, 2025
Khelo India में ऐतिहासिक जीत
जब Khelo India Water Sports Festival 2025 का आयोजन हुआ, तब मोहसिन ने अपनी मेहनत का कमाल दिखाया। प्रतियोगिता में उन्होंने तेज़ी और संतुलन का शानदार प्रदर्शन किया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
यह जीत जम्मू-कश्मीर के लिए ऐतिहासिक थी, क्योंकि राज्य को पहली बार Khelo India में गोल्ड मिला।
युवाओं के लिए प्रेरणा
मोहसिन की कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि संघर्ष से डरना नहीं चाहिए।
- साधारण परिवार से निकलकर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचना संभव है।
- झील की लहरों से निकलकर उन्होंने दिखाया कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी हों, अगर जज्बा हो तो मंजिल मिल ही जाती है।
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया
इस जीत से परिवार की आँखों में खुशी और गर्व छलक आया। मोहसिन के पिता ने हमेशा उन्हें मेहनत और ईमानदारी की सीख दी थी। मोहसिन की जीत पर पूरा इलाका जश्न में डूब गया।
स्थानीय युवाओं ने भी इस सफलता को अपनी प्रेरणा मानते हुए खेलों में आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
भारत के खेल जगत में नई पहचान
मोहसिन की जीत ने यह साबित कर दिया कि कश्मीर सिर्फ झीलों और वादियों का नहीं, बल्कि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का भी घर है।
- यह गोल्ड जीत राष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर की छवि को नई पहचान देता है।
- आने वाले समय में राज्य से और खिलाड़ी बड़े मंचों पर देश का नाम रोशन करेंगे।
आगे की राह – मोहसिन के सपने
अब मोहसिन का सपना है कि वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और ओलंपिक में भारत का झंडा बुलंद करें। इसके लिए उन्हें बेहतर सुविधाएँ, प्रशिक्षक और समर्थन की जरूरत होगी।
उनका लक्ष्य है कि आने वाली पीढ़ी भी पानी-खेलों में आगे बढ़े और कश्मीर से नए चैंपियन निकलें।
एक नई सुबह की शुरुआत
मोहसिन अली की यह जीत सिर्फ एक पदक नहीं, बल्कि कश्मीर की नई सुबह का प्रतीक है। यह कहानी दिखाती है कि संघर्ष, समर्पण और मेहनत से हर सपना सच किया जा सकता है।
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