संगारेड्डी जिले के पाशमायलेरम स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज में हुए जबरदस्त केमिकल विस्फोट ने पूरे तेलंगाना को हिला कर रख दिया है। हादसे में अब तक 42 लोगों की जान जा चुकी है और दर्जनों घायल अस्पतालों में भर्ती हैं। इस औद्योगिक त्रासदी के बाद सवाल उठने लगे हैं कि सुरक्षा मानकों को लेकर कितनी लापरवाही बरती गई।
घटना कैसे हुई: एक ही पल में सबकुछ तबाह
1 जुलाई 2025 को दोपहर क़रीब 2:45 बजे सिगाची इंडस्ट्रीज के यूनिट-2 में अचानक रिएक्टर में धमाका हुआ।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार रिएक्टर में ओवरहीटिंग और प्रेशर अधिक होने की वजह से विस्फोट हुआ।
यह विस्फोट इतना ज़ोरदार था कि पूरी यूनिट ध्वस्त हो गई और वहां काम कर रहे कर्मचारी उसकी चपेट में आ गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विस्फोट के बाद फैक्ट्री से काले धुएं का गुबार निकलता दिखा।
घायल कर्मचारी मदद के लिए चिल्ला रहे थे और आस-पास अफरातफरी मच गई। कई श्रमिकों को गंभीर जलन और सिर व शरीर में गहरी चोटें आईं।
The Death Toll rises to 12, after massive #ReactorBlast , situation worsened when the 3-story building collapsed after the #explosion 💥 at #SigachiPharma Industries in #Pashamylaram , outskirts of #Hyderabad , in #Sangareddy district. Around 65 workers were present at the… https://t.co/RYzim3JVNR pic.twitter.com/0Kp9YAR0rr
— Surya Reddy (@jsuryareddy) June 30, 2025
एनडीआरएफ और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
विस्फोट के तुरंत बाद एनडीआरएफ की दो टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं।
साथ ही संगारेड्डी पुलिस ने फैक्ट्री को चारों तरफ से घेर लिया और राहत-बचाव कार्य में जुट गई।
30 से ज्यादा एम्बुलेंस, दमकल वाहन और मेडिकल टीमें मौके पर भेजी गईं।
रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी रात चला।
जिन शवों की पहचान संभव नहीं थी, उनका DNA टेस्ट कराया जा रहा है।
अब तक 42 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से कई श्रमिक बिहार, झारखंड और उड़ीसा से थे।
सिगाची इंडस्ट्रीज पर गंभीर सवाल
सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड को फार्मास्युटिकल ग्रेड माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज़ बनाने के लिए जाना जाता है।
हालांकि, इस प्लांट में पिछले कुछ महीनों से सुरक्षा संबंधित चिंताएं जताई जा रही थीं।
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि रिएक्टर को ओवरलोड किया जा रहा था और सुरक्षा अलार्म भी कई बार फेल हुआ था।
हादसे के बाद कंपनी के डायरेक्टर्स से पूछताछ शुरू हो चुकी है।
पुलिस ने अनुचित संचालन और लापरवाही की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
सरकारी प्रतिक्रिया और मुआवजा घोषित
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हादसे को “मानव निर्मित त्रासदी” करार दिया।
उन्होंने मृतकों के परिजनों को ₹25 लाख और घायलों को ₹5 लाख की सहायता राशि देने का ऐलान किया।
“हम दोषियों को किसी भी हालत में बख्शेंगे नहीं,” मुख्यमंत्री ने कहा।
राज्य सरकार ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और औद्योगिक सुरक्षा विभाग को तत्काल रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
राजनीतिक हलचल और विपक्ष की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद तेलंगाना में राजनीतिक माहौल गरम हो गया है।
विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर उद्योगपतियों को बिना सुरक्षा मानकों के संचालन की छूट देने का आरोप लगाया है।
सीपीआई और बीजेपी नेताओं ने कहा कि “इस फैक्ट्री को पहले भी नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।”
CBI जांच की भी मांग तेज हो गई है।
घायलों की हालत नाज़ुक, अस्पतालों में भीड़
हैदराबाद और संगारेड्डी के अस्पतालों में भर्ती घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।
कई घायलों को वेंटिलेटर पर रखा गया है।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, कई घायलों को चेहरे और छाती पर गंभीर जलन है, जिससे पहचान में भी दिक्कत हो रही है।
डॉक्टरों की टीम ने 24 घंटे ऑपरेशन चलाकर कई मज़दूरों की जान बचाई है।
मनःचिकित्सकों की टीम को भी तैनात किया गया है ताकि जीवित बचे लोगों को मानसिक सहायता दी जा सके।
प्रभावित इलाकों में दहशत और पर्यावरणीय खतरा
धमाके के बाद पाशमायलेरम के आसपास के 3 गांवों में भी गैस की गंध फैली, जिससे लोगों में घबराहट फैल गई।
पर्यावरण विभाग ने बताया कि हवा में विषैले कणों की मात्रा सामान्य से 3 गुना ज़्यादा पाई गई।
प्राथमिक तौर पर आसपास के इलाकों को खाली कराया गया और मेडिकल टीम भेजी गई।
क्या था फैक्ट्री में इस्तेमाल हो रहा केमिकल?
हालांकि जांच रिपोर्ट अभी आना बाकी है, लेकिन फैक्ट्री में एथिल क्लोराइड और हाइड्रोजन परॉक्साइड जैसे ज्वलनशील पदार्थों के उपयोग की पुष्टि हुई है।
इन रसायनों को स्टोर करते वक्त अत्यधिक सावधानी की जरूरत होती है, और यही चूक इस हादसे की वजह बनी।
सरकार का अगला कदम और नई नीतियां
सरकार ने सिगाची इंडस्ट्रीज के खिलाफ उत्पादन लाइसेंस निलंबित करने का आदेश दिया है।
औद्योगिक मंत्रालय ने ‘Zero Tolerance on Industrial Safety’ नीति लागू करने की घोषणा की है।
सभी केमिकल फैक्ट्रियों को अगले 15 दिनों में सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
अगले 30 दिनों में पूरे राज्य में औद्योगिक सुरक्षा ड्राइव चलाने की तैयारी है।
सबक और चेतावनी
इस भयावह हादसे ने देशभर की औद्योगिक इकाइयों को चेतावनी दी है कि मुनाफे के पीछे दौड़ते हुए इंसानी जानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि सुरक्षा मानकों को सिर्फ कागज़ों में नहीं बल्कि ज़मीन पर लागू करे।