थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर जारी संघर्ष ने अब गंभीर मोड़ ले लिया है। अब तक 32 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें आम नागरिक और सैनिक दोनों शामिल हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने एक बंद-द्वार आपात बैठक आयोजित की है, जिसमें दक्षिण-पूर्व एशिया में शांति बनाए रखने के प्रयासों पर चर्चा की गई।
सीमा के आसपास विस्फोटों, गोलीबारी और तनाव की खबरें लगातार सामने आ रही हैं, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों में और खटास आ गई है। इस लेख में जानते हैं पूरे घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी।
🗺️ संघर्ष की पृष्ठभूमि
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद कोई नया नहीं है। दोनों देशों के बीच वर्षों से कुछ इलाकों को लेकर जमीन पर अधिकार को लेकर मतभेद रहे हैं। खासकर सीमा के पास स्थित एक मंदिर परिसर और उससे जुड़े इलाके में दोनों देशों ने समय-समय पर सैन्य तैनाती की है।
इस बार भी वही पुराना विवाद अचानक हिंसक रूप में उभर आया, जब सीमा पर एक निर्माण कार्य को लेकर विवाद बढ़ा और फिर हालात तेजी से बेकाबू हो गए।
$noodle wars update
Ok so Cambodia has hit civilians targets and killed 12
And Thailand responded by hitting military targets only
W Thailand
L cambodia2i4vbjA4aCnke1LipsP3MyxUnGBgEKzrAKrBSESEbonk https://t.co/gm0UoFzU0t
— 𝔸𝕝𝕡𝕙𝕒𝕂𝕒𝕪 ◎ (@NoAlphaPanda) July 24, 2025
📢 कंबोडिया की अपील: युद्धविराम हो तुरंत
कंबोडिया की ओर से जारी आधिकारिक बयान में तुरंत युद्धविराम की मांग की गई है। सरकार ने कहा कि शांति बहाल करने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है, साथ ही आरोप लगाया कि उनके इलाके में गोलीबारी की शुरुआत दूसरी ओर से हुई।
कंबोडियाई नेतृत्व ने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मानवीय हस्तक्षेप की मांग की है। सीमा के आसपास रह रहे लोगों को सुरक्षित इलाकों में ले जाने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
🪖 थाईलैंड का जवाब: अपनी सीमाओं की रक्षा जरूरी
थाईलैंड ने भी संघर्ष को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। अधिकारियों ने कहा कि देश ने सिर्फ आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की है और उनकी प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखना है।
थाई सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि सीमा के पास कुछ अवैध गतिविधियों की सूचना थी, जिसके आधार पर निगरानी तेज की गई थी। इसके बाद ही गोलीबारी शुरू हुई।
🌐 संयुक्त राष्ट्र की बंद-द्वार बैठक
सीमा पर बढ़ती हिंसा को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने तुरंत एक आपात बैठक आयोजित की, जो बंद-द्वार यानी सार्वजनिक रूप से बिना किसी विवरण के रखी गई। इस बैठक में दक्षिण-पूर्व एशिया में शांति बनाए रखने और मानवीय हालात की समीक्षा की गई।
संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए हल निकालने की अपील की है। अभी तक किसी ठोस प्रस्ताव की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव लगातार बढ़ रहा है।
🧍 स्थानीय नागरिकों की स्थिति
संघर्ष का सबसे बड़ा असर आम नागरिकों पर पड़ा है। सीमा के आसपास रहने वाले हजारों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। अस्थायी शिविरों में लोगों की भीड़ है, और भोजन, पानी, दवाओं की किल्लत बढ़ती जा रही है। स्कूल बंद कर दिए गए हैं, और कई अस्पतालों को अस्थायी रूप से दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा है। मानवीय एजेंसियां राहत कार्य में जुटी हैं, लेकिन स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है।
इससे पहले भी सीमा पर हुई गोलीबारी में नौ नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिससे तनाव और गहरा गया था। उस घटना की पूरी जानकारी आप यहाँ पढ़ सकते हैं – थाईलैंड-कंबोडिया सीमा संघर्ष में नौ नागरिकों की मौत, तनाव और बढ़ा।
🔍 भविष्य की दिशा: शांति या और तनाव?
अभी यह कहना मुश्किल है कि आने वाले दिनों में तनाव घटेगा या और बढ़ेगा। अगर दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत नहीं हुई, तो संघर्ष लंबे समय तक खिंच सकता है। इससे पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर असर पड़ सकता है।
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मौका है जब दोनों देश मिलकर स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठा सकते हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका अहम हो सकती है।
📊 समाधान की ओर पहला कदम?
थाईलैंड और कंबोडिया दोनों को समझना होगा कि युद्ध का कोई स्थायी समाधान नहीं होता। नागरिकों की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए संवाद की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जानी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र की पहल एक शुरुआती कदम हो सकता है, लेकिन असली जिम्मेदारी दोनों देशों की सरकारों पर ही है कि वे विवाद को बातचीत से हल करें।




















