G20 विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठक इस बार वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक विकास और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर केंद्रित रही। इस वर्ष की बैठक में “विकास और सुरक्षा का संतुलन” मुख्य एजेंडा रहा। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस अवसर पर बैठक की अहमियत और वैश्विक दृष्टिकोण से उसकी भूमिका को रेखांकित किया।
बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने विकासशील और विकसित देशों की चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। भारत की मेजबानी ने इस बहुपक्षीय मंच को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक विकास को भी प्रभावित करता है।
जयशंकर का मुख्य वक्तव्य
बैठक में अपने मुख्य भाषण में जयशंकर ने आतंकवाद को “विकास के लिए स्थायी खतरा” बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के चलते न केवल निवेश और व्यापार प्रभावित होता है, बल्कि समाज में विश्वास और स्थिरता भी कम होती है।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद शांति और विकास के लिए विरोधाभासी है, और इसे किसी भी राजनीतिक लाभ के लिए साधन नहीं बनाया जा सकता। उनके अनुसार, वैश्विक विकास एजेंडा तभी सफल होगा जब आतंकवाद पर मिलकर रोक लगाई जाएगी।
जयशंकर ने आतंकवाद के विभिन्न रूपों, जैसे साइबर आतंकवाद, उग्रवाद और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय नेटवर्क पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के वित्त पोषण और इसके फैलाव को रोकना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि हम उसकी घटनाओं को रोकने में लगाते हैं।
वैश्विक सहयोग और जीरो टॉलरेंस की अपील
जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समान दृष्टिकोण और सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंड से काम नहीं चलेगा। सभी देशों को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय मंचों में आतंकवाद के खिलाफ सख्त नियमों और कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया। उनका संदेश स्पष्ट था – आतंकवाद को किसी भी राजनीतिक या धार्मिक एजेंडा के तहत समर्थन नहीं मिलना चाहिए।
“Peace can certainly enable development, but by threatening development, we cannot facilitate peace”, says EAM Jaishankar
PS: Message to US over erratic policies pic.twitter.com/RZlQd7ByV0
— Sidhant Sibal (@sidhant) September 25, 2025
आर्थिक विकास पर आतंकवाद का असर
आतंकवाद के चलते निवेशक और व्यापारिक हित प्रभावित होते हैं। विकासशील देशों में आतंकवादी घटनाओं की वजह से पर्यटन, व्यापार और रोजगार पर नकारात्मक असर पड़ता है। आर्थिक अस्थिरता केवल आतंकवाद तक सीमित नहीं रहती; राजनीतिक असंतोष और क्षेत्रीय हिंसा भी विकास को रोकती है। उदाहरण के लिए, लद्दाख में हाल ही में हुए प्रदर्शन में चार लोगों की मौत और कई अन्य घायल हुए, जो इस बात का प्रमाण है कि राजनीतिक असंतोष और सामाजिक तनाव आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकते हैं।
जयशंकर ने उदाहरण देते हुए कहा कि पड़ोसी देशों में आतंकवाद और हिंसा ने स्थानीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे को कितना प्रभावित किया है। उन्होंने भारत के दृष्टिकोण से बताया कि आतंकवाद और अस्थिरता का प्रभाव केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह वैश्विक आर्थिक स्थिरता को भी चुनौती देता है।
भारत की रणनीति और योगदान
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कई अंतरराष्ट्रीय पहलें की हैं। FATF और UNSC जैसे मंचों में भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि देश में कोई सुरक्षित आतंकवादी ठिकाना नहीं होगा।
जयशंकर ने तकनीकी सहयोग और डेटा शेयरिंग पर जोर दिया। भारत की नीति स्पष्ट है – आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, जानकारी साझा करना और आतंकवादी नेटवर्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नियंत्रित करना।
G20 सदस्यों की प्रतिक्रिया
बैठक में अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी आतंकवाद और विकास पर अपने विचार साझा किए। कई सदस्य देशों ने भारत की पहल की सराहना की और समान सोच वाले देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही।
जयशंकर ने बताया कि भविष्य में संयुक्त प्रयासों से आतंकवाद के खिलाफ अधिक प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।
Spoke at the G20 Foreign Ministers’ Meeting hosted by South Africa on the sidelines of #UNGA80.
Highlighted that in a politically & economically volatile international situation, G20 members have a particular responsibility to strengthen its stability and give it a more… https://t.co/1UOlg1I2v3 pic.twitter.com/YQnllt0iH0
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 25, 2025
भविष्य की राह: नीति और साझेदारी
जयशंकर ने साइबर आतंकवाद और नई चुनौतियों पर भी चर्चा की। उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से जुड़े रणनीतियों और बहुपक्षीय समझौतों की आवश्यकता पर बल दिया।
उनका कहना था कि आतंकवाद केवल सुरक्षा का मामला नहीं, बल्कि यह विकास, मानवाधिकार और वैश्विक शांति का भी मुद्दा है।
पाठक सहभागिता
एस. जयशंकर का मुख्य संदेश स्पष्ट था – आतंकवाद विकास के लिए एक स्थायी खतरा है और इसके खिलाफ जीरो टॉलरेंस अपनाना आवश्यक है।
पाठकों से आग्रह है कि वे इस विषय पर अपने विचार साझा करें और वैश्विक सुरक्षा के महत्व को समझें। वैश्विक नागरिक के रूप में हमारी भूमिका केवल जागरूक रहने और सहयोग बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है।