भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस समय NASA के Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर हैं। उनके द्वारा साझा की गई भोजन की तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। ये तस्वीरें उनके धरती पर वापसी से ठीक पहले ली गई हैं, जब उन्होंने टीम के साथ एक विशेष भोज का आनंद लिया।
यह सिर्फ एक खाना नहीं था, बल्कि एक मिशन की सफलता का जश्न था। भारत के लिए यह गर्व का क्षण है कि शुभांशु जैसे वैज्ञानिक अंतरिक्ष में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
🔸 AX-4 मिशन और उसमें शुभांशु शुक्ला की अहम भूमिका
AX-4 (Axiom Mission 4) एक निजी स्पेस मिशन है, जिसे Axiom Space द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह मिशन NASA और SpaceX के सहयोग से चलाया जा रहा है और इसका उद्देश्य वैज्ञानिक प्रयोगों के साथ-साथ व्यावसायिक स्पेस ट्रैवल को बढ़ावा देना है।
इस मिशन में कुल चार सदस्य शामिल हैं, जिनमें से एक payload specialist के रूप में शुभांशु शुक्ला भी हैं। उनका चयन एक अत्यंत प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से हुआ, जिसमें उनकी वैज्ञानिक क्षमता, मानसिक दृढ़ता और अंतरिक्ष के प्रति समर्पण को परखा गया। शुभांशु के पहले दिन का अनुभव पढ़ने के लिए यह आर्टिकल देखें:
शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में कैसे बिता रहे हैं अपना पहला दिन?
🔸 अंतरिक्ष में परोसा गया विशेष भोजन: क्या था खास?
अंतरिक्ष में सामान्य भोजन से हटकर, इस बार AX-4 क्रू के लिए एक विशेष भोज तैयार किया गया था। इस भोजन को अंतरिक्ष में भेजने से पहले मशहूर शेफ्स और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स ने मिलकर तैयार किया था।
भोजन की झलकियां:
- ग्लोबल फ्यूजन मील्स
- न्यूट्रिशन बैलेंस को ध्यान में रखते हुए तैयार मेन्यू
- कुछ खाद्य पदार्थों में भारतीय मसालों की महक
इस भोज का उद्देश्य ना केवल स्वाद था, बल्कि मनोबल बढ़ाना और एकजुटता दर्शाना भी था।
शुभांशु के चेहरे की मुस्कान यह बता रही थी कि भोजन कितना आत्मिक संतोष देने वाला था।
Shubhanshu Shukla enjoys special meal on the Space Station with fellow astronauts onboard pic.twitter.com/TztD5WmVk2
— The Tatva (@thetatvaindia) July 11, 2025
🔸 अब वापसी की तैयारी: 14 जुलाई को होगी धरती से मुलाकात
NASA के अनुसार, AX-4 क्रू 14 जुलाई को ISS से undock करेगा। इसके बाद वे re-entry capsule के माध्यम से पृथ्वी की ओर प्रस्थान करेंगे।
वापसी से जुड़ी मुख्य बातें:
- ISS से undocking: 14 जुलाई, रात में
- Re-entry path: सटीक मौसम विश्लेषण पर आधारित
- लैंडिंग साइट: फ्लोरिडा या अटलांटिक क्षेत्र संभावित
- Duration: 16 घंटे का यात्रा समय
NASA और SpaceX दोनों ने इस वापसी को सुरक्षित और स्मूथ बनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
🔸 लखनऊ से लेकर स्पेस तक – परिवार की प्रतीक्षा
लखनऊ में शुभांशु शुक्ला के परिवार और शुभचिंतक उनकी वापसी को लेकर बेहद उत्साहित और भावुक हैं।
उनकी मां ने एक इंटरव्यू में कहा, “हर दिन जब टीवी या मोबाइल पर उसकी कोई तस्वीर दिखती है, तो आंखें भर आती हैं…“
लखनऊ के स्कूल, जहां से शुभांशु ने अपनी शुरुआती शिक्षा पाई, आज गर्व के साथ उनके पोस्टर्स से सज गए हैं।
उनकी यात्रा यह साबित करती है कि एक मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि से उठकर भी कोई अंतरिक्ष तक पहुंच सकता है।
🔸 भारत के लिए इस मिशन का महत्व
AX-4 जैसे अंतरराष्ट्रीय निजी स्पेस मिशन में किसी भारतीय का शामिल होना, भारत के वैज्ञानिक विकास और वैश्विक उपस्थिति का संकेत है।
इस मिशन की भारत के लिए उपयोगिता:
- युवा पीढ़ी को स्पेस साइंस में करियर की प्रेरणा
- निजी और सार्वजनिक स्पेस एजेंसियों के बीच सहयोग
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की वैज्ञानिक भागीदारी
यह मिशन बताता है कि भारत अब सिर्फ ISRO तक सीमित नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय निजी मिशनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
Gazing Down From The Space!
Group Capt Shubhanshu Shukla enjoys the stunning panoramic view of Earth from the 7-windowed Cupola Module aboard the International Space Station. It’s been a remarkable journey as he marks a week in orbit, representing India among the stars.#Axiom4… pic.twitter.com/E9XKZIatng
— MyGovIndia (@mygovindia) July 6, 2025
🔸 स्पेस से घर तक, सफलता की पूरी कहानी
शुभांशु शुक्ला की कहानी सिर्फ एक वैज्ञानिक मिशन की नहीं, बल्कि सपनों की उड़ान की है। अंतरिक्ष में भोज से लेकर धरती पर वापसी तक, हर पल उनके समर्पण और मेहनत का परिणाम है।
उनकी वापसी पर स्वागत और सम्मान समारोह की उम्मीद की जा रही है। यह केवल एक व्यक्ति की सफलता नहीं, बल्कि पूरे देश की प्रेरणा बन चुकी है।
🔚 ऐसे मिशन हमें यह याद दिलाते हैं कि सपनों की कोई सीमा नहीं होती। आज एक लखनऊ का युवा अंतरिक्ष में भोज मना रहा है, कल शायद आप हों।