अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ और आर्थिक दंड लगाने की घोषणा के बाद, भारतीय शेयर बाजार में हड़कंप मच गया है। बुधवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार ने बड़ी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की, जिससे निवेशकों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांक, शुरुआती कारोबार में ही गहरे लाल निशान में चले गए।
📉 सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआती चाल
बीएसई सेंसेक्स बुधवार सुबह 9:15 बजे लगभग 570 अंकों की गिरावट के साथ 72,100 के आसपास खुला, जबकि निफ्टी 50 करीब 170 अंक टूटकर 21,900 के पास आ गया। इस गिरावट का सीधा संबंध ट्रंप की ओर से घोषित टैरिफ पॉलिसी से जोड़ा जा रहा है।
SGX Nifty में पहले से ही 200 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी, जिससे संकेत मिल गया था कि घरेलू बाजार भी भारी दबाव में खुलने वाले हैं।
🗣️ ट्रंप की धमकी: “भारतीय वस्तुओं पर 25% आयात शुल्क”
डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कांफ्रेंस में घोषणा की कि यदि भारत अमेरिका की व्यापार शर्तों में संशोधन नहीं करता है, तो 1 अगस्त से भारत से आयात होने वाली वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा। इसके अलावा, उन देशों को भी दंड मिलेगा जो रूस से सस्ता तेल खरीद रहे हैं — जिसमें भारत की भूमिका स्पष्ट रूप से चिन्हित की गई है।
उन्होंने कहा,
“हम अमेरिका का पैसा दूसरों को अमीर बनाने में नहीं झोंक सकते। भारतीय बाजार को हमारी जरूरत है, और हम अब बिना उचित समझौते के आगे नहीं बढ़ेंगे।”
यह बयान न केवल आर्थिक दबाव बनाता है, बल्कि राजनीतिक भूचाल भी पैदा कर सकता है।
📉 Tariff Shock! Indian Markets Set for Gap-Down Start
Indian equities likely to open lower after the U.S. slaps 25% tariffs + penalties on Indian imports. Sentiment dented despite global tech-fueled rally.
🔸 GIFT Nifty: 24,669 ▼200 pts (-0.80%)
🔸 Global Cue: Mixed Asia | US… pic.twitter.com/MxMme2QtxC— DILEEP KUMAR 🇮🇳 (@aapkadilipgupta) July 31, 2025
📊 किन सेक्टर्स को सबसे ज़्यादा नुकसान?
रिसर्च रिपोर्ट और बाजार विश्लेषकों के अनुसार, निम्नलिखित सेक्टरों को सबसे ज्यादा असर झेलना पड़ सकता है:
सेक्टर | संभावित असर |
आईटी | बड़ी अमेरिकी क्लाइंट डील्स पर असर |
फार्मा | जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ का खतरा |
ऑटोमोबाइल | निर्यात पर सीधा प्रभाव |
मेटल्स | अंतरराष्ट्रीय व्यापार बाधित |
टेक्सटाइल | अमेरिकी ऑर्डर में गिरावट |
विशेष रूप से फार्मा और आईटी सेक्टर, जिनकी आय का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है, वो सबसे अधिक दबाव में आ सकते हैं।
📉 निवेशकों में डर का माहौल
मंगलवार रात वॉल स्ट्रीट में आई गिरावट और वैश्विक बाजारों की सुस्ती का असर भारत पर भी दिखा। विदेशी निवेशकों (FIIs) ने भारी मात्रा में बिकवाली की, जिससे लार्ज कैप और मिड कैप दोनों पर दबाव आया।
ICICI Direct की एक रिपोर्ट के अनुसार,
“ट्रंप के इस ऐलान से विदेशी निवेशकों की धारणा पर गहरा असर पड़ा है। अगर टैरिफ सच में लागू होते हैं, तो बाजार को और करेक्शन झेलना पड़ सकता है।”
📉 टेक्निकल एनालिसिस: कहां तक गिर सकता है निफ्टी?
टेक्निकल एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर निफ्टी 21,900 के स्तर को कायम नहीं रख पाया, तो अगला सपोर्ट लेवल 21,600 तक जा सकता है। वहीं सेंसेक्स के लिए 71,500 का स्तर महत्वपूर्ण है।
📉 “यदि फॉलो-थ्रू सेलिंग जारी रहती है, तो बाजार 3%–5% तक और गिर सकता है।”
— Motilal Oswal Technical Research
📦 निवेशकों को क्या करना चाहिए?
- घबराएं नहीं – बाजार में गिरावट सामान्य है, खासकर वैश्विक दबावों के समय।
- कैश पोजिशन बनाए रखें – बाजार में खरीदारी के बेहतर मौके आ सकते हैं।
- डायवर्सिफिकेशन – केवल एक सेक्टर में न रहें, मल्टी-सेक्टर एक्सपोजर रखें।
- SIP जारी रखें – लॉन्ग टर्म निवेश के लिए गिरावट एक अवसर होती है।
विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि अभी बिकवाली करने की बजाय बाजार को कुछ दिन स्थिर होने दें।
📈 क्या यह गिरावट अस्थायी है?
पिछले अनुभवों के अनुसार, चुनावी बयानों के असर से बाजार कुछ दिन के लिए अस्थिर हो सकते हैं, लेकिन अगर नीति में वाकई बदलाव आता है, तब प्रभाव दीर्घकालिक हो सकता है। अगर अमेरिका वाकई 25% टैरिफ लागू करता है, तो भारत की निर्यात आधारित कंपनियों पर दीर्घकालिक दबाव रह सकता है।
🌐 ट्रंप की यह रणनीति वैश्विक व्यापार पर कैसे असर डालेगी?
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी केवल भारत तक सीमित नहीं है। उन्होंने पहले चीन, यूरोप और मेक्सिको को भी इसी प्रकार टारगेट किया था। अब जबकि वे 2024 चुनाव के लिए पुनः सक्रिय हैं, उनकी यह बयानबाज़ी वैश्विक व्यापार में तनाव पैदा कर सकती है।
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📢 सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन वाणिज्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय दोनों ही स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही कोई नीति वक्तव्य जारी हो सकता है।
🧠 विशेषज्ञों की राय
नाम | पद | टिप्पणी |
रेखा शर्मा | वित्त विश्लेषक | “यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन टैरिफ अगर लागू हुए तो बाजार में लंबी मंदी देखी जा सकती है।” |
आदित्य सिन्हा | ब्रोकरेज प्रमुख | “निवेशकों को अभी नई खरीदारी से बचना चाहिए और कैश रिज़र्व रखना बेहतर होगा।” |
🧾 निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान ने भारतीय शेयर बाजार को झटका दिया है। हालांकि यह संभव है कि यह केवल चुनावी दबाव बनाने की रणनीति हो, लेकिन जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, निवेशकों को सतर्क रहना होगा। सरकार की ओर से कोई स्पष्ट नीति प्रतिक्रिया आने के बाद ही बाजार स्थिरता की ओर लौट सकता है।
💬 आप क्या सोचते हैं?
क्या आपको लगता है ट्रंप का ये ऐलान केवल राजनीतिक चाल है? क्या भारत को अमेरिका के दबाव में आकर अपनी व्यापार नीति में बदलाव करना चाहिए?
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